महारानी अहिल्याबाई होलकर का इतिहास Ahilyabai Holkar History in Hindi
HomeMotivationmotivational biography

महारानी अहिल्याबाई होलकर का इतिहास Ahilyabai Holkar History in Hindi

SHARE:

Ahilyabai Holkar History in Hindi

चन्द्रशेखर आजाद: चंद्रशेखर से 'आजाद' बनने का सफर
सावित्रीबाई फुले जीवन परिचय : Savitribai Phule Biography in Hindi
अटल बिहारी वाजपेयी जीवन परिचय – Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi
आज हम आपके लिए अहिल्याबाई होलकर का इतिहास Ahilyabai Holkar History in Hindi लेकर आए हैं। रानी अहिल्याबाई भारतीय इतिहास की वह महान महिला हैं, जिन्होंने अपने सेवा भावना से होल्कर वंश की महारानी से लोक नायक ( Devi Ahilyabai Holkar ) का गौरव प्राप्त किया। यही कारण है कि भारतीय इतिहास की महान स्त्रियों ( Great Womens of Indian History ) में उनका नाम बेहद सम्मान के साथ लिया जाता है। हमें आशा है कि लोक माता अहिल्या बाई होल्कर अहिल्याबाई होलकर का इतिहास Ahilyabai Holkar Biography आपको पसंद आएगा।

Ahilyabai Holkar History in Hindi

-प्रदीप कुमार सिंह

अनेक महापुरूषों के निर्माण में नारी का प्रत्यक्ष या परोक्ष योगदान रहा है। कहीं नारी प्रेरणा-स्रोत तथा कहीं निरन्तर आगे बढ़ने की शक्ति रही है। भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही नारी का महत्व स्वीकार किया गया है। हमारी संस्कृति का आदर्श सदैव से रहा है कि जिस घर नारी का सम्मान होता है वहाॅ देवता वास करते हैं। भारत के गौरव को बढ़ाने वाली ऐसी ही एक महान नारी लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर का जन्म 31 मई, 1725 को औरंगाबाद जिले के चैड़ी गांव (महाराष्ट्र) में एक साधारण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम मानकोजी शिन्दे था और इनकी माता का नाम सुशीला बाई था। अहिल्या बाई होल्कर के जीवन को महानता के शिखर पर पहुंचाने में उनके ससुर मल्हार राव होलकर मुख्य भूमिका रही है।

देवी अहिल्या बाई होल्कर ने सारे संसार को अपने जीवन द्वारा सन्देश दिया कि हमें दुख व संकटों में भी परमात्मा का कार्य करते रहना चाहिए। सुख की राह एक ही है प्रभु की इच्छा को जानना और उसके लिए कार्य करना। सुख-दुःख बाहर की चीज है। आत्मा को न तो आग जला सकती है। न पानी गला सकता है। आत्मा का कभी नाश नही होता। आत्मा तो अजर अमर है। दुःखों से आत्मा पवित्र बनती है। 
 

मातु अहिल्या बाई होल्कर का सारा जीवन हमें कठिनाईयों एवं संकटों से जूझते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। हमें इस महान नारी के संघर्षपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेकर न्याय, समर्पण एवं सच्चाई पर आधारित समाज का निर्माण करने का संकल्प लेना चाहिए। अब अहिल्या बाई होल्कर के सपनों का एक आदर्श समाज बनाने का समय आ गया है। 
 
मातु अहिल्या बाई होल्कर सम्पूर्ण विश्व की विलक्षण प्रतिभा थी। समाज को आज सामाजिक क्रान्ति की अग्रनेत्री अहिल्या बाई होल्कर की शिक्षाओं की महत्ती आवश्यकता है। वह धार्मिक, राजपाट, प्रशासन, न्याय, सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्याे में अह्म भूमिका निभाने के कारण एक महान क्रान्तिकारी महिला के रूप में युगों-युगों तक याद की जाती रहेंगी।

महारानी अहिल्याबाई होलकर का इतिहास Ahilyabai Holkar History in Hindi पढने पर पता चलता है कि उन्होंने समाज की सेवा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। उन पर तमाम दुःखों के पहाड़ टूटे किन्तु वे समाज की भलाई के लिए सदैव जुझती रही। वे नारी शक्ति, धर्म, साहस, वीरता, न्याय, प्रशासन, राजतंत्र की एक अनोखी मिसाल सदैव रहेगी। 
 
