Science fiction history in hindi
यह प्रसन्नता का विषय है कि विज्ञान कथा को लेकर अब विश्वविद्यालयों में भी जागरूकता देखने को मिल रही है। यही कारण है कि अब गाहे-बगाहे विज्ञान कथा को लेकर चर्चाएं देखने को मिलने लगी हैं।
इसी क्रम में ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ में दिनांक 3 फरवरी, 2015 को हिन्दी विभाग द्वारा 'हिन्दी में विज्ञान कथा लेखन' विषयक एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मैंने इस वयाख्यान में विज्ञान कथा को लेकर विस्तार से बातें कीं और निम्न बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। हिन्दी में विज्ञान कथा का लेकर इतना काम किया जा चुका है, यह जानकर विद्यार्थी और शिक्षक दोंनों लोगों ने आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता व्यक्त की।
डॉ. जाकिर अली रजनीश का बुके देकर स्वागत, साथ में सुश्री बुशरा अलवेरा एवं श्री शहबाज़ अली खान |
अंग्रेजी साहित्य में प्रचलित शब्द - साइंस फिक्शन, साइंस फैंटेसी, साइंटिफिक्शन
फिक्शन- लैटिन शब्द, अर्थ-आविष्कार करना
फैंटेसी- यूनानी शब्द, अर्थ- कल्पना करने से
विज्ञान कथा: परिभाषा
‘साइंटिफिक्शन’ से मेरा अभिप्राय ऐसी कहानियों से है, जिसमें आकर्षक रोमांस के साथ दूरदर्शिता का सम्मिश्रण हो। -ह्यूगो गर्न्सबैक, सम्पादक, अमेजिंग स्टोरीज
विज्ञान कथा साहित्य की वह विधा है, जो मानव समाज पर प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक तथ्य और युगदृष्टा की जनित बदलावों की एक पूर्वानुमानित झलक प्रस्तुत करती है। -आइजक आसिमोव
‘साइंटिफिक्शन’ से मेरा अभिप्राय ऐसी कहानियों से है, जिसमें आकर्षक रोमांस के साथ दूरदर्शिता का सम्मिश्रण हो। -ह्यूगो गर्न्सबैक, सम्पादक, अमेजिंग स्टोरीज
विज्ञान कथा साहित्य की वह विधा है, जो मानव समाज पर प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक तथ्य और युगदृष्टा की जनित बदलावों की एक पूर्वानुमानित झलक प्रस्तुत करती है। -आइजक आसिमोव
विज्ञान कथा की आम समझ:
*जो कथा विज्ञान को केन्द्र में रखकर बुनी जाए, वह विज्ञान कथा कहलाती है।
*जो कथा वैज्ञानिक सिद्धाँतों, प्रकियाओं के फलस्वरूप उपजी हो, वह विज्ञान कथा कहलाने की अधिकारी है।
*जो कथा विज्ञान तत्व को केन्द्र में रखकर इस तरह से कल्पना की उड़ान भरे कि वह विज्ञान सम्मत नजर आए, वही सच्ची विज्ञान कथा है।
*जो कथा विज्ञान को केन्द्र में रखकर बुनी जाए, वह विज्ञान कथा कहलाती है।
*जो कथा वैज्ञानिक सिद्धाँतों, प्रकियाओं के फलस्वरूप उपजी हो, वह विज्ञान कथा कहलाने की अधिकारी है।
*जो कथा विज्ञान तत्व को केन्द्र में रखकर इस तरह से कल्पना की उड़ान भरे कि वह विज्ञान सम्मत नजर आए, वही सच्ची विज्ञान कथा है।
हिन्दी में प्रचलित नाम: विज्ञान कथा, विज्ञान गल्प, वैज्ञानिक कहानी
विज्ञान कथा: प्रारम्भ
पहली विज्ञान कथा- फ्लाइंग मशीन (कलाकृति- 1488) चित्रकार- लियोनार्दो द विन्सी फ्रेंकेंस्टीन (उपन्यास-1818) लेखिका- मेरी शैली, पत्नी पी.बी. शैली (कवि)
पहली विज्ञान कथा- फ्लाइंग मशीन (कलाकृति- 1488) चित्रकार- लियोनार्दो द विन्सी फ्रेंकेंस्टीन (उपन्यास-1818) लेखिका- मेरी शैली, पत्नी पी.बी. शैली (कवि)
विज्ञान कथा: प्रमुख लेखक
फ्रेंच लेखक- जूल्स वर्न चर्चित उपन्यास- फाइव वीक्स इन ए बैलून (1863) ए जर्नी टू द सेंटर ऑफ अर्थ, फ्रॉम द अर्थ टू द मून, एराउंड द मून, एराउंड द वर्ड इन 80 डेज, आदि 5 दर्जन उपन्यास.
