जाकिर अली 'रजनीश' द्वारा संपादित प्रतिनिधि बाल साहित्य
'प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं' हिंदी विज्ञान कथाओं का एक प्रतिनिधि संकलन है, जिसे लोकप्रिय विज्ञान कथाकार डॉ0 जाकिर अली 'रजनीश' ने संपादित किया है। इस संग्रह में 31 रचनाकारों की 31 चुनिंदा बाल विज्ञान कथाएं संग्रहीत हैं। संकलन में संग्रहीत विज्ञान कथाओं का विवरण निम्नानुसार है:
2. चाकलेट का पेड़ (उषा यादव) पृष्ठ सं0-10
3. यह मैं हूं (मनोहर वर्मा) पृष्ठ सं0-16
4. रूबी का रोबोट (ज़ाकिर अली 'रजनीश) पृष्ठ सं0-19
5. आज और कल (प्रभात गुप्त) पृष्ठ सं0-25
6. नीली पहाड़ी के पीछे (विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी) पृष्ठ सं0-31
7. नज़रों से दूर (साजिद खान) पृष्ठ सं0-37
8. देवलोक के रहस्य (डा. राजीव रंजन उपाध्याय) पृष्ठ सं0-42
9. डॉ. के0 के0 के0 (श्रीप्रसाद) पृष्ठ सं0-44
10. अगर सच होता (रमाशंकर) पृष्ठ सं0-50
11 प्लैनेट एक्स (शकुंतला वर्मा) पृष्ठ सं0-57
12. वेगा का मानव (अजित कुमार बनर्जी) पृष्ठ सं0-67
13. बड़प्पन की मशीन (हुंदराज बलवाणी) पृष्ठ सं0-72
14. तोते का आईक्यू (हरदर्शन सहगल) पृष्ठ सं0-76
15. बूम्बा जूम्बा (मोहम्मद फहीम) पृष्ठ सं0-79
16. रोबोट का कमाल (संजीव जायसवाल संजय) पृष्ठ सं0-85
17. चमत्कारी चंदन (रंजना सक्सेना) पृष्ठ सं0-89
18. उड़नतश्तरी (नागेश पांडेय 'संजय') पृष्ठ सं0-92
19. ग्रेट साइंटिस्ट (जीशान ज़ैदी) पृष्ठ सं0-95
20. अनोखी अदालत (रमेश सोमवंशी) पृष्ठ सं0-99
21. क्रिस्टल सेवल (नाहिद फरजाना) पृष्ठ सं0-105
22. छोटा सा प्रयोग (राधेलाल नवचक्र) पृष्ठ सं0-110
23. आखिर कब तक? (स्पप्निल भारतीय) पृष्ठ सं0-113
24. शैनटो का रोबो (साबिर हुसैन) पृष्ठ सं0-117
25. इकोलॉजिकल बैलेंस (दीपक कुमार 'मनीष') पृष्ठ सं0-121
26. हरे मानव (हरीश गोयल) पृष्ठ सं0-126
27. चमत्कार का रहस्य (शकुंतला कालरा) पृष्ठ सं0-139
28. कहीं ऐसा न हो (मो0 अरशद खान) पृष्ठ सं0-143
29. छुटकारा (राजीव सक्सेना पृष्ठ) सं0-148
30. आई उड़नतश्तरी (मनीष मोहन गोरे) पृष्ठ सं0-153
31. रोबोट का करिश्मा (परशुराम शुक्ल) पृष्ठ सं0-158
'प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं' पुस्तक में सम्पादक ने विज्ञान कथाओं का संक्षिप्त परिचय देते हुए कुछ बुनियादी सवाल उठाए हैं। पुस्तक की भूमिका इस प्रकार है:
हिन्दी में विज्ञान कथा की यह धारा हालांकि आधुनिक कहानी के साथ ही १६०० ई० में बाबू केशव प्रसाद सिंह की 'चंद्रलोक की यात्रा' के साथ पहुंची, लेकिन वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के अभाव में हमारे साहित्यिक समाज में इसे पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं प्राप्त हो सका। यही कारण है कि बच्चों के लिए विशेष रूप से विज्ञान कथाएं लिखने वाले लोग उंगलियों पर गिनने के लिए भी नहीं मिलते।
यदि हम हिन्दी में लिखी जा रही विज्ञान कथाओं पर एक विहंगम दृष्टि डालें, तो जो बात साफ तौर पर उभर कर सामने आती है, वह यह है कि उनमें कल्पना की मात्रा इतना ज्यादा हो जाती है कि वे यथार्थ से बुरी तरह से कट जाती हैं। इसके अलावा अतिरंजित कल्पनाओं से त्रस्त इन कहानियों में जिस चीज का बुरी तरह से अभाव खलता है, वह है तर्कबद्धता और विश्वसनीयता । यही कारण है कि वे रचनाएं हमें रोमांचित तो करती हैं, पर 'ईदगाह' या 'बूढ़ी काकी' की तरह बेधर्ती नहीं। शायद विज्ञान कथाओं की असफलता का यही सबसे प्रमुख कारण है, जो विज्ञान कथाकारों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।
