Mahatma Buddha Motivational Story in Hindi.
गौतम बुद्ध जब भी अपना प्रवचन समाप्त करते, अपने शिष्यों को तीन बार समझाते और कहते कि जाओ अब अपना-अपना काम करो। उनका एक प्रिय भिक्षू था आनंद। उसे यह बात अजीब सी लगती कि रोज-रोज उसी बात को कहने का क्या मतलब है? और जब एक दिन उससे रहा नहीं गया, तो उसने उन्हें टोक दिया।
बुद्ध धीरे से मुस्कराए और बोले, ''आनंद तुम्हारा कहना अपनी जगह पर सही है कि भिक्षु को रोज-रोज क्या समझाना कि जाओ अब अपना-अपना काम करो। पर शायद तुमने यह ध्यान नहीं दिया कि धर्म सभा में सिर्फ भिक्षु ही नहीं, आसपास की बस्तियों के बहुत से लोग भी आते हैं। उनमें से बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो पहली बार आए होते हैं। तो उनके लिए मैं यह बात तीन बार दोहराता हूं।''
पर यह स्पष्टीकरण भी आनंद के पल्ले नहीं पड़ा। इसपर बुद्ध बोले- ''आनंद आज की सभा में जितने लोग बैठे थे उनमें सन्यासी तो बहुत सारे थे, पर एक चोर और एक वेश्या भी थे। कल तुम ऐसा करना कि किसी एक संयासी, उस चोर और वेश्या से जाकर मिलना और उनसे पूछना कि मेरी बातों का उन्होंने क्या अर्थ ग्रहण किया।''
[post_ads]
यह सुनकर आनंद और आश्चर्यचकित हुआ कि इतने लोगों की भीड़ में बुद्ध ने चोर और वेश्या को एक नज़र में कैसे पहचाना। और भला मैं कैसे जानूंगा कि वह चोर और वेश्या कहां रहते हैं? बुद्ध उसके मन की बात समझ गये। उन्होंने आनंद को चोर और वेश्या के बारे में बताया और जाकर आराम करने को कहा।
आनंद ने जैसे-तैसे उत्सुकता में वह रात काटी और अगले दिन सुबह-सुबह तहकीकात के लिए निकल पड़ा। सबसे पहले वह एक सन्यासी के घर पहुंचा, जो बुद्ध की धर्म सभा में नियमित रूप से आता था। आनंद ने उससे पूछा- ''रात्रि सभा में बुद्ध ने जो आखिरी वचन कहे कि अब जाकर अपना-अपना काम करो, आपने उससे क्या सीखा?''
इसपर वह भिक्षु बोला- ''इसमें सीखने वाली क्या बात है? भिक्षु का नित्य कर्म है शाम को ध्यान, अल्प भोजन और विश्राम। मैंने कल भी वही किया।''
आनंद को पता था कि भिक्षु से उसे यही उत्तर प्राप्त होगा। अत: वह मुस्कराया और चोर के घर की ओर चल पड़ा। पूछते-पूछते वह चोर के घर पहुंचा। चोर उस समय सो रहा था। उसे उसके घर वालों ने जगाया और बताया कि भिक्षु आनंद उससे मिलने आए हैं। यह सुनकर चोर चौंक उठा और हाथ जोड़कर आनंद के सामने हाजिर हो गया।
आनंद ने अपना सवाल दोहरा दिया- ''रात्रि सभा में बुद्ध ने जो आखिरी वचन कहे कि अब जाकर अपना-अपना काम करो, आपने उससे क्या सीखा?''
