बात को आगे बढ़ाने से पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मैं न तो कोई बड़ा ब्लॉगर हूँ और न ही स्वयं को तीसमारखाँ मानने का भ्रम पालता ह...
बात को आगे बढ़ाने से पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मैं न तो कोई बड़ा ब्लॉगर हूँ और न ही स्वयं को तीसमारखाँ मानने का भ्रम पालता हूँ। लेकिन बावजूद इसके कुछ छोटी-छोटी गल्तियाँ करते हुए अक्सर बड़े-बड़े ब्लॉगर को देखता हूँ। इसीलिए छोटी सी गलती, जो बड़े-बड़े ब्लॉगर करते हैं की दूसरी कड़ी लिखने के लिए विवश हुआ हूँ।
पिछले दिनों मुझे आगरा और जौनपुर जाना हुआ था, जहाँ पर कई ब्लॉगरों से मुलाकात हुई थी। इन दोनों जगहों पर मेरे साथ एक समान घटना हुई। जब वहाँ के ब्लॉगर से मुलाकात हुई, तो कुछ लोगों ने अपने-अपने विजिटिंग कार्ड भी मुझे दिये। मैंने जब कार्ड को ध्यान से देखा, तो दो कार्डों में एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण गल्ती देखने को मिली।
वह गल्ती यह थी कि उन दोनों सज्जनों ने अपने विजिटिंग कार्ड पर अपने ब्लॉग का पता भी लिखा हुआ था। लेकिन पते में http:// के स्थान पर उन्होंने www दर्शाया हुआ था। शायद ऐसे आपको यह बात समझ में न आ रही हो, इसलिए मैं आपको उदाहरण देना चाहूँगा। जैसे कि मेरे इस ब्लॉग 'मेरी दुनिया मेरे सपने' का एड्रेस है http://me.scientificworld.in/ अब यदि मैं इसे www.me.scientificworld.in/ लिखूँ, तो यह गलत होगा। ऐसा करने से एक तो आपका ब्लॉग खुलेगा नहीं, दूसरा यदि कोई जानकार व्यक्ति इसे पढ़ेगा, तो वह आपके ऊपर हंसेगा। इसलिए यदि आप ब्लॉगर हैं और अपना विजिटिंग कार्ड छपवा रहे हैं, तो प्लीज इस छोटी सी गल्ती को कत्तई न दोहराएँ।
अब आप यह जरूर पूछोगे कि आखिर इस http:// www और चक्कर क्या है? तो मामला यह है कि जब कोई व्यक्ति डोमेन नेम खरीदता है, तो उसे http://www. के साथ नाम मिलता है। जैसे साइंटिफिक वर्ल्ड डॉट इन http://www.scientificworld.in/ 'साइंटिफिक वर्ल्ड' समूह का खरीदा हुआ डोमेन है, जिसपर उसके तमाम ब्लॉग चलते हैं। यानी कि मेन डोमेन पर 'साइंटिफिक वर्ल्ड' http://www.scientificworld.in/, तथा उसपर सब डोमेन लगाकर 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' http://blog.scientificworld.in/ आदि ब्लॉग चलाए जाते हैं। यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि जब किसी डोमेन पर सब डोमेन लगाए जाते हैं, तो उसके पते में से www गायब हो जाता है और सिर्फ http:// रह जाता है। यही कारण है कि चाहे ब्लॉग स्पॉट पर स्थापित कोई ब्लॉग हो अथवा किसी खरीदे हुए डोमेन पर सब डोमेन लगाकर चलने वाले ब्लॉग, सभी के पते में शुरू में http:// ही रहता है।
आशा है यह छोटी सी जानकारी आप उपयोग में लाएँगे और आगे से हर किसी को अपने ब्लॉग का सही पता बताएँगे। आखिर यह ब्लॉगर्स की इज्जत का सवाल है भई। क्यों, सही कहा न?
aap sahi kah rahe honge.. par utsuktaavas chrome main www.aadityaranjan.blogspot.com type kiyaa... or khul gayaa.. :)
जवाब देंहटाएंlekin pataa to sahi honaa hi chaahiye...