जो देश कक्षा नौ के स्तर पर ही विद्यार्थियों को विज्ञान और कला के स्तर पर बांट देने के लिए अभिशप्त हो और जहां पर अफवाहों के फेर में मूर्तियों को दूध पिलाने के लिए दुधमुहों का दूध छीन लिया जाता हो, वहां पर विज्ञान कथा को आधुनिक कहानी के समानान्तर प्रतिष्ठा कैसे दिलायी जा सकती है? यह एक ऐसा सवाल है, जो रचनाकारों से गम्भीर विमर्श की मांग करता है।तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी विवशताओ और सीमाओं में रहकर मैंने आपके लिए बाल विज्ञान कथाओं के इस गुलदस्ते में कुछ फूल सजाने का प्रयत्न किया है। सहयोगी रचनाकारों को धन्यवाद देते हुए मैं यह आशा करता हूं कि मेरे इस लघु प्रयास से संचित ये फूल आपको पसंद आएंगे।
इसी आशा के साथ.....।
आपका
ज़ाकिर अली 'रजनीश'
'प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं' पुस्तक में संकलित रचनाएं
1. रोबो मेरा यार (डॉ. अरविंद मिश्र) पृष्ठ सं0-62. चाकलेट का पेड़ (उषा यादव) पृष्ठ सं0-10
3. यह मैं हूं (मनोहर वर्मा) पृष्ठ सं0-16
4. रूबी का रोबोट (ज़ाकिर अली 'रजनीश) पृष्ठ सं0-19
5. आज और कल (प्रभात गुप्त) पृष्ठ सं0-25
6. नीली पहाड़ी के पीछे (विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी) पृष्ठ सं0-31
7. नज़रों से दूर (साजिद खान) पृष्ठ सं0-37
8. देवलोक के रहस्य (डा. राजीव रंजन उपाध्याय) पृष्ठ सं0-42
9. डॉ. के0 के0 के0 (श्रीप्रसाद) पृष्ठ सं0-44
10. अगर सच होता (रमाशंकर) पृष्ठ सं0-50
11 प्लैनेट एक्स (शकुंतला वर्मा) पृष्ठ सं0-57
12. वेगा का मानव (अजित कुमार बनर्जी) पृष्ठ सं0-67
13. बड़प्पन की मशीन (हुंदराज बलवाणी) पृष्ठ सं0-72
14. तोते का आईक्यू (हरदर्शन सहगल) पृष्ठ सं0-76
15. बूम्बा जूम्बा (मोहम्मद फहीम) पृष्ठ सं0-79
16. रोबोट का कमाल (संजीव जायसवाल संजय) पृष्ठ सं0-85
17. चमत्कारी चंदन (रंजना सक्सेना) पृष्ठ सं0-89
18. उड़नतश्तरी (नागेश पांडेय 'संजय') पृष्ठ सं0-92
19. ग्रेट साइंटिस्ट (जीशान ज़ैदी) पृष्ठ सं0-95
20. अनोखी अदालत (रमेश सोमवंशी) पृष्ठ सं0-99
21. क्रिस्टल सेवल (नाहिद फरजाना) पृष्ठ सं0-105
22. छोटा सा प्रयोग (राधेलाल नवचक्र) पृष्ठ सं0-110
23. आखिर कब तक? (स्पप्निल भारतीय) पृष्ठ सं0-113
24. शैनटो का रोबो (साबिर हुसैन) पृष्ठ सं0-117
25. इकोलॉजिकल बैलेंस (दीपक कुमार 'मनीष') पृष्ठ सं0-121
26. हरे मानव (हरीश गोयल) पृष्ठ सं0-126
27. चमत्कार का रहस्य (शकुंतला कालरा) पृष्ठ सं0-139
28. कहीं ऐसा न हो (मो0 अरशद खान) पृष्ठ सं0-143
29. छुटकारा (राजीव सक्सेना पृष्ठ) सं0-148
30. आई उड़नतश्तरी (मनीष मोहन गोरे) पृष्ठ सं0-153
31. रोबोट का करिश्मा (परशुराम शुक्ल) पृष्ठ सं0-158
'प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं' पुस्तक में सम्पादक ने विज्ञान कथाओं का संक्षिप्त परिचय देते हुए कुछ बुनियादी सवाल उठाए हैं। पुस्तक की भूमिका इस प्रकार है:
अपनी बात ('प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं' पुस्तक की भूमिका)