चोर विनम्र शब्दों में बोला- ''भिक्षु, बुद्ध तो अन्तर्यामी हैं, इसलिए आपसे क्या छिपाना? मैं कल रात पहली बार बुद्ध की धर्मसभा में गया और उनके प्रवचन सुने। मेरा तो जीवन
ही सफल हो गया। बुद्ध के प्रवचन सुनने के बाद मैं उनके कहे अनुसार अपने काम यानी कि चोरी करने निकल पड़ा। और कल इतना तगड़ा माल हाथ लगा कि अब आगे मुझे चोरी करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। अब मैं अपना जीवन आराम से काट सकूंगा।''
[next]
चोर की बात सुनकर आनंद हैरान रह गया। वह वहां से उठा और वेश्या के घर की ओर चल पड़ा। वेश्या आनंद को देखते ही पहचान गयी। उसने आनंद को प्रेमपूर्वक घर के भीतर बुलाया और उनके लिए जलपान लेकर आई।
जलपान ग्रहण करने के बाद आनंद ने वेश्या के सामने भी अपना सवाल दोहराया। यह सुनकर वेश्या बोली- ''भिक्षु, भगवान बुद्ध ने अपने प्रवचन के अंत में कहा कि जाओ अपना-अपना काम करो। सो प्रवचन के बाद मैं अपने घर आई और अपनी नाच-गाने की महफिल सजाई। लेकिन बुद्ध के आशीर्वाद से कल के जैसी महफ़िल तो कभी नहीं सजी। कल मेरी महफिल में कई बड़े-बड़े राजे-महाराजे पधारे। उन लोगों ने प्रसन्न होकर इतना धन-धान्य मुझे दिया, कि अब मुझे धन के लिए ये कर्म करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।''
आनंद के आश्चर्य की सीमा न रही। वह वहां से वापस महात्मा बुद्ध के पास गया। उसने बुद्ध को जाकर प्रणाम किया और उन्हें सारी बात कह सुनाई।
बुद्ध बोले- ''आनंद, इस संसार में जितने भी व्यक्ति हैं, सबके मस्तिष्क अलग-अलग हैं। वे सभी लोग अपनी बुद्धि और क्षमता के अनुसार ही हर बात का मतलब निकालते हैं। इसीलिए मैं अपनी इस बात को तीन बार कहता हूं कि जाओ अब अपना-अपना काम करो। इसके पीछे मेरी सोच यही है कि किसी के समझने में कहीं कोई कमी न रह जाए। लेकिन इसके बाद भी लोग उस बात का मतलब अपने-अपने हिसाब से समझते हैं। और इसका कोई उपाय भी नहीं है। इसीलिए ये सृष्टि ऐसी है। हम इसे बदलने के लिए लोगों को प्रेरित तो कर सकते हैं, पर हमारी बातों का कितना असर उनपर होगा, यह कोई नहीं जानता। इसीलिए मैं सभी के साथ एक समान व्यवहार करता हूं और सभी को एक समान अपना-अपना कार्य करते रहने के लिए प्रेरित करता हूं।''
keywords: mahatma buddha motivational story in hindi, moral stories of gautam buddha, gautam buddha stories in hindi, short stories of buddha with morals, buddhist stories of wisdom in hindi, stories of buddha's life in hindi, buddha stories pdf, buddha stories in hindi language, gautam budh ki katha, gautam buddha ki kahani in hindi, gautam buddha ki katha, mahatma budh ki shiksha in hindi, gautam buddha updesh in hindi, gautam buddha story in hindi, gautam buddha story in hindi language, buddha hindi books pdf, gautam buddha quotes in hindi, gautam buddha story in hindi, महात्मा बुद्ध की शिक्षा, बुद्ध की कहानियाँ, महात्मा बुद्ध के उपदेश, बुद्ध के विचार, महात्मा बुद्ध के वचन, भगवान गौतम बुद्ध के अनमोल विचार, महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं, भगवान बुद्ध के विचार, बौद्ध कालीन शिक्षा, महात्मा बुद्ध की कहानी, गौतम बुद्ध की कहानी, गौतम बुद्ध की कहानियाँ, गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां, गौतम बुद्ध की कहानी pdf, जातक कहानियाँ, गौतम बुद्ध की शिक्षा, गौतम बुद्ध विचार, गौतम बुद्ध के अनमोल वचन, महात्मा भगवान् बुद्ध के प्रेरक प्रसंग, गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां,
बहुत ही उम्दा .... सुन्दर प्रस्तुति .... ऐसे ही लिखते रहिये और लोगों का मार्गदर्शन करते रहिये। :) :)
जवाब देंहटाएं