ब्लागर्स की महिमा अनंत।
जवाब देंहटाएंरंजन जी, मोजिला में इस तरह से पता टाइप करने पर नहीं खुलता है, जबकि इंटरनेट एक्सप्लोरर में टाइप करने पर वह सर्च पृष्ठ पर फारवर्ड कर देता है। हाँ, क्रोम में कभी ट्राई नहीं किया।
जवाब देंहटाएंजाकिर जी ... जानकारी तो बहुत लाजवाब है ....अच्छी जानकारी है ....
जवाब देंहटाएंThank u sir.
जवाब देंहटाएंअरे!
जवाब देंहटाएंतभी तो!
बिल्कुल सही स्पेलिंग लिखने के बाद भी कई साईटें/ब्लॉग खुलती ही नहीं थी और मैं सोच रहा था कि क्या कारण है?
बहुत बढिया जानकारी दी जी आपने
हार्दिक धन्यवाद
प्रणाम
रंजन जी, आपकी बात से मन में शक का कीड़ा कुलबुला रहा था, सोचा इसे क्लियर कर लिया जाए, इसलिए तुरंत ही क्रोम इंस्टाल करने बैठ गया। क्रोम इंस्टाल होते ही उस पर 'मेरी दुनिया मेरे सपने' का गलत पता www.za.samwaad.com/ टाइप किया, आशा के अनुरूप ब्लॉग नहीं खुला। दूसरा बार 'तस्लीम' का गलत पता www.ts.samwaad.com/ टाइप किया, तो उसने पूछा 'डिड यू मीन फलां फला?' उसे क्लिक करने पर ब्लॉग खुल गया, लेकिन तीसरा पता 'बालमन' www.bm.samwaad.com/ का टाइप करने पर फिर नहीं खुला।
जवाब देंहटाएंजहाँ तक आपके ब्लॉग खुल जाने की बात है, तो वह इसलिए हुआ क्योंकि आप क्रोम पर अपना ब्लॉग रोज ही खोलते रहते हैं, इसलिए मेमोरी से क्रोम ने सही पता पढ लिया और पता गलत टाइप होने के बावजूद उसे खोल दिया। जबकि दूसरे पतों में ऐसा नहीं होता है, इसलिए वे नहीं खुलते हैं।
Very informative.
जवाब देंहटाएंसाधारण लेकिन सावधानी युक्त जानकारी, आभार
जवाब देंहटाएंआभार इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए
जवाब देंहटाएंregards
Jay ho gurudev!
जवाब देंहटाएंaapne to hamari aankhen khol diya varna.... pata nahi hamara bhi ijjat ka sawal tha
-bhuwnesh
काम की जानकारी मिली आभार..
जवाब देंहटाएंजी ये तो सच में ही काम की जानकारी दी आपने ....हम तो विजिटिंग कार्ड की जगह अब अपना फ़ोटो ही पकडा देंगे अब ..कि लो गूगल में ऐसा थोबडा ढूंढ लो..ब्लॉग भी मिल ही जाएगा देर सवेर ...हा हा हा
जवाब देंहटाएंMAIN HTTP:// AUR WWW. KA FARQ SAN 001 SE JANTA HOON...
जवाब देंहटाएंSAARTHAK JANKARI
जानकारी के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंजाकिर भाई, बहुत से ऐसे भी ब्लौगर हैं जिन्होंने www के मोह के कारण अपने ब्लौग्स्पोट वाले ब्लौग में भी कहीं न कहीं www लगा रखा है.
जवाब देंहटाएंतभी हम आज तक इज्जत बरकरार रखे हुए हैं..क्यों कि हमें इस बात की जानकारी थी :)
जवाब देंहटाएंअच्छी बात- मगर गल्ती की गलती ?
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी।
जवाब देंहटाएंजय हो !
