B R Ambedkar Quotes in Hindi.
डॉ. भीमराव अम्बेडकर भारतीय इतिहास के ऐसे एकलौते व्यक्ति हैं, जिन्होंने दलितों और वंचितों को सामाजिक अधिकार दिलाने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उनकी बातें आज भी पीडि़तों और वंचितों के लिए प्रेरणा के श्रोत हैं। आइए जानते हैं उनके प्रेरक एवं अनमोल विचार:
समाज और जीवन
महात्मा आये और चले गये परंतु अछुत, अछुत ही बने हुए हैं। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
जो क़ौम अपना इतिहास नहीं जानती, वह क़ौम कभी भी इतिहास नहीं बना सकती।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का महत्वयपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
किसी का भी स्वाद बदला जा सकता है, लेकिन ज़हर को अमृत में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
भाग्य में नहीं, अपनी शक्ति में विश्वास रखो।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देने वाली पानी की एक बूंद के विपरीत, इंसान जिस समाज में रहता है, वहां अपनी पहचान नहीं खोता। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
मैं रात भर इसलिये जागता हूं क्योंकि मेरा समाज सो रहा है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
इंसान सिर्फ समाज के विकास के लिए नहीं पैदा हुआ है, बल्कि स्वयं के विकास के लिए पैदा हुआ है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
उदासीनता लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बीमारी है। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
गुलाम बन कर जिओगे, तो कुत्ता समझ कर लात मारेगी ये दुनिया। नवाब बन कर जिओगे तो शेर समझ कर सलाम ठोकेगी। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
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एक इतिहासकार, सटीक, ईमानदार और निष्पक्ष होना चाहिए। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
हर व्यक्ति जो 'मिल' के सिद्धांत कि
‘एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता’ को दोहराता है उसे ये भी स्वी कार
करना चाहिए कि ‘एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता’।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते, तब तक आपको कानून चाहे जो भी स्वतंत्रता देता है, वह आपके किसी काम की नहीं होती।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं ने जो प्रगति हांसिल की है उससे मापता हूं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
पति-पत्नी के बीच का सम्बन्ध किसी गहरे दोस्तों के सम्बन्ध के समान होने चाहिए।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
मैं किसी समुदाय की प्रगति महिलाओं ने जो प्रगति हासिल की है, उससे मापता हूँ।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
बुद्धि का विकास मनुष्य के प्रगति का आखिरी लक्ष्य होना चाहिए।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
एक महान आदमी एक आम आदमी से इस तरह से अलग है कि वह समाज का सेवक बनने को तैयार रहता है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
जिस तरह मनुष्य नश्वर है, ठीक उसी
तरह विचार भी नश्वर हैं। जिस तरह पौधे को पानी की जरूरत पड़ती है, उसी तरह एक
विचार को प्रचार-प्रसार की जरुरत होती है। वरना दोनों मुरझा कर मर जाते
हैं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
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मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं बल्कि अपने सभी दबे-कुचले भाईयों को उनके अधिकार दिलाने आया हूं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है, मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
संविधान एवं अधिकार
संविधान, यह एक मात्र वकीलों का दस्तावेज नहीं, यह जीवन का एक माध्यम है। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष
का होना ही काफी नहीं है बल्कि इसके लिए न्याय, राजनीतिक और सामाजिक
अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी बहुत आवश्यक है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार
की तुलना में कुछ भी नहीं हैं। और जो सुधारक समाज की अवज्ञा करता है वह
सरकार की अवज्ञा करने वाले राजनीतिज्ञ से ज्यादा साहसी है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या
रंग का अन्तर भुलाकर उसमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत के रूप में स्वीकार करना होगा।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरूपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्म-शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
हमारे पास यह आज़ादी इसलिए है ताकि हम उन चीजों को सुधार सकें जो सामाजिक व्यवस्था, असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी हैं जो हमारे मौलिक अधिकारों की विरोधी हैं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर दी जानी चाहिए।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
जब तक आप सामाजिक स्ववतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी हैं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्तव बल ना लगाया गया हो।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ
असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है, जिसकी आवश्याकता है वो है न्याय एवं
राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं हैं। और एक
सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है, वो सरकार को खारिज कर देने वाले
राजतीतिज्ञ से कहीं अधिक साहसी है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़
जाय तो दवा जरुर देनी चाहिए।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
धर्म एवं विश्वास
जो धर्म जन्म से एक को 'श्रेष्ठ' और दूसरे को 'नीच' बनाए रखे, वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
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मनुष्य एवं उसके धर्म को समाज के द्वारा नैतिकता के आधार पर चयन करना चाहिये। अगर धर्म को ही मनुष्य के लिए सब कुछ मान लिया जायेगा, तो किन्हीं और मानकों का कोई मूल्य ही नहीं रह जायेगा। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
धर्म में मुख्य रूप से केवल सिद्धांतों की बात होनी चाहिए, यहां नियमों की बात नहीं हो सकती।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
लोग और उनके धर्म सामाजिक मानकों द्वारा सामाजिक नैतिकता के आधार पर परखे जाने चाहिए। अगर धर्म को लोगों के भले के लिए आवशयक मान लिया जायेगा, तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा। -डॉ. भीमराव अम्बेडकर
मनुवाद को जड़ से समाप्त करना मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्य है।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
हिंदू धर्म में, विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई स्कोप नहीं हैं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे। मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
मैं गौरी, गणपति और हिन्दुओं के अन्य देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूंगा और न ही मैं उनकी पूजा करूंगा।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
हालांकि, मैं एक हिंदू पैदा हुआ था, लेकिन मैं सत्य निष्ठा से आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं हिन्दू के रूप में मरूंगा नहीं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं द्वारा शासित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान की प्रस्तावना में इंगित हैं, वो स्वतंत्रता, समानता और भाई-चारे को स्थापित करते हैं, किन्तु उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।
-डॉ. भीमराव अम्बेडकर
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