हिंदी के प्रतिनिधि 11 बाल उपन्यास (संपादक-ज़ाकिर अली 'रजनीश')
हिंदी के प्रतिनिधि 11 बाल उपन्यास (संपादक-ज़ाकिर अली 'रजनीश')
वर्षा प्रकाशन, 778, मुट्ठीगंज, इलाहाबाद-211003
मोबाइल-094152 14878
11 बाल उपन्यास : प्रथम खण्ड
अंतू की आत्मकथा - डॉ. श्रीप्रसादहम होंगे कामयाब - ज़ाकिर अली 'रजनीश'
हांकू बाबा - रामनरेश उज्जवल
मिशन इम्पॉसिबल - रमाशंकर
गांव की तस्वीर - मो. साजिद खान
11 बाल उपन्यास : द्वितीय खण्ड
लाखों में एक - उषा यादवसीपियाण्डेला की सैर - शोभनाथ लाल
पापा की खोज - साबिर हुसैन
एक था रमुआ - रोहिताश्व अस्थाना
पीली फाइल - संजीव जायसवाल 'संजय'
बीनू का सपना - अखिलेश श्रीवास्तव 'चमन'
'11 बाल उपन्यास' पुस्तक के प्रथम खण्ड में संग्रहीत उपन्यास 'अंतू की आत्मकथा' एक सामाजिक बाल उपन्यास है, जिसमें गरीब परिवार में पैदा हुए बच्चे और उसकी त्रासदी का भावपूर्ण अंकन है। संग्रह का दूसरा उपन्यास 'हम होंगे कामयाब' बाल अधिकारों पर केंद्रित है। यह सेठ लक्खूलाल की कैद में काम करने वाले बंधुआ बच्चों को आजाद कराने की कहानी है। 'हांकू बाबा' एक हास्य उपन्यास है। इसके नायक हांकू बाबा को गप्प हांकने में महारत है। वे लोगों को हंसा कर अपने भीतर छिपे दर्द को दबाए रखते हैं। लेकिन अंत में कुछ ऐसा होता है कि वे गांव की इज्जत के लिए अपनी जान को भी दांव पर लगा देते हैं। संग्रह के अगला उपन्यास 'मिशन इम्पाॅसिबल' एक साहसिक कहानी है, जो आतंकवादियों से मुठभेड़ के बहाने आदिवासियों की परम्पराओं से भी परिचित कराती है। प्रथम खंड का अंतिम उपन्यास 'गांव की तस्वीर' विकास की दौड़ में पिसते और पीछे छूटते गांव के कटु यथार्थ को हमारे सामने लाती है और बदलाव की हृदयविदारक तस्वीर को प्रस्तुत करती है।
पुस्तक के द्वितीय खण्ड का पहला उपन्यास 'लाखों में एक' एक बुद्धिमान और बहादुर लड़की की दास्तान है, जो अपने कारनामों से अपने परिवार ही नहीं लोगों की सोच भी बदल देती है। 'सीपियाण्डेला की सैर' एक साइंस फैंटेसी है, जो अपनी अनूठी कहानी के द्वारा पाठकों को मंत्रमुग्ध करने में सक्षम है। 'पापा की खोज' दो साहसी बच्चों प्रदीप और सुदीप की कहानी है, जो जंगल में जड़ी बूटियां खोजने गये अपने पिता के खो जाने पर उन्हें खोजने का साहसिक कारनामा अंजाम देते हैं। '11 बाल उपन्यास' संग्रह का तीसरा उपन्यास 'एक था रमुआ' एक घुमंतू परिवार के लड़के रामू की कहानी है, जो यूं तो भाख मांगने का काम करता है, लेकिन जब एक दिन उसका आत्मसम्मान जाग उठता है, तो उसी स्टेशन का स्टेशन मास्टर बन जाता है, जहां वह भीख मांगा करता था। 'पीली फाइल' एक जासूसी कहानी है, जो रोचकता और रोमांच से भरपूर है और पाठकों को अंत तक बांधे रखती है। इस खण्ड का अंतिम उपन्यास 'बीनू का सपना' पर्यावरण पर केंद्रित एक जानकारीपरक उपन्यास है और पाठकों को जागरूक करने के उद्देश्य से रचा गया है।
जाकिर अली 'रजनीश' द्वारा संपादित अन्य पुस्तकें
प्रकाशक-मदनलाल कानोडिया एंड कंपनी (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003)
* एक सौ इक्यावन बाल कविताएं (वर्ष-2003)
प्रकाशक-मदनलाल कानोडिया एंड कंपनी (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
* तीस बाल नाटक (वर्ष-2003)
प्रकाशक-यश पब्लिकेशंस (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
* प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं (वर्ष-2003)
प्रकाशक-विद्यार्थी प्रकाशन, मुरारीलाल ट्रस्ट पाठशाला बिल्डिंग, अमीनाबाद, लखनऊ-226018
* अनन्त कुशवाहा की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष-2008)
प्रकाशक-लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
* यादराम रसेन्द्र की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष-2008)
प्रकाशक-लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
* उषा यादव की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष-2012)
प्रकाशक- लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
* मो. अरशद खान की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष-2012)
प्रकाशक-लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
बहुत बधाई..एवं शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
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