विश्व साहित्य में 'विज्ञान कथा' को प्रतिष्ठा दिलाने में जिन लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं, उनमें जूल्स बर्न और एच.जी. वेल्स के नाम प्रमुख हैं। यह उनकी सशक्त लेखनी का ही सुपरिणाम था कि जहां उन्होने कहानी के पारम्परिक ढर्रे को तोड़ने का दुस्साहस किया, वहीं उसे लोकप्रियता के ऊचे पायदान तक पहुंचाया।हिन्दी में विज्ञान कथा की यह धारा हालांकि आधुनिक कहानी के साथ ही १६०० ई० में बाबू केशव प्रसाद सिंह की 'चंद्रलोक की यात्रा' के साथ पहुंची, लेकिन वैज्ञानिक पृष्ठभूमि के अभाव में हमारे साहित्यिक समाज में इसे पर्याप्त प्रोत्साहन नहीं प्राप्त हो सका। यही कारण है कि बच्चों के लिए विशेष रूप से विज्ञान कथाएं लिखने वाले लोग उंगलियों पर गिनने के लिए भी नहीं मिलते।
यदि हम हिन्दी में लिखी जा रही विज्ञान कथाओं पर एक विहंगम दृष्टि डालें, तो जो बात साफ तौर पर उभर कर सामने आती है, वह यह है कि उनमें कल्पना की मात्रा इतना ज्यादा हो जाती है कि वे यथार्थ से बुरी तरह से कट जाती हैं। इसके अलावा अतिरंजित कल्पनाओं से त्रस्त इन कहानियों में जिस चीज का बुरी तरह से अभाव खलता है, वह है तर्कबद्धता और विश्वसनीयता । यही कारण है कि वे रचनाएं हमें रोमांचित तो करती हैं, पर 'ईदगाह' या 'बूढ़ी काकी' की तरह बेधर्ती नहीं। शायद विज्ञान कथाओं की असफलता का यही सबसे प्रमुख कारण है, जो विज्ञान कथाकारों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।
जो देश कक्षा नौ के स्तर पर ही विद्यार्थियों को विज्ञान और कला के स्तर पर बांट देने के लिए अभिशप्त हो और जहां पर अफवाहों के फेर में मूर्तियों को दूध पिलाने के लिए दुधमुहों का दूध छीन लिया जाता हो, वहां पर विज्ञान कथा को आधुनिक कहानी के समानान्तर प्रतिष्ठा कैसे दिलायी जा सकती है? यह एक ऐसा सवाल है, जो रचनाकारों से गम्भीर विमर्श की मांग करता है।तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी विवशताओ और सीमाओं में रहकर मैंने आपके लिए बाल विज्ञान कथाओं के इस गुलदस्ते में कुछ फूल सजाने का प्रयत्न किया है। सहयोगी रचनाकारों को धन्यवाद देते हुए मैं यह आशा करता हूं कि मेरे इस लघु प्रयास से संचित ये फूल आपको पसंद आएंगे।
इसी आशा के साथ.....।
आपका
ज़ाकिर अली 'रजनीश'
'प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं' पुस्तक विद्यार्थी प्रकाशन, लखनऊ से वर्ष 2003 में प्रकाशित हुई है। प्रकाशक का पता निम्नवत है: विद्यार्थी प्रकाशन, मुरारीलाल ट्रस्ट पाठशाला बिल्डिंग, अमीनाबाद, लखनऊ-226018
जाकिर अली 'रजनीश' द्वारा संपादित प्रतिनिधि बाल साहित्य
*इक्कीसवीं सदी की बाल कहानियां (वर्ष–1998)
समकालीन हिन्दी बाल कहानियों का प्रतिनिधि संकलन (2 खण्डों में 107 कहानियां संकलित)
(प्रकाशक-मदनलाल कानोडिया एंड कंपनी (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003)
*एक सौ इक्यावन बाल कविताएं (वर्ष–2003)
58 हिन्दी बाल कवियों की 151 कविताओं का प्रतिनिधि संकलन।
प्रकाशक- मदनलाल कानोडिया एंड कंपनी (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*तीस बाल नाटक (वर्ष–2003)
30 नाटककारों के अभिनेय नाटकों का प्रतिनिधि संग्रह।
प्रकाशक- यश पब्लिकेशंस (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं (वर्ष–2003)
31 रचनाकारों की प्रतिनिधि विज्ञान कथाओं का संकलन।
प्रकाशक- विद्यार्थी प्रकाशन, मुरारीलाल ट्रस्ट पाठशाला बिल्डिंग, अमीनाबाद, लखनऊ-226018
*ग्यारह बाल उपन्यास (वर्ष–2006) - पुस्तक आनलाइन खरीदें
11 बाल उपन्यासकारों (डा0 श्रीप्रसाद, जाकिर अली ‘रजनीश’, रामनरेश उज्जवल, रमाशंकर, मो0 साजिद खान, उषा यादव, शोभनाथ लाल, साबिर हुसैन, रोहिताश्व अस्थाना, संजीव जायसवाल ‘संजय’ एवं अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’) की प्रतिनिधि रचनाओं का संकलन।
