A Literary introduction of Dr. Zakir Ali 'Rajnish'.
जन्म:
तीन अगस्त (ऑफीशियल 01-01-1975, लखनऊ)
शिक्षा:
पी.-एच.डी. (आधुनिक बाल कथाओं का विवेचनात्मक अध्ययन, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा)
एम.ए. (हिन्दी), बी.सी.जे., सृजनात्मक लेखन (डिप्लोमा)।शोध कार्य:
# बच्चों के चरित्र निर्माण में बाल कथाओं का योगदान, लघु शोध कार्य (बी.सी.जे., डॉ. हरि सिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर, म.प्र., वर्ष-1999)
# हिन्दी का बदलता स्वरूप एवं पटकथा लेखन (उ.प्र. हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा प्रदत्त फेलोशिप, वर्ष-2005)
# आधुनिक हिन्दी बाल कहानियों का विवेचनात्मक अध्ययन (पी.-एच.डी., डॉ. भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यालय, आगरा, वर्ष-2011)
लेखन:
कहानी, उपन्यास, नाटक, कविता, रेडियो नाटक, पटकथा/स्क्रीनप्ले विधाओं में वर्ष 1991 से सतत लेखन।
प्रकाशन:
राष्ट्रीय स्तर की हिंदी की सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में डेढ़ हजार से अधिक रचनाएं प्रकाशित।
मीडिया लेखन:
दूरदर्शन से अनेक धारावाहिक (मीना, समस्या, मात), डॉक्यूमेंट्री तथा कुकीज़ प्रसारित, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण।
प्रकाशित पुस्तकें:
04 बाल उपन्यास (जिनमें 02 विज्ञान परक बाल उपन्यास, विभिन्न विज्ञान कथाओं के साथ संयुक्त रूप में प्रकाशित),
17 बाल कहानी संग्रह (जिनमें 03 बाल विज्ञान कथा संग्रह शामिल),
06 नवसाक्षरोपयोगी कहानी की पुस्तकें,
07 अंग्रेजी बाल कहानी संग्रह,
09 सम्पादित पुस्तकें,
01 विज्ञान कथा संग्रह,
01 वैज्ञानिक उपन्यास सहित 05 दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित।
कॉलम लेखन:
फरवरी 2011 से जनवरी 2012 तक लखनऊ से प्रकाशित दैनिक 'जनसंदेश टाइम्स' में ब्लॉग समीक्षा के कॉलम 'ब्लॉगवाणी' का नियमित लेखन।
अतिथि सम्पादन:
# 'प्रज्ञा साहित्य' (त्रै., फर्रूखाबाद, उ0प्र0) के 'बाल साहित्य विशेषांक (जनवरी-मार्च, 1996) का अतिथि सम्पादन।
# 'बाल साहित्य समीक्षा' (मा., कानपुर, उ.प्र.) के बाल साहित्यकार शमशेर अहमद खान एवं रमाशंकर केन्द्रित विशेषांक का अतिथि सम्पादन।
# 'अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन' (27 अगस्त, 2012, लखनऊ) के अवसर पर प्रकाशित 'वटवृक्ष' (त्रै.) के 'ब्लॉग दशक विशेषांक' (अगस्त, 2012) का सह सम्पादन।
# जून, 2011 से नालंदा, लखनऊ की त्रैमासिक पत्रिका 'प्रारम्भ-शैक्षिक संवाद' का अतिथि सम्पादन।
# 'बाल साहित्य समीक्षा' (मा., कानपुर, उ.प्र.) के बाल साहित्यकार शमशेर अहमद खान एवं रमाशंकर केन्द्रित विशेषांक का अतिथि सम्पादन।
# 'अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन' (27 अगस्त, 2012, लखनऊ) के अवसर पर प्रकाशित 'वटवृक्ष' (त्रै.) के 'ब्लॉग दशक विशेषांक' (अगस्त, 2012) का सह सम्पादन।
# जून, 2011 से नालंदा, लखनऊ की त्रैमासिक पत्रिका 'प्रारम्भ-शैक्षिक संवाद' का अतिथि सम्पादन।

पुरस्कार / सम्मान:
अंतर्राष्ट्रीय बॉब्स पुरस्कार, रेडियो डॉयचे वेले, जर्मनी,
अंतर्राष्ट्रीय कथा महोत्सव पुरस्कार, अभिव्यक्ति, शारजाह, यू.ए.ई.
विज्ञान परिषद प्रयाग शताब्दी सम्मान, विज्ञान परिषद, प्रयाग,
भातरेंदु पुरस्कार, प्रकाशन विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार,
सहित लगभग 03 दर्जन संस्थाओं से पुरस्कृत/सम्मानित।
(पुरस्कारों का विस्तृत विवरण देखें)
“मैंने ढ़ेरों काग़ज़ स्याह कर डाले, रचनाओं के पहाड़ खड़े कर दिए, अकादमियों के पुरस्कार प्राप्त किए और प्रसिद्धि भी खूब पाई... इसके बावजूद सोचता हूं कि मैंने एक पंक्ति भी ऐसी नहीं लिखी जो सही मायनों में साहित्यिक महत्व रखती हो। मेरी लेखन–यात्रा आज भी संतोष की उस मजिल की तलाश में है, जहां पहुंच कर लेखक को एहसास होता है कि उसने कुछ तो ऐसा लिखा, जिससे किसी का मार्गदर्शन हुआ, किसी को प्रेरणा मिली, किसी को जीने का नया ढ़ंग मिला हो... यह तलाश निरंतर जारी है।”–चेखव
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भाई ,
जवाब देंहटाएंआपने इतनी उपलब्धियाँ अर्जित कीं
इतना लिखा, लिख रहे हैं . लिहाज़ा इस रचनात्मकता में
प्रेरणा तो है ही ; फिर भी परिचय का समाहार चेखव के उद्धरण
से कर आपने बरबस ध्यान खींच लिया .