उन्होंने होल्कर साम्राज्य की प्रजा का एक पुत्र की भांति लालन-पालन किया तथा उन्हें सदैव अपना असीम स्नेह बांटती रही। इस कारण प्रजा के हृदय में उनका स्थान एक महारानी की बजाय देवी एवं लोक माता का सदैव रहा। अहिल्या बाई होल्कर ने अपने आदर्श जीवन द्वारा हमें ‘सबका भला जग भला’ का संदेश दिया है। गीता में साफ-साफ लिखा है कि आत्मा कभी नही मरती।

अहिल्या बाई होल्कर ने सदैव आत्मा का जीवन जीया। अहिल्या बाई होल्कर आज शरीर रूप में हमारे बीच नही है किन्तु सद्विचारों एवं आत्मा के रूप में वे हमारे बीच सदैव अमर रहेगी। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर एक शुद्ध, दयालु एवं प्रकाशित हृदय धारण करके हर पल अपनी अच्छाईयों से समाज को प्रकाशित करने की कोशिश निरन्तर करते रहना चाहिए। यही मातु अहिल्या बाई होल्कर के प्रति हमारी सच्ची निष्ठा होगी। मातु अहिल्या बाई की आत्मा हमसे हर पल यह कह रही है कि बनो, अहिल्या बाई होल्कर अपनी आत्मशक्ति दिखलाओ! संसार में जहाँ कही भी अज्ञान एवं अन्याय का अन्धेरा दिखाई दे वहां एक दीपक की भांति टूट पड़ो।

मातु अहिल्या बाई होल्कर आध्यात्मिक नारी थी जिनके सद्प्रयासों से सम्पूर्ण देश के जीर्ण-शीर्ण मन्दिरों, घाटों एवं धर्मशालाओं का सौन्दर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार हुआ। देश में तमाम शिव मंदिरों की स्थापना कराके लोगों धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। नारी शक्ति का प्रतीक महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा दिखाये मार्ग पर चलने के लिए विशेषकर महिलाओं को आगे आकर दहेज, अशिक्षा, फिजुलखर्ची, परदा प्रथा, नशा, पीठ पीछे बुराई करना आदि सामाजिक कुरीतियों का नाम समाज से मिटा देना चाहिए। जिस तरह अहिल्या बाई होल्कर एक साधारण परिवार से अपनी योग्यता, त्याग, सेवा, साहस एवं साधना के बल पर होल्कर वंश की महारानी से लोक नायक बनी उसी तरह समाज की महिलाओं को भी उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

मातु अहिल्या बाई होल्कर सम्पूर्ण राष्ट्र की लोक माता है। जिस तरह राम तथा कृष्ण हमारे आदर्श हैं उसी प्रकार लोकमाता आत्म रूप में हमारे बीच सदैव विद्यमान रहकर अपनी आत्म शक्ति दिखाने की प्रेरणा देती रहेगी। लोक माता अहिल्या बाई होल्कर की आध्यात्मिक शक्तियों से भावी पीढ़ी परिचित कराना चाहिए।


अहिल्याबाई होलकर का इतिहास Ahilyabai Holkar History in Hindi हमें यह शिक्षा देता है कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। अहिल्या बाई होल्कर के शासन कानून, न्याय एवं समता पर पूरी तरह आधारित था। कानूनविहीनता के इस युग में हम उनके विचारों की परम आवश्यकता को स्पष्ट रूप से महसूस कर रहे है। मातेश्वरी अहिल्या बाई होल्कर के शान्ति, न्याय, साहस एवं नारी जागरण के विचारों को घर-घर में पहुँचाने के लिए सारे समाज को संकल्पित एवं कटिबद्ध होना होगा। आइये, हम और आप समाज के उज्जवल विकास के लिए देवी अहिल्याबाई के ‘सब का भला - अपना भला’ के मार्ग का अनुसरण करें। अहिल्या बाई होलकर अमर रहे।

होलकर वंश के मुख्य कर्णधार श्री मल्हार राव होलकर ( Malhar Rao Holkar ) का जन्म 16 मार्च, 1693 में हुआ। इनके पूर्वज मथुरा छोड़कर मराठा के होलगांव में बस गये। इनके पिताश्री खण्डोजी होलकर गरीब परिवार के थे इसलिए मल्हार राव होलकर को बचपन से ही भेड़ बकरी चराने का कार्य करना पड़ा। अपने पिता के निधन के पश्चात् इनकी माता श्रीमती जिवाई को अपने बेटे का भविष्य अन्धकारमय लगने लगा। और वह अपने पुत्र को लेकर अपने भाई भोजराज बारगल के यहां आ गयी। अब वह अपने मामा की भेड़े चराने जंगल में जाने लगे। एक दिन बालक के थक जाने पर उसे नींद आ गयी तो पास के बिल से एक सांप ने आकर अपने फन से उनके मुख पर छाया कर दी। जिसे देखकर उनकी माता काफी डर गयी परन्तु सांप बिना कोई हानि पहुंचाये अपने बिल में पुनः वापिस चला गया। इस घटना के बाद उनसे भेड़ चलाने का काम छुड़ा दिया और उन्हें सेना में भर्ती करा दिया गया। सेना में भर्ती होने के बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे अत्यन्त साहसी और वीर योद्धा रहे।