प्रकाशक-वर्षा प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*अनन्त कुशवाहा की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष–2008) - पुस्तक आनलाइन खरीदें
अनन्त कुशवाहा की प्रतिनिधि 19 बाल कहानियों का संकलन।
प्रकाशक-लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*यादराम रसेन्द्र की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष–2008)
लम्बी समालोचनात्मक भूमिका के साथ यादराम रसेन्द्र की प्रतिनिधि 20 बाल कहानियों का संकलन।
प्रकाशक-लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*उषा यादव की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष–20012)
लम्बी समालोचनात्मक भूमिका के साथ उषा यादव की प्रतिनिधि 21 बाल कहानियों का संकलन।
प्रकाशक- लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*मो. अरशद खान की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष–20012)
लम्बी समालोचनात्मक भूमिका के साथ मो. अरशद खान की प्रतिनिधि 20 बाल कहानियों का संकलन।
प्रकाशक- लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
समकालीन हिन्दी बाल कहानियों का प्रतिनिधि संकलन (2 खण्डों में 107 कहानियां संकलित)
(प्रकाशक-मदनलाल कानोडिया एंड कंपनी (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003)
*एक सौ इक्यावन बाल कविताएं (वर्ष–2003)
58 हिन्दी बाल कवियों की 151 कविताओं का प्रतिनिधि संकलन।
प्रकाशक- मदनलाल कानोडिया एंड कंपनी (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*तीस बाल नाटक (वर्ष–2003)
30 नाटककारों के अभिनेय नाटकों का प्रतिनिधि संग्रह।
प्रकाशक- यश पब्लिकेशंस (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं (वर्ष–2003)
31 रचनाकारों की प्रतिनिधि विज्ञान कथाओं का संकलन।
प्रकाशक- विद्यार्थी प्रकाशन, मुरारीलाल ट्रस्ट पाठशाला बिल्डिंग, अमीनाबाद, लखनऊ-226018
*ग्यारह बाल उपन्यास (वर्ष–2006) - पुस्तक आनलाइन खरीदें
11 बाल उपन्यासकारों (डा0 श्रीप्रसाद, जाकिर अली ‘रजनीश’, रामनरेश उज्जवल, रमाशंकर, मो0 साजिद खान, उषा यादव, शोभनाथ लाल, साबिर हुसैन, रोहिताश्व अस्थाना, संजीव जायसवाल ‘संजय’ एवं अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’) की प्रतिनिधि रचनाओं का संकलन।
प्रकाशक-वर्षा प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*अनन्त कुशवाहा की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष–2008) - पुस्तक आनलाइन खरीदें
अनन्त कुशवाहा की प्रतिनिधि 19 बाल कहानियों का संकलन।
प्रकाशक-लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*यादराम रसेन्द्र की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष–2008)
लम्बी समालोचनात्मक भूमिका के साथ यादराम रसेन्द्र की प्रतिनिधि 20 बाल कहानियों का संकलन।
प्रकाशक-लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*उषा यादव की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष–20012)
लम्बी समालोचनात्मक भूमिका के साथ उषा यादव की प्रतिनिधि 21 बाल कहानियों का संकलन।
प्रकाशक- लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
*मो. अरशद खान की श्रेष्ठ बाल कथाएँ (वर्ष–20012)
लम्बी समालोचनात्मक भूमिका के साथ मो. अरशद खान की प्रतिनिधि 20 बाल कहानियों का संकलन।
प्रकाशक- लहर प्रकाशन (साहित्य भंडार), 50, चाहचंद, जीरो रोड, इलाहाबाद-211003
रोचक..
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