फ्रेंच लेखक- जूल्स वर्न चर्चित उपन्यास- फाइव वीक्स इन ए बैलून (1863) ए जर्नी टू द सेंटर ऑफ अर्थ, फ्रॉम द अर्थ टू द मून, एराउंड द मून, एराउंड द वर्ड इन 80 डेज, आदि 5 दर्जन उपन्यास.
अंग्रेज लेखक- एच. जी. वेल्स
चर्चित उपन्यास-
द टाइम मशीन (1895)
द इनविजिबल मैन,
द वार ऑफ द वर्ल्डस,
द फर्स्ट मैन इन द मून.
हिन्दी विज्ञान कथा की शुरूआत:
आश्चर्य वृत्तांत (उपन्यास, अम्बिका दत्त व्यास) पीयूष प्रवाह, (धारावाहिक, 1884-88) ए जर्नी टू द सेंटर ऑफ अर्थ(जूल्स वर्न) से प्रेरित, चंद्रलोक की यात्रा (कहानी, केशव प्रसाद सिंह) सरस्वती, जून 1900, भाग-1, संख्या-6 फ्रॉम द अर्थ टू द मून (जूल्स वर्न) से प्रेरित
आश्चर्य वृत्तांत (उपन्यास, अम्बिका दत्त व्यास) पीयूष प्रवाह, (धारावाहिक, 1884-88) ए जर्नी टू द सेंटर ऑफ अर्थ(जूल्स वर्न) से प्रेरित, चंद्रलोक की यात्रा (कहानी, केशव प्रसाद सिंह) सरस्वती, जून 1900, भाग-1, संख्या-6 फ्रॉम द अर्थ टू द मून (जूल्स वर्न) से प्रेरित
डॉ; ज़ाकिर अली रजनीश, विज्ञान कथा के बारे में बताते हुए |
आश्चर्यजनक घंटी (कहानी) सरस्वती, सन 1908 लेखक- सत्यदेव परिव्राजक (ध्वनि अनुनाद पर आधारित)
हिन्दी के प्रमुख लेखक (प्रारम्भिक काल):
दुर्गा प्रसाद खत्री- सुवर्ण रेखा, स्वर्गपुरी, सागर सम्राट और साकेत (उपन्यास), राहुल सांकृत्यायन- बाइसवीं सदी, डॉ. ब्रजमोहन गुप्त- दीवार कब गिरेगी, यमुना दत्त वैष्णव अशोक- अस्थिपंजर, शैलगाथा, पुरस्कृत विज्ञान कथा साहित्य, डॉ. सम्पूर्णानंद- पृथ्वी के सप्तर्षि मण्डल, डॉ. नवल बिहारी मिश्र- अधूरा आविष्कार एवं सत्य और मिथ्या
दुर्गा प्रसाद खत्री- सुवर्ण रेखा, स्वर्गपुरी, सागर सम्राट और साकेत (उपन्यास), राहुल सांकृत्यायन- बाइसवीं सदी, डॉ. ब्रजमोहन गुप्त- दीवार कब गिरेगी, यमुना दत्त वैष्णव अशोक- अस्थिपंजर, शैलगाथा, पुरस्कृत विज्ञान कथा साहित्य, डॉ. सम्पूर्णानंद- पृथ्वी के सप्तर्षि मण्डल, डॉ. नवल बिहारी मिश्र- अधूरा आविष्कार एवं सत्य और मिथ्या
हिन्दी के प्रमुख लेखक (मध्य काल):
डॉ. ओमप्रकाश शर्मा (महामानव की मंगल यात्रा, जीवन और मानव, गाँधी युग पुराण एवं युगमानव), आचार्य चतुरसेन शास्त्री (खग्रास), रमेश वर्मा (सिंदूरी ग्रह की यात्रा, अंतरिक्ष स्पर्श, अंतरिक्ष के कीड़े), रमेश दत्त शर्मा (प्रयोगशाली प्राण, हरा मानव, हंसोड़ जीन), कैलाश शाह (मृत्युंजयी, असफल विश्वामित्र, मशीनों का मसीहा), माया प्रसाद त्रिपाठी (आकाश की जोड़ी एवं साढ़े सात फुट की तीन औरतें), राजेश्वर गंगवार (शीशियों में बंद दिमाग, साढ़े सैंतीस वर्ष), प्रेमानंद चंदोला (खामोश आहट, चीखती टप-टप)
डॉ. ओमप्रकाश शर्मा (महामानव की मंगल यात्रा, जीवन और मानव, गाँधी युग पुराण एवं युगमानव), आचार्य चतुरसेन शास्त्री (खग्रास), रमेश वर्मा (सिंदूरी ग्रह की यात्रा, अंतरिक्ष स्पर्श, अंतरिक्ष के कीड़े), रमेश दत्त शर्मा (प्रयोगशाली प्राण, हरा मानव, हंसोड़ जीन), कैलाश शाह (मृत्युंजयी, असफल विश्वामित्र, मशीनों का मसीहा), माया प्रसाद त्रिपाठी (आकाश की जोड़ी एवं साढ़े सात फुट की तीन औरतें), राजेश्वर गंगवार (शीशियों में बंद दिमाग, साढ़े सैंतीस वर्ष), प्रेमानंद चंदोला (खामोश आहट, चीखती टप-टप)
