अंधे प्यार को दर्शाती एक सच्ची प्यार कहानी।
अनन्या ने जब 10वीं का इम्तहान पास किया, तो उसके मां—बाप बहुत खुश हुए। उन्होंने कस्बे के एक इंटर कॉलेज में उसका नाम लिखवा दिया। इंटर कालेज उसके घर से थोड़ी दूरी पर था। इसलिए उसके मां बाप ने किसी तरह पैसोें का जुगाड़ करके उसे एक पुरानी साइकिल भी दिला दी, जिससे अनन्या को स्कूल जाने में परेशानी न हो।
अनन्या जब साईकिल पर बैठ कर स्कूल जाती, तो उसे लगता जैसे वह आसमान में उड़ रही हो। यह उसका बहुत पुराना सपना था, जो उसके मां बाप की वजह से पूरा हुआ था। इसलिए वह रोज़ समय से स्कूल पहुंच जाती और मन लगाकर पढ़ाई करती।
लेकिन एक दिन अनन्या की जिंदगी में एक नया मोड़ आया। दोपहर का समय था। स्कूल से छुट्टी होने पर उसने अपनी साइकिल ली और घर की ओर चल पड़ी। लेकिन अभी वह थोड़ी दूर ही पहुंची थी कि पीछे से आती एक बाइक उसके बगल से गुजरी। बाइक को जो लड़का चला रहा था, वह उसका हमउम्र ही था। लड़के ने थोड़ा आगे जाकर अपनी बाइक रोक दी और अनन्या को रूकने का इशारा किया।
अनन्या उस लड़के को अक्सर रास्ते में देखा करती थी। जब भी वह स्कूल आती और स्कूल से जाती, तो वह लड़का सडक के किनारे खड़ा उसे निहारा करता था। शुरू—शुरू में उसे देख कर अनन्या को बहुत गुस्सा आता था, लेकिन धीरे-धीरे वह उसे अच्छा लगने लगा था।
इस तरह से रास्ते में रोके जाने से अनन्या घबरा सी गयी। पहले उसका मन हुआ कि वह अपनी साइकिल आगे बढ़ा दे, लेकिन फिर न जाने क्या सोच कर उसने अपनी साइकिल में ब्रेक लगा दिया। वह लड़का अनन्या के पास आ गया और धीरे से बोला- ''मेरा नाम सुमित है। मैं रोज आपको स्कूल जाते हुए देखता हूं। अगर आप बुरा न मानें तो मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं।''
'क्या?' अनन्या के मुंह से सिर्फ इतना ही निकला।
सुमित ने अपनी शर्ट की जेब से एक गुलाब की कली निकाल कर उसके हाथ में रख दी और उसकी मुटठी बंद करते हुए बोला- ''मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। उठते-बैठते, सोते जगते हर समय बस तुम्हारे बारे में सोचा करता हूं। मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है...''
सुमित और भी बहुत कुछ कहना चाहता था, पर अनन्या ने उसके होठों पर हाथ रख कर उसे चुप करा दिया।
''तो आपको मेरा प्यार कुबूल है?'' उस लड़के ने अनन्या की आंखों में आंखें डाल कर पूछा।
अनन्या शर्मा गयी। उसने चुपचाप हां में अपनी गर्दन हिलाई और साइकिल पर बैठ कर तेज तेज पैडल चलाती हुई अपने घर को चली गयी।
इस तरह अनन्या और सुमित में बातचीत की शुरूआत हो गयी। सुमित रोज उसके लिए कोई न कोई गिफ्ट लाता और उसके लिए जीने मरने की कसमें खाता। उसकी बातें सुनकर अनन्या दीवानी हो जाती और सपनों की दुनिया में खो जाती।
एक दिन सुमित ने अनन्या से कहीं घूमने चलने का आग्रह किया। पहले तो अनन्या ने हल्का सा ना नुकुर किया, लेकिन फिर वह तैयार हो गयी।
उस दिन अनन्या बहुत खुश थी। वह तय समय पर उस जगह पहुंच गयी, जहां पर सुमित ने उससे मिलने के लिए कहा था। सुमित ने अनन्या की साइकिल को एक दोस्त की दुकान पर खड़ी कर दी और अनन्या को बाइक पर बैठा कर चल पड़ा।
सुमित अनन्या को लेकर नदी के पास पहुंचा। वहां पर उसने अपनी बाइक खड़ी कर दी और दोनों लोग घास पर बैठ कर बातें करने लगे। सुमित ने अनन्या से एक दो बातें की, फिर वह उसके करीब आ गया और उसके चेहरे से खेलने लगा।
धीरे धीरे अनन्या पर एक नशा सा छाता चला गया। शायद वह सुमित के मन की बात समझ नहीं पाई। इसलिए उसने अपने आप को सुमित के हवाले कर दिया। दोनों लोग एक दूसरे के प्यार में खो गये और दो जिस्म एक जान हो गये।
अभी वे दोनों लोग ठीक से नार्मल भी न हो पाए थे कि तभी न जाने कहां से वहां पर तीन लड़के आ गये। उन्हें देखकर अनन्या हक्का-बक्का रह गयी और जल्दी—जल्दी अपने कपड़े सही करने लगी। यह देख कर एक लड़के ने उसका हाथ पकड़ लिया और अपने पास घसीटता हुआ बोला- ''इतनी भी क्या जल्दी है रानी, हम भी तो तुम्हारे दिवाने हैं। थोड़ा हमारा भी तो मनोरंजन कर दो।''
अनन्या ने कातर दृष्टि से सुमित की ओर देखा। पर वह अनन्या की मदद करने के बजाए, हंस रहा था। यह देख कर अनन्या का हृदय चीत्कार कर उठा। यानी कि यह सब सुमित की एक सोची समझी चाल थी?