एक दिन मल्हार राव होलकर चैड़ी गांव से होकर जा रहे थे। रास्ते में पड़ने वाले शिव मंदिर में विश्राम करने के लिए रूके, तो उन्होंने उस मंदिर में अहिल्या बाई की सादगी, विनम्रता और भक्ति का भाव देखकर काफी प्रभावित हुए। अहिल्या बाई मंदिर में जाकर प्रतिदिन पूजा करती थी। मल्हार राव ने उसी समय उन्हें पुत्र वधु बनाने का निर्णय लिया और सन् 1735 में उनका विवाह खण्डेराव होलकर के साथ सम्पन्न हुआ। विवाह के पूर्व खण्डेराव होलकर काफी उदण्ड एवं गैर जिम्मेदार थे परन्तु विवाह के बाद राजकाज में रूचि लेनी शुरू कर दी। उनके कार्य व्यवहार में काफी बदलाव आ गया।

सन् 1745 में पुत्र मालेराव एवं 1748 में पुत्री मुक्ताबाई का जन्म हुआ। मल्हार राव होलकर अपनी पुत्र वधु को अपनी बेटी की तरह ही मानते थे और उन्हें सैनिक शिक्षा, राजनैतिक, भौगोलिक तथा सामाजिक कार्यो में साथ रखते तथा सहयोग भी करते थे। इसी प्रकार कुशल जीवन व्यतीत हो रहा था कि अचानक 1754 में जाटों के साथ युद्ध भूमि में खण्डेराव होलकर वीर गति को प्राप्त हुए। इस शोक का समाचार अहिल्या बाई एवं मल्हार राव होलकर सुनकर एकदम टूट गये। क्योंकि अहिल्या बाई परम्परा के अनुसार सती होने जा रही थी। इस पर मल्हार राव होलकर ने अपनी पुत्र वधू से अनुरोध किया कि बेटी मेरा जीवन तेरे निर्णय पर ही आधारित है। क्योंकि मेरा बेटा तू ही है, अगर लोक लाज के डर से तू सती हो गयी तो इस बुढापे में मुझे और इतने बड़े राज्य को कौन सम्भालेगा। क्या मैंने इसलिए तुझे अपना बेटा और बेटी का प्यार दिया है।

Read: Bhagat Singh Biography in Hindi

इस अनु-विनय को ध्यान में रखते हुए। उन्होंने सती न होकर राज्य/सामाजिक कार्यो में रूचि लेने का निर्णय लिया और सादगीपूर्ण ढंग से देश की सेवा का संकल्प कर 23 अगस्त, 1766 में अपने पुत्र मालेराव का राजतिलक कर दिया परन्तु वह एक सुयोग्य शासक नहीं बन सके क्योंकि अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाहन सही ढंग से नहीं कर रहे थे। जिससे प्रजा खुश नहीं थी। कुछ दिनों बाद युवराज को बुखार आ जाने के कारण उनकी हालत दिन पर दिन बिगड़ने लगी और काफी उपचार करने के पश्चात् भी वे ठीक न हो सके। 22 वर्ष की आयु में ही उनका निधन हो गया। उन्होंने मात्र 10 माह शासन किया अपने पति व पुत्र की मृत्यु को देखकर दुःखी रहने लगी।