हिन्दी के प्रमुख लेखक (आधुनिक काल):
देवेन्द्र मेवाड़ी (भविष्य, कोख), डॉ. अरविंद मिश्र (एक और क्रौंच वध, कुंभ के मेले में मंगलवासी), शुकदेव प्रसाद (हिमीभूत और अन्य विज्ञान कथाएँ, भारतीय विज्ञान कथाएँ), राजीव रंजन उपाध्याय (आधुनिक ययाति, सूर्य ग्रहण), ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ (गिनीपिग, विज्ञान कथाएँ), हरीश गोयल (तीसरी आँख, ऑपरेशन पुनर्जन्म), ज़ीशान हैदर जैदी (प्रोफेसर मंकी, ताबूत), मनीष मोहन गोरे (325 साल का आदमी), कल्पना कुलश्रेष्ठ (उस सदी की बात), अमित कुमार (प्रतिद्वंद्वी)
देवेन्द्र मेवाड़ी (भविष्य, कोख), डॉ. अरविंद मिश्र (एक और क्रौंच वध, कुंभ के मेले में मंगलवासी), शुकदेव प्रसाद (हिमीभूत और अन्य विज्ञान कथाएँ, भारतीय विज्ञान कथाएँ), राजीव रंजन उपाध्याय (आधुनिक ययाति, सूर्य ग्रहण), ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ (गिनीपिग, विज्ञान कथाएँ), हरीश गोयल (तीसरी आँख, ऑपरेशन पुनर्जन्म), ज़ीशान हैदर जैदी (प्रोफेसर मंकी, ताबूत), मनीष मोहन गोरे (325 साल का आदमी), कल्पना कुलश्रेष्ठ (उस सदी की बात), अमित कुमार (प्रतिद्वंद्वी)
प्रमुख बाल विज्ञान कथाकार:
हरिकृष्ण देवसरे (लावेनी, डॉ. बोमा की डायरी, दूसरे ग्रहों के गुप्तचर), विभा देवसरे (शनिलोक की यात्रा), राजीव सक्सेना (धरती के कैदी, अंतरिक्ष का संदेश), साबिर हुसैन (पीली धरती), ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ (समय के पार, ह्यूमन ट्रांसमिशन, चमत्कार, गणित का जादू), इरा सक्सेना (कम्प्यूटर के जाल में), विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी (अंतरिक्ष के लुटेरे), अरविंद मिश्र (राहुल की मंगलयात्रा), हरीश गोयल, बुशरा अलवेरा (प्लूटो तुम्हें क्यों निकाला), अन्य लेखक: योगेश गुप्त, सत्येंद्र शरत, नीलम राकेश, रमेश सोमवंशी, जीशान जैदी, सुबोध महंती, रामवचन सिंह आनंद, मालती वसंत, रमाशंकर, संजीव जायसवाल संजय, साजिद खान, अरशद खान, अरविंद दुबे आदि...
हरिकृष्ण देवसरे (लावेनी, डॉ. बोमा की डायरी, दूसरे ग्रहों के गुप्तचर), विभा देवसरे (शनिलोक की यात्रा), राजीव सक्सेना (धरती के कैदी, अंतरिक्ष का संदेश), साबिर हुसैन (पीली धरती), ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ (समय के पार, ह्यूमन ट्रांसमिशन, चमत्कार, गणित का जादू), इरा सक्सेना (कम्प्यूटर के जाल में), विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी (अंतरिक्ष के लुटेरे), अरविंद मिश्र (राहुल की मंगलयात्रा), हरीश गोयल, बुशरा अलवेरा (प्लूटो तुम्हें क्यों निकाला), अन्य लेखक: योगेश गुप्त, सत्येंद्र शरत, नीलम राकेश, रमेश सोमवंशी, जीशान जैदी, सुबोध महंती, रामवचन सिंह आनंद, मालती वसंत, रमाशंकर, संजीव जायसवाल संजय, साजिद खान, अरशद खान, अरविंद दुबे आदि...