इस तलाश के लिए तो खुद को ही दे देना पड़ता है !
अच्छा लिख रहे हैं ---- बधाई .
:)
हटाएंअविश्वसनीय हैं आपकी उपलब्धियॉं।
जवाब देंहटाएंaapke baare mein padhkar achchha laga
जवाब देंहटाएंVery Impressive n motivating profile .
जवाब देंहटाएंYou seems to be very modest too.
Stay blessed !!!
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जवाब देंहटाएंज़ाकिर जी बहुत ही बधाई !
जवाब देंहटाएंआपका पूरा कार्य क्षेत्र देखा पढ़ा बहुत ही प्रभावित हुई ---ढेर सारी शुभ कामनाएं
Zakir ji Congratulatiion's
जवाब देंहटाएंjavab nahi
जवाब देंहटाएंआपके साहित्य के प्रति समर्पण को देख कर अभिभूत हूँ। वैज्ञानिक लेख, बच्चों के प्रति सुरुचिपूर्ण लेखन, ब्लोगिंग के माध्यम से साहित्य का प्रचार-प्रसार, विशेषकर हिंदी के प्रति आपका प्यार बहुत ही सराहनीय है। शुभकामना है कि इसी तरह आपकी साहित्य यात्रा अबाध गति से जारी रहे। असंख्य मंगल कामनाएं।
जवाब देंहटाएंआपके साहित्य के प्रति समर्पण को देख कर अभिभूत हूँ। वैज्ञानिक लेख, बच्चों के प्रति सुरुचिपूर्ण लेखन, ब्लोगिंग के माध्यम से साहित्य का प्रचार-प्रसार, विशेषकर हिंदी के प्रति आपका प्यार बहुत ही सराहनीय है। शुभकामना है कि इसी तरह आपकी साहित्य यात्रा अबाध गति से जारी रहे। असंख्य मंगल कामनाएं।
जवाब देंहटाएंbahut bahut mubarakbad apko zakir ji.....
जवाब देंहटाएंbahut bahut mubarakbad apko zakir ji.....
जवाब देंहटाएंAapka to naam hi mujhe bahut achcha laga
जवाब देंहटाएंजाकिर भाई///इत्ते कम समय में इत्ते ज्यादा काम////रश्क होता है
जवाब देंहटाएंअल्लाह आपको कामियाब करें
आमीन
जय हो।
जवाब देंहटाएंgreat works... aap badhai ke patra hain /
जवाब देंहटाएंजाकिर भाई, इतने सारे पुरस्कार! बहुत-बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएं:)
हटाएंअच्छा लगा आपके परिश्रम को देखकर शतशः शुभकामनाये.
जवाब देंहटाएंज़ाकिर जी बहुत ही बधाई !
जवाब देंहटाएंआपका पूरा कार्य क्षेत्र देखा पढ़ा आपके साहित्य के प्रति समर्पण को देख कर अभिभूत हूँ। वैज्ञानिक लेख, बच्चों के प्रति सुरुचिपूर्ण लेखन, ब्लोगिंग के माध्यम से साहित्य का प्रचार-प्रसार, विशेषकर हिंदी के प्रति आपका प्यार बहुत ही सराहनीय है। इसी तरह आपकी साहित्य यात्रा अबाध गति से जारी रहे। ---ढेर सारी शुभ कामनाएं
ज़ाकिर जी बहुत बहुत बधाई !बच्चों के लिए लेखन अबाध गति से जारी रहे। शुभ कामनाएं।
जवाब देंहटाएंYour achievements in this field are worth-praising. Congratulations and Good Luck.. Jagdish Kinjalk ( Author,Editor,Journalist, Media man, Retd. Director of Radio, and Director of Ambika Prasad Divya Literart awards of National Reput) Add-- Jagdish Kinjalk, Sahitya Sadan, 145-A, sainath Nagar, C-Sector, Kolar Road, bhopal-462042. M.P.E- jagdishkinjalk@gmail.com.
जवाब देंहटाएंpura adhunik pustkalaya.
जवाब देंहटाएंaapko badhai sath hi nivedan hai ki videsho ki tarah aishi koi online system bhi ho jisase chhote shahro ke navidit script writers ko copywrite aur apni patkatha ke liye bhatkna na pade we nischint hokar apni patkatha online website per bhej sake aur directors/producers se seedhe online jude sake.. isase hindi cinema jagat ko achhi kahaniya mil sakengi aur website ko royalty
जवाब देंहटाएंGreat. Abhibhoot hoon aapki uplabdhiyan jaankar.
जवाब देंहटाएंNice work
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