अनन्या आगे कुछ सोच ही नहीं पाई। क्योंकि वे तीनों लड़के उसके उपर भूखे भेडिए की तरह टूट पड़े थे। अनन्या मदद के लिए चिल्लती रही और वे उसे नोचते-घसोटते रहे। कुछ ही पलों में अनन्या की सहनशक्ति ने जवाब दे दिया और वह बेहोश हो गयी।
लगभग एक घंटे के बाद अनन्या को होश आया। वे तीनों लड़के और सुमित वहां से जा चुके थे। दर्द की वजह से उसके शरीर की प्रत्येक नस फट रही थी। उसकी आंखों के आगे अंधेरा छाया हुआ था। उसके सारे सपने ध्वस्त हो चुके थे, उसे अपना जीवन समाप्त होता हुआ नज़र आ रहा था।
अनन्या सोचती रही कि क्यों मैंने सुमित की बातों पर विश्वास किया? क्यों मैं उसके साथ बस्ती से इतनी दूर यहां पर आई? अब मैं क्या मुंह लेकर अपने घर जाऊंगी? अपने मां-बाप को क्या बताऊंगी? मेरा ये हाल देखकर वे तो जीतेजी मर जाएंगे।
अनन्या के शरीर में बिलकुल भी शक्ति नहीं बची थी। वह किसी तरह घिसटती हुई नदी के किनारे पहुंची। नदी का पानी कल-कल करता हुआ तेजी से बह रहा था। अनन्या ने एक बार फिर अपने गरीब मां-बाप के बारे में सोचा! लेकिन साथ ही सुमित का चेहरा भी उसकी आंखों के आगे तैर गया। और इसके साथ ही क्रोध, खीझ और घिन के मिले जुले भाव से उसका शरीर कांपने लगा।
अनन्या ने अपने दांतों को किटकिटाया, अपने शरीर की बची खुशी ताकत इकट्ठा किया और धीरे से खड़ी की। उसने अपनी आंखें बंद कर लीं, हाथों को जोड़ कर मन ही मन अपने माता पिता से माफी मांगी और फिर नदी में छलांग लगा दी।
अगले ही पल अनन्या नदी में डूबने उतराने लगी। लेकिन अब न तो वह किसी को अपनी जान बचाने के लिए पुकार रही थी और न ही बचने के लिए संघर्ष कर रही थी। उसका मन अब भी अपने बेवफा प्रेमी के बारे में सोच रहा था। वह सोच रही थी कि क्यों मैंने उसकी बातों पर इतना ऐतबार कर लिया, क्यों मैंने उससे अंधा प्यार किया, क्यों मैं उसकी नियत को समझ नहीं पाई? अगर मैं ऐसा कर पाती, तो शायद.... और फिर वह नदी की गहराई में डूबती चली गयी।
दोस्तो, किसी से प्यार करना, किसी पर ऐतबार करना बुरा नहीं है, लेकिन अपने भीतर जज़्बातों को पहचानने की क्षमता भी रखिए। किसी की बातों पर ऐतबार करने से पहले उसे एक बार ज़रूर परखिए, किसी को अपना तन-मन सौंपने से पहले उसके परिणामों के बारे में भी ज़रूर सोचिए। नहीं तो आप भी अनन्या की तरह धोखा खा सकते हैं, आप भी उसकी तरह ठगे जा सकते हैं।
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AAJ KAL KI PIDHI YE SMAJHTI KAHA HAI....