अहिल्याबाई होलकर इतिहास Ahilyabai Holkar History in Hindi हमें बताता है कि लोकमाता देवी अहिल्या बाई ने सबसे अधिक धार्मिक स्थलों का निर्माण कराया। इसके अतिरिक्त अन्य होलकर शासकों ने भी बहादुरी के साथ सराहनीय कार्य किये। जैसे- महाराजा तुकोजी राव होलकर ने सामाजिक सुधार के अनेक नियम बनायें। कानून का अध्ययन किया और उसके पश्चात् हिन्दू विधवा-पुर्न विवाह, एकल विवाह कानून, बाल विवाह प्रतिबन्धक कानून लागू कराया एवं प्रजा को रूढ़ियों से मुक्त भी कराया। इनके प्रथम पुत्र महावीर जशवंत राव होलकर भी साहसी और पराक्रमी थे। उन्होंने जाट राजा रणजीत सिंह के साथ मिलकर 18 दिनों तक अंग्रेजों से युद्ध किया तथा अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिये। इनका मुख्य उद्देश्य अंग्रेजी हुकुमत से मुक्ति तथा हिन्दू धर्म को संरक्षण दिलाना था। इतिहासकारों के अनुसार 26 मई, 1728 से 16 जून, 1948 तक होलकरों का शासन काल रहा है। अर्थात कुल 220 वर्ष 22 दिन होलकरों ने शासन किया।

दोस्तों, अगर आपको अहिल्याबाई होलकर का इतिहास Ahilyabai Holkar History in Hindi पसंद आए, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें। और हां, अगर कोई आपसे रानी अहिल्याबाई, Devi Ahilyabai Holkar या अहिल्याबाई होलकर की जीवनी Ahilyabai Holkar Biography in Hindi पूछे, तो उसे 'हिंदी वर्ल्ड' का पता जरूर बताएं।

लेखक परिचय :
यह लेख हमें लखनऊ से श्री प्रदीप कुमार सिंह ने भेजा है। आप बी-901, आशीर्वाद, उद्यान-2 एल्डिको, लखनऊ के निवासी हैं और एक जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। आप समाज में सकारात्‍मक बदलावों के लिए काफी समय से कार्य कर रहे हैं। आपके लेख विभिन्‍न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित हो रहे हैं।

यूट्यूब पर देखें रोचक जीवनी:
 

COMMENTS

BLOGGER: 1
  1. बहुत ही शानदार आर्टिकल .... Thanks for sharing this!!

    जवाब दें हटाएं
आपके अल्‍फ़ाज़ देंगे हर क़दम पर हौसला।
ज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया! जी शुक्रिया।।

नाम

achievements,3,album,1,award,21,bal-kahani,9,bal-kavita,5,bal-sahitya,34,bal-sahityakar,13,bal-vigyankatha,4,blog-awards,29,blog-review,45,blogging,42,blogs,49,books,9,buddha stories,4,children-books,14,Communication Skills,1,creation,9,Education,4,family,8,hasya vyang,3,hasya-vyang,8,Health,1,Hindi Magazines,7,interview,2,investment,3,kahani,2,kavita,9,kids,6,literature,15,Motivation,71,motivational biography,27,motivational love stories,7,motivational quotes,15,motivational real stories,5,motivational speech,1,motivational stories,25,ncert-cbse,9,personal,18,Personality Development,1,popular-blogs,4,religion,1,research,1,review,15,sahitya,28,samwaad-samman,23,science-fiction,4,script-writing,7,secret of happiness,1,seminar,23,Shayari,1,SKS,6,social,35,tips,12,useful,16,wife,1,writer,9,Zakir Ali Rajnish,28,
ltr
item
हिंदी वर्ल्ड - Hindi World: महारानी अहिल्याबाई होलकर का इतिहास Ahilyabai Holkar History in Hindi
महारानी अहिल्याबाई होलकर का इतिहास Ahilyabai Holkar History in Hindi
Ahilyabai Holkar History in Hindi
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhlWkW5s90KJryuxFjgvEW3JXlEz0_YLjdcR8_HyklU1lic8mM2-ETAoiRujCzT5Qsy_y4wX4q6wfDiByJQCmLoMMYU7NEhY7VH74C9cxGcssYPNy1riNITW8kgiL53gEVASxLnmcCk9Rre/s1600/ahilyabai+holkar.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhlWkW5s90KJryuxFjgvEW3JXlEz0_YLjdcR8_HyklU1lic8mM2-ETAoiRujCzT5Qsy_y4wX4q6wfDiByJQCmLoMMYU7NEhY7VH74C9cxGcssYPNy1riNITW8kgiL53gEVASxLnmcCk9Rre/s72-c/ahilyabai+holkar.jpg
हिंदी वर्ल्ड - Hindi World
https://me.scientificworld.in/2018/05/maharani-ahilyabai-holkar-biography-hindi.html
https://me.scientificworld.in/
https://me.scientificworld.in/
https://me.scientificworld.in/2018/05/maharani-ahilyabai-holkar-biography-hindi.html
true
290840405926959662
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy