अपनी पिछली पोस्ट ' क्या आप दूसरों के ब्लॉग फ्री में फॉलो करते हैं ' के क्रम में फॉलोअर से जुड़ी एक छोटी किन्तु महत्वपूर्ण बा...
अपनी पिछली पोस्ट 'क्या आप दूसरों के ब्लॉग फ्री में फॉलो करते हैं' के क्रम में फॉलोअर से जुड़ी एक छोटी किन्तु महत्वपूर्ण बात।
पिछले दिनों बर्धा में आयोजित ब्लॉगर सम्मेलन में एक मुझे एक मजेदार ब्लॉगर मिले। उन्होंने अपना एक अनुभव सुनाते हुए कहा कि मैं एक ब्लॉगर को अपना सच्चा दोस्त समझता था। उसकी सभी पोस्ट पढ़ता था और हर एक पे कमेंट करता था। साथ ही मैंने उसके सभी ब्लॉग फॉलो भी कर रखे थे, जिससे उसकी सभी पोस्टों के प्रकाशन की सूचना समय पर मिल सके। पर एक दिन जब उसकी असलियत पता चली, तो मुझे बहुत दु:ख हुआ। उस दिनसे मैंने उसके ब्लॉग पर जाना छोड़ दिया।
मैंने पूछा- आखिर आपको ऐसी कौन सी बात पता चल गयी, जिससे आपने उससे सम्बंध ही समाप्त कर लिया।
वे बोले- एकदिन मैं उसकी प्रोफाईल देख रहा था। प्रोफाइल में जब मैंने उसके द्वारा फॉलो किये हुए ब्लॉगों की लिस्ट देखी, तो मुझे बहुत दु:ख हुआ। उस धोखेबाज ने मेरे एक भी ब्लॉग फॉलो नहीं किये थे।
यह कोई गप्प नहीं है, यह आपके साथ भी हो सकता है। सोचिए, कोई आपका बड़ा फैन हो और अगर उसको आपकी फालोअर लिस्ट (जोकि प्रोफाइल में डिफाल्ट रूप से दिखती रहती है) में अपने ब्लॉग का नाम न मिले, तो उसे कितना दु:ख होगा।
इसलिए इससे पहले कि आपके साथ ऐसा हो जाए, आप चेत जाऍं और अपनी प्रोफाइल को एडिट करके उसमें से पॉंचवे क्रम में स्थित ऑप्शन से टिक का ऑप्शन हटा दें। उसके बाद आप एम0 ए0 शर्मा 'सेहर' की तरह आप भी इंटेलिजेन्ट ब्लॉगर कहलाऍंगे और बिना वजह अपनी फॉलोअर लिस्ट से किसी को नहीं चिढ़ाऍंगे।
सेहर जी को बधाई और आपको धन्यवाद। आपका सुझाव सदैव रहेगा याद।
जवाब देंहटाएंबढ़िया सुझाव!
जवाब देंहटाएं:) अच्छा सुझाव है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सुझाव दिया.लेकिन एक बात और भी हो सकती है वो यह की ब्लॉग फोलो करने के दो तरीके हैं--
जवाब देंहटाएंजब आप किसी ब्लॉग को फोलो करना चाहते हैं तब आप के पास विकल्प होता है कि आप उस ब्लॉग को(१) सार्वजनिक रूप से फोलो करें या(२) निजी रूप से.
अगर सार्वजनिक रूप से फोलो किया है तो वो ब्लॉग सूची में दिखेगा और यदि निजी रूप से फोलो किया है तो वो ब्लॉग केवल आप के डैशबोर्ड में ही दिखेगा;फोलो किये गए ब्लोग्स की सूची में नहीं.
इसलिए ये भी हो सकता है की उन सज्जन का ब्लॉग शायद निजी रूप से फोलो किया गया हो और अपना ब्लॉग उस सूची में न पाकर बिना वजह निराश हो रहे हों.
यशवंत भाई, आपकी बात से मैं भी सहमत हूँ। पर मुझे लगता है कि ब्लॉग को निजी या गुप्त रूप से फॉलो बहुत कम लोग करते होंगे। मैं तो ऐसा बिलकुल नहीं करता। क्योंकि ऐसा करने पर फॉलो किये गये ब्लॉग पर फॉलोअर का प्रोफाइल फोटो भी नहीं दिखता।
जवाब देंहटाएंक्या सेहर जी के अलावा इतने बड़े ब्लॉग जगत में कोई और इस तरह का ब्लॉगर नहीं मिला, जिसका आप उल्लेख करते?
जवाब देंहटाएंमैंने तो बहुत कम बलोग फोलो कर रखे है लेकिन फीड से बहुत सारे ब्लॉग पढ़ता हूँ | गूगल रीडर तो बना ही इसी काम के लिये है| जब भी कोइ नई पोस्ट बनती है मुझे तुरंत इसकी सूचना मिल जाती है कुछ ब्लोगरो ने तो फोलो करने वाले विजित बार ही नहीं लगा रखे है उन्हें कैसे फो्लो करे|एसी परिस्थिति से बचने के लिये गूगल रीडर सबसे बढ़िया और एक मात्र उपाय है |
जवाब देंहटाएंबेनामी भाई, आप ऐसे ब्लॉगर के प्रोफलाइल का पता बतादें, मुझे पोस्ट में उनका नाम शामिल करके प्रसन्नता होगी।
जवाब देंहटाएंनरेश जी, जिस ब्लॉगर्स ने अपने ब्लॉग पर फॉलो करने वाले विजेट नहीं लगा रखे हैं, उन्हें अपने डैशबोर्ड में नीचे की ओर दिये हुए ऑप्शन के जरिए भी फॉलो किया जा सकता है।
जवाब देंहटाएंसुझाव तो बढ़िया है, लेकिन फोलो करने या ना करने से क्या होता है, लेख़ पढता कौन है, यह अधिक जानना अधिक ज़रूरी है.
जवाब देंहटाएंऐसा भी होता है ??
जवाब देंहटाएंसोचता हूं,फॉलोअर और टिप्पणी वाले लिंक न होते,तो लोगबाग ब्लॉगिंग करते या नहीं।
जवाब देंहटाएंज्यादा टिप्पणियाँ, ज्यादा फालोवर्स.....
जवाब देंहटाएंदिल को खुश रखने को गालिब ये ख्याल अच्छा है :)
अच्छा सुझाव है.
जवाब देंहटाएंसेहर जी एक ब्रिलिएंट ब्लॉगर हैं मगर न तो मुझे फालो करती हैं और नहीं मेरे ब्लॉग पर कभी आती हैं ! :)
जवाब देंहटाएं00/10
जवाब देंहटाएंबरखुदार आप कहना क्या चाहते हैं ?
हम उन्हीं का गाना सुनेंगे जो लोग मेरा बेसुरा गाना सुनेंगे ? हम उन्हीं की पेंटिंग देखेंगे जो हमारी बेढब चित्रकारी देखेंगे ? हम उन्हीं को पढेंगे जो हमारी बकवास को झेलेंगे ?
पं.डी.के.शर्मा"वत्स" ने कहा…
जवाब देंहटाएंज्यादा टिप्पणियाँ, ज्यादा फालोवर्स.....
दिल को खुश रखने को गालिब ये ख्याल अच्छा है :)
रजनीश जी,
जवाब देंहटाएंयहां सामने दिखाई दे रही सभी 7 पोस्ट देख गया, सब की सब ब्लॉगरी पर ही हैं. ब्लॉग पर, ब्लॉगर द्वारा, ब्लॉग के लिए ... सब कुछ ब्लॉगमय लगने लगा.
ऐसी कोई बात नहीं है।
जवाब देंहटाएंमैं तो अनेकों ऐसे लोगों के साइट्स पर जाता हूं, फ़ॉलो करता हूं जो मुझे नहीं करते। पर कई बार टिप्पणी भी दे जाते हैं।
मेरे अपने च्वायस हैं, उनके अपने।
अच्छा सुझाव है :)
जवाब देंहटाएंअरे भाई सच ये है कि मैं आपका अनुयाई हूं , शैदाई हूं ! फिर इससे आगे की क्यों सोचूँ ? ब्लॉगर हूं महाराज , सौदागर तो नहीं ?
जवाब देंहटाएंया फिर मतलब ये कि जो फालोवर हैं वही पढेंगे आपको ?
[ आज सुबह ही एक गाना देख रहा था टीवी पर 'तौबा तौबा इश्क मैं करियां' लारा दत्ता / इशा देवल को पूरा गाना फालो किया मैंने :) ]
इससे तो अच्छा है कि उन ब्लॉगर्स के ब्लॉग्स को फॉलो ही कर लिया जाए जो नियमित रूप से आपके ब्लॉग में आते हैं और आपके ब्लॉग को फॉलो करते हैं। वैसे भी ऑप्शन हटाने से तो ये छिपेगा नहीं जिसे देखना होगा वो अपने ब्लॉग के फॉलोअर्स लिस्ट में जाकर देख लेगा।
जवाब देंहटाएंराधारमण जी, मनोज जी और अली जी की टिप्पणियाँ मुझे बड़ी अच्छी लगीँ।
जवाब देंहटाएंराधारमण जी क्या बात कही आपने अगर सचमुच ऐसा होता तो अब की तुलना में शायद10% से भी कम ब्लॉगर होते। :-)
बढ़िया सुझाव है :)
जवाब देंहटाएंमैं गूगल रीडर के माध्यम से सारे ब्लॉग पढ़ता हूँ।
जवाब देंहटाएंNice :) let's c how to not annoy my followers:)
जवाब देंहटाएंNice :) let's c how to not annoy my followers:)
जवाब देंहटाएंमैंने 2 ब्लाग फ़ौलो किए और मेरा 40 ने ।
जवाब देंहटाएंउनकी तरफ से तो अभी तक कोई शिकायत नहीं आई ।
सुझाव अच्छा है ...
जवाब देंहटाएंमगर जो फोलोवर हैं , वो पढ़ें भी ...जो नहीं है वो नहीं पढ़ें ...जरुरी भी नहीं ...!
@ पंडित वत्स जी, खुश रखने के ही तरीके तो खोजता रहता है इंसान। अगर उन तरीकों में एक यह भी शामिल हो जाए, तो बुरा क्या है? :)
जवाब देंहटाएं@ उस्ताद जी, अगर हम मान रहे हैं कि हम बेसुरा गाते हैं और लोग फिरभी उसे सुन रहे हैं, तो ऐसे लोगों की कभी-कभी तो सुन ही लेनी चाहिए। और इस सुनने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का नाम फॉलोअर सिस्टम है। :)
जवाब देंहटाएंऔर यदि आप यह मानते हैं कि फॉलो करना हर व्यक्ति की व्यक्गित च्वाइस है, तो भी अपनी प्रोफाइल में इसका प्रदर्शन कहॉं तक उचित है। क्या यह एक प्रकार से स्वयं द्वारा अपनी ही निजता का हनन नहीं हुआ। :)
@ अली भाई, आपने अपने ब्लॉग पर फॉलोअर गैजेट नहीं लगाया है, इसके बावजूद भी मैंने आपको फॉलो किया हुआ है। क्या इसका निहातार्थ भी बताना पडेगा।:)
जवाब देंहटाएं@डॉ0 अनवर जमाल साहब, आपके जैसा धुंआधार लेखक हर कोई तो नहीं हो सकता न। :)
जवाब देंहटाएंअपनी अपनी मर्जी.. मुझे अच्छा लगा तो फोलो किया... कोई जबरदस्ती नहीं की आप मुझे फोलो करें या न करें..
जवाब देंहटाएंदिल तो बच्चा है जी...
जाकिर भाई ... सच कहूँ तो इस पोस्ट आपकी पोस्ट वाली वह बात नहीं दिखी जो आम तौर पर आपकी पोस्टो पर दिखती है हलाकि इस बार भी आपने एक बढ़िया जानकारी दी है पर क्या फर्क पड़ता है यार .... मैं खुद कम से कम १५० ब्लॉग फॉलो करता हूँ पर मेरे ब्लॉग को फॉलो करने वाले इस के आधे भी नहीं है ! क्या कर सकते है और फिर सब को खुश भी तो नहीं रखा जा सकता !
जवाब देंहटाएंपहले तो अच्छी बात बताई मेरे कई फालोवर है जिनको मै फालो नहीं करती हु अब करने लगूंगी | पर समस्या ये है की कई ऐसे है जो फालोवर तो बन गए पर कभी टिप्पणी नहीं करते है और कई ऐसे है जो फालोवर तो नहीं बने पर अक्सर टिप्पणिया कर जाते है | फिर ये भी सही है की ये जरुरी नहीं है की मुझे उनका पोस्ट पसंद आये तो उनको भी मेरे पोस्ट पसंद आये सभी का अपना नजरिया भी है | मै जिनको फलो करती हु प्रयास करती हु की उनको पढ़ती भी रहू और टिप्पणी भी देती रहू तो समय सिमित होने के कारण कम लोगो को फालो करती हु |
जवाब देंहटाएंआपकी बातों का भी ध्यान देना होगा..ब्लॉगिंग जगत में भी बहुत से नियम है..बढ़िया आलेख..धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबढ़िया टिप्स...मगर मूल बात यह है कि चालाकि अधिक दिन तक टिकाऊ नहीं रहती...वास्तविकता सभी भांप जाते हैं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया टिप्स...मगर मूल बात यह है कि चालाकि अधिक दिन तक टिकाऊ नहीं रहती...वास्तविकता सभी भांप जाते हैं।
जवाब देंहटाएंउस धोखेबाज ने मेरे एक भी ब्लॉग फॉलो नहीं किये थे। (कुमार राधारमण जी की फ़ोटो मेरी मानी जाए)
जवाब देंहटाएंसही है भैया
जवाब देंहटाएंसच्ची हमतो फ़ालो कर लिये अब बेबाक़ बयानी की वज़ह से आप पे फ़िदा हैं बधाई
ब्लाग4वार्ता :83 लिंक्स
मिसफ़िट पर बेडरूमम
ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें!
जवाब देंहटाएं