हिन्दी विज्ञान कथा: प्रमुख पुस्तकें
बीता हुआ भविष्य, सं.-बाल फोंडके, नेशनल बुक ट्रस्ट, दिल्ली (1994),
प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं, सं.-ज़ाकिर अली रजनीश, विद्यार्थी प्रकाशन, लखनऊ (2003),
विज्ञान बाल कथाएं, सं.-रमाशंकर, विभा प्रकाशन, इला0 (1997),
भारतीय विज्ञान कथाएं, (2 भाग) सं.-शुकदेव प्रसाद, किताबघर प्रकाशन, दिल्ली (2004),
बाल विज्ञान कथाएं, सं.-शुकदेव प्रसाद, किताबघर प्रकाशन, दिल्ली (2007),
विज्ञान कथा का सफर, डॉ. अरविंद मिश्र, मनीष मोहन गोरे, मंजुली प्रकाशन, दिल्ली (1997)
प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं, सं.-ज़ाकिर अली रजनीश, विद्यार्थी प्रकाशन, लखनऊ (2003),
विज्ञान बाल कथाएं, सं.-रमाशंकर, विभा प्रकाशन, इला0 (1997),
भारतीय विज्ञान कथाएं, (2 भाग) सं.-शुकदेव प्रसाद, किताबघर प्रकाशन, दिल्ली (2004),
बाल विज्ञान कथाएं, सं.-शुकदेव प्रसाद, किताबघर प्रकाशन, दिल्ली (2007),
विज्ञान कथा का सफर, डॉ. अरविंद मिश्र, मनीष मोहन गोरे, मंजुली प्रकाशन, दिल्ली (1997)
हिन्दी विज्ञान कथाएं: एक विहंगावलोकन:
100 साल का सफर (1908-2014), कल्पना की प्रधानता (एच.जी. वेल्स प्रभाव), स्वरूप का भ्रम, मौलिकता का संकट, साहित्यिक मानदण्डों की उपेक्षा, वैज्ञानिक सिद्धांतों की अवहेलना
100 साल का सफर (1908-2014), कल्पना की प्रधानता (एच.जी. वेल्स प्रभाव), स्वरूप का भ्रम, मौलिकता का संकट, साहित्यिक मानदण्डों की उपेक्षा, वैज्ञानिक सिद्धांतों की अवहेलना
विज्ञान कथाओं काे स्थान देने वाली पत्रिकाएं:
सरस्वती, धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, सारिका, विज्ञान प्रगति, पराग, सुमन सौरभ, विज्ञान कथा आदि
सरस्वती, धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, सारिका, विज्ञान प्रगति, पराग, सुमन सौरभ, विज्ञान कथा आदि
अन्य भारतीय भाषाओं में विज्ञान कथाएं:
बंगला- प्रमेन्द्र मित्र (मनु द्ववादेश), सुजीत धर (आश्चर्य, विस्मय), घन्श्याम दास (मोशा), शीर्षेन्दु मुखोपाध्याय (बेला), अनीस देब (नीली विपत्ति), लीला मजूमदार, सत्यजीत राय (प्रोफेसर शंकु), सै0 मुस्तफा सिराज (सहारार संत्रास), बिमल कर (हरानो जीपेर रहस्य), सुनील गंगोपाध्याय (किशोर कल्प विज्ञान समग्र) आदि
मराठी-
जयंत विष्णु नार्लीकर (यक्षोपहार, वामन नहीं लौटा, विस्फोट), बाल फोंडके (खिड़की की आंखें, बहुरूपिया), लक्ष्मण लोंढ़े (दूसरा आइंस्टाइन, संभवामि युगे-युगे), सुबोध जावड़ेकर (अंधेरा सफर), निरंजन एस. घाटे (पुरूष) आदि।
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विज्ञान कथा के 100 साल
समकालीन बाल विज्ञान कथाएं: एक अवलोकन
विज्ञान कथाएं:क्या सोचते हैं विज्ञान कथाकार
समकालीन बाल विज्ञान कथाएं: एक अवलोकन
विज्ञान कथाएं:क्या सोचते हैं विज्ञान कथाकार
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Very informative and systematically presented!
जवाब देंहटाएंShukriya Arvind Ji.
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