जवाब देंहटाएंएक बहुत ही उपयोगी जानकारी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
अलाउद्दीन के शासनकाल में सस्ता भारत-१, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
अभिलाषा की तीव्रता एक समीक्षा आचार्य परशुराम राय, द्वारा “मनोज” पर, पढिए!
पर मेरा ब्लाग तो खुल रहा है, नीचे लिखे दोनों पते ट्राई कर लिए :-(
जवाब देंहटाएंhttp://www.kajalkumarcartoons.blogspot.com/
या
http://kajalkumarcartoons.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मैं न तो कोई बड़ा ब्लॉगर हूँ
जवाब देंहटाएं--इतनी शानदार जानकारी तो बड़ा क्या..बड़का ब्लॉगर ही दे सकता है..पक्का यह आपका गलत स्टेटमेन्ट है, कृप्या वापस लें. :)
wonderful information..thanks.
जवाब देंहटाएंबहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी! आपने बिलकुल सही कहा.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी के लिए आपका आभार ...
जवाब देंहटाएंनीरज
महत्त्वपूर्ण जानकारी ..
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिए शुक्रिया.
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएं.
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अच्छी, महत्वपूर्ण व उपयोगी जानकारी...
आभार!
...
वाकई .. छोटी किन्तु महत्वपूर्ण बात.
जवाब देंहटाएंआमतौर पर लोग इन छोटी छोटी बातों का ध्यान नहीं रखते .
बहुत अच्छी जानकारी आपने दी है .... हर कोई इस बात से वाकिफ नहीं होता बस हमारा ब्लॉग खुलता है मतलब www यही आम आदमीकी सोच है ...
जवाब देंहटाएंvery Nice and informative post for everyone new in computer field.
बहुत ही बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी दी है आपने! बहुत बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी...आभार
जवाब देंहटाएंआपने अच्छा ध्यान दिलाया!
जवाब देंहटाएं--
आपने भी "गलती" को गल्ती लिख ही दिया!
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ध्यान दिलाने से सुधार हो जाता है!
आपने अच्छा ध्यान दिलाया!
जवाब देंहटाएं--
आपने भी "गलती" को गल्ती लिख ही दिया!
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ध्यान दिलाने से सुधार हो जाता है!
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसही ध्यान दिलाया है । वैसे हमने तो लिखा ही नहीं है । यानि न काम करो , न गलतियाँ होंगी ।
जवाब देंहटाएंबात तो बिलकुल सही है ....आभार
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पधारें ...
विरक्ति पथ
अरविंद जी, शुक्रिया। गिरिजेश जी की मेहनत रंग ला रही है। :)
जवाब देंहटाएंवह गल्ती यह थी कि उन दोनों सज्जनों ने अपने विजिटिंग कार्ड पर अपने ब्लॉग का पता भी लिखा हुआ था। लेकिन पते में http:// के स्थान पर उन्होंने www दर्शाया हुआ था। शायद ऐसे आपको यह बात समझ में न आ रही हो, इसलिए मैं आपको उदाहरण देना चाहूँगा। जैसे कि मेरे इस ब्लॉग 'मेरी दुनिया मेरे सपने' का एड्रेस है http://za.samwaad.com/ अब यदि मैं इसे www.za.samwaad.com/ लिखूँ, तो यह गलत होगा। ऐसा करने से एक तो आपका ब्लॉग खुलेगा नहीं, दूसरा यदि कोई जानकार व्यक्ति इसे पढ़ेगा, तो वह आपके ऊपर हंसेगा। इसलिए यदि आप ब्लॉगर हैं और अपना विजिटिंग कार्ड छपवा रहे हैं, तो प्लीज इस छोटी सी गल्ती को कत्तई न दोहराएँ।
जवाब देंहटाएंAchchha !? achchha hai maine kabhi is bare mein nahin socha
gyaan badhane ke liye shukriya :)
जवाब देंहटाएंमैं विजिटिंग कार्ड छपवाने ही वाला था। बचा लिया आपने गलती करने से।
जवाब देंहटाएंब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें!
जवाब देंहटाएं