# अपनी प्रिंसिपल से ट्राफी लेते हुए सैयद रामिश ज़ाकिर (नर्सरी क्लास, लखनऊ पब्लिक स्कूल) # जो लोग ईमानदारीपूर्वक श्रम करते हैं, वे निश...
# अपनी प्रिंसिपल से ट्राफी लेते हुए सैयद रामिश ज़ाकिर (नर्सरी क्लास, लखनऊ पब्लिक स्कूल) # |
जो लोग ईमानदारीपूर्वक श्रम करते हैं, वे निश्चय ही एक दिन कामयाबी की दास्तान लिखते हैं। यह एक ऐसा तथ्य है, जिसे मैंने अपने जीवन में बार-बार प्रमाणित होते हुए देखा है। और शायद यही कारण है मेरी इस छोटी सी उम्र में मेरे नाम के साथ जुड् चुकी ढ़ेर सारी उपलब्धियां।
लेकिन यह बात सभी लोग जानते हैं कि जीवन में एक समय ऐसा भी आता है, जब व्यक्ति को अपनी बड़ी से बड़ी उपलब्धि भी बच्चों की छोटी-छोटी खुशियों से छोटी लगने लगती है।
अपनी ट्राफी के साथ सैयद अहल ज़ाकिर (थर्ड क्लास, लखनऊ पब्लिक स्कूल) |
जी हां, ऐसा ही क्षण मेरी जिंदगी में भी आया, जब मेरे दोनों बेटों (सैयद अहल जा़किर एवं सैयद रामिश जा़किर) को उनके स्कूल से 'मोस्ट आउटस्टैंडिग परफार्मेन्स' की ट्राफी मिली। इसके साथ ही साथ दोनों बच्चों को उनके द्वारा अपनी कक्षा में अर्जित अंकों के लिए भी एक-एक ट्राफी प्रदान की गयी।
विश्व विजेता की मुद्रा में मेरे दोनों सुपुत्र |
उनके हाथ में दो-दो ट्राफियां देखकर मुझे अतीव प्रसन्नता हो रही है और उनकी इन छोटी-छोटी ट्राफियों के आगे मुझे अपनी बड़ी-बड़ी उपलब्धियां भी छोटी लग रही हैं। ऐसे में बार-बार दिल यही कह रहा है- यही मेरे जीवन के सबसे बड़े सम्मान हैं।
छोटे मियाँ भी बधाई, बड़े को भी।
जवाब देंहटाएं(h) Bahut Bahut Mubarak!
जवाब देंहटाएंh
जवाब देंहटाएं'ईश्वर करे कि वो दिन जल्दी आये
जवाब देंहटाएंजब बेटो के नाम से बाप पहचान पाये'
जाकिर भाई और अर्शिया भाभी को बहुत शुभकामनाये... बडे मिया और छोटे मिया को शुभाषीश्
यह ट्राफियां कीमती है , बधाई परिवार को !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई एवम शुभकामनाये...
जवाब देंहटाएं