हटाएंEk dm shi bhai ji
हटाएंKisi bhi ladke kitna nhi girna chahiye
हटाएंएक दम सही कहा
हटाएंएक दम सही कहा
हटाएंyou are write freinds
हटाएंYour are great
हटाएंBILKUL SAHI STORY HE LIKE IT
हटाएंSahi baat hai
हटाएंSahi baat hai
हटाएंKuch lasso kids wash so Abbi lake Breads kahlate hai
हटाएंVery good story
हटाएंITS NOT LIKE THAT KI AAJKL KI PIDHI Y NAI SMJHTI ..... HADSE KISI K BHI SATH HO SKTE HAIN
हटाएंit's like a good story.. you don't trust anyone quickly.. love is a unique felling, never hurt to any people who loves you
हटाएंit's like a good story.. you don't trust anyone quickly.. love is a unique felling, never hurt to any people who loves you
हटाएंIt is a very good story nd aajkal really mai hum had kishi par bhut jaldi yakin kar lete hai . Nd ye nahi sochte isse aage kya hoga
हटाएंIt's is really good story nd ye aaj kal ke relation mai hone vali realty ko batata hai
हटाएंIt's realy a good story nd ye aaj kal ke relationship ki realty ko batata hai
हटाएंstory is very nice
हटाएंlove is frod
हटाएंlove is frod
हटाएंशीखने के लिए तो बहुत कुछ है लेकिन मैं यही कहूंगा कि आप भावनाओ में बहने से पहले दिमाग से खूब अच्छे से सोच ले।।।।।
हटाएंSahi Kaha Kabhi Kisi Par Yakin Nahi Karna Chahiye
हटाएंyeh bat teek h pr sab ek jaese ni hote
हटाएंNice stories love is blind
हटाएंहकीकत के बहुत करीब है ये कहानी। इससे मिलते जुलते वाकिये लगभग हर रोज पढ़ने सुनने को मिलते हैं।
हटाएंmuje yah story bahut achi lagi
हटाएं👌👌👌
हटाएंLadkiyo ko soch samj kar ladko ko Ha kahana cahiye...
हटाएंBilkul sahi n Jane ye kitno ke kahane hoge
हटाएंBt sir pyr mai kaha kuch pt chlta h ki ky shi h ky glt
हटाएंलड़के ने गलत किया लड़की के साथ
हटाएंलड़का धोखेबाज निकला
मैं भी एक लड़की से प्यार करता हूँ और वो भी मुझे प्यार करती है
लेकिन मैं कभी उसके साथ ऐसा नही कर सकता
i hate love
हटाएंKiya ye story hakikat me huaa hai. To bhut buri hai. Ha yadi ye story kalpanik hai to larki ko marne se achchha hota ki wo jinda rheti . Aur ayese larko ko saja dilwati.
हटाएंwhatever the case is ... at last society points to girl only . In this story also it is indicated that girl was emotional and she was responsible for rape . Not any nice story .
हटाएंPyar me andha hona bewakufi hai..
हटाएंAgar ho Pyar to please apne jism se na khelne Dena...
Dhokhe baj to koi v ho sakta hai ladka ya ladki v
हटाएंऐसी घटनाएं पढ़कर तो मुझे रुलाई आती है कि कास भगवान मुझे भी लड़की बनाये होते तो हो सकता है कि मुझे भी कोई लड़का गुलाब देता।तो मेरा दिल नही टूटता।
हटाएंSahi baat hain
हटाएंAise ldko ka jnm b n ho .....
हटाएंI hate love
हटाएंVery nice
हटाएंप्यार करो तो उसे पुरी तरीके से निभाओ नही तो कोई हक नही बनता किसी को किसी के दिल से खेलने का ....
हटाएंSachchi mohabbat kisi ka poora nahi hota ye main keh raha hoon kyunki mere saath jo ghatna hui aapke saath ghati hoti to sayad aap bhi yahi bolte har ladke aur ladki ki yahi chahat hoti hai ke uska humsafar usse itna pyar kare ke zindagi ki har mod par uska saath de aur woh handsome ho height acchi ho weight bhi aur smart tarike ka rehan sehan ho par main smart to hoon par meri height normal hai aur main pehle jisse pyar karta tha khair ab usse main breakup kar liya hoon woh mujhse height me jada lambi ho gayi hai jiske wajah se main ab use chodh diya hoon ab main kahi aur sift ho gaya us jagah se ab wahi pari main tution coaching teacher ban gaya hoon hamare yaha 6th class se lekar collage tak ka padhai hota hai bus main collage ki ladki aur ladko ko padhata tha bus ek ladki jise main roj acche se samjha ta poora dhyan deta us par har ek diffrent question ka answer bata diya karta tha jiski wajah se woh mujhe ijjat karti thi jaise uske saath main apna har ek pal guzara kyun collage se hi uska aur hamara rista bana kyunki uske mummi papa nahi hai is dunia me ye sab baat main usse collage ke dino me puch liya tha uski mousi ne use pala posa padhaya likhaya aur aaj humari shadi ho chuki hai dosto main to naam batana bhool gaya apni gf ka ayesha naam hai uska kaisa laga story dosto please commet hera mera naam to samir hai
हटाएंStory is very nice
हटाएंप्यार को सिर्फ शब्दों में बयां और बांधा नहीं जा सकता I क्यों ?
हटाएंप्यार को सिर्फ प्यार समझना और समझाने में फर्क सिर्फ इतना हैं कि जब खुद पर बीते तो समझना हैं और जब दुसरो के साथ हो तो समझाना हैं I पर प्यार को खुदा की सबसे अच्छी नियामत बताया ओर कहा जाता है प्यार करने और करने वालों की हमेशा इज्ज़त करनी चाहिए ,प्यार जहाँ होता है वही पर दुनिया का नया जन्म होता है .... इसलिए ' कुछ भी करने से पहले अंजाम के बारे में सोचो.......
बिल्कुल सही
हटाएंसही
हटाएंमुहब्बत की मुहब्बत के सिवा कीमत नहीं होती
हटाएंवह आइना नहीं जिसमें कोई सूरत नहीं होती