प्रेरक कहानी: इन्सान और जानवर
HomeMotivationmotivational stories

प्रेरक कहानी: इन्सान और जानवर

SHARE:

मानव अविवेक पर केंद्रित एक प्रेरक कहानी।

दोस्तो, एक मित्र ने मुझे यह कहानी व्हाट्स एप पर भेजी है। यूं तो यह एक छोटी सी कहानी है, लेकिन यह बहुत कुछ कहती है और हमें सोचने के लिए विवश कर देती है। तो लीजिए, आप भी इसे पढिए और एक गिद्ध द्वारा उठाये गये सवालों पर मनन करिए।

न्सान का गोश्त
एक गिद्ध का बच्चा अपने माता-पिता के साथ रहता था। एक दिन गिद्ध का बच्चा अपने पिता से बोला- "पिताजी, मुझे भूख लगी है।''

"ठीक है, तू थोड़ी देर प्रतीक्षा कर। मैं अभी भोजन लेकर आता हूूं।'' कहते हुए गिद्ध उड़ने को उद्धत होने लगा। तभी उसके बच्चे ने उसे टोक दिया, "रूकिए पिताजी, आज मेरा मन इन्सान का गोश्त खाने का कर रहा है।''

"ठीक है, मैं देखता हूं।'' कहते हुए गिद्ध ने चोंच से अपने पुत्र का सिर सहलाया और बस्ती की ओर उड़ गया।

बस्ती के पास पहुंच कर गिद्ध काफी देर तक इधर-उधर मंडराता रहा, पर उसे कामयाबी नहीं मिली। थक-हार का वह सुअर का गोश्त लेकर अपने घोंसले में पहुंचा। उसे देख कर गिद्ध का बच्चा बोला, "पिताजी, मैं तो आपसे इन्सान का गोश्त लाने को कहा था, और आप तो सुअर का गोश्त ले आए?''

पुत्र की बात सुनकर गिद्ध झेंप गया। वह बोला, "ठीक है, तू थोड़ी देर प्रतीक्षा कर।'' कहते हुए गिद्ध पुन: उड़ गया। उसने इधर-उधर बहुत खोजा, पर उसे कामयाबी नहीं मिली। अपने घोंसले की ओर लौटते समय उसकी नजर एक मरी हुई गाय पर पड़ी। उसने अपनी पैनी चोंच से गाय के मांस का एक टुकड़ा तोड़ा और उसे लेकर घोंसले पर जा पहुंचा।

यह देखकर गिद्ध का बच्च एकदम से बिगड़ उठा, "पिताजी, ये तो गाय का गोश्त है। मुझे तो इन्सान का गोश्त खाना है। क्या आप मेरी इतनी सी इच्छा पूरी नहीं कर सकते?''

यह सुनकर गिद्ध बहुत शर्मिंदा हुआ। उसने मन ही मन एक योजना बनाई और अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए निकल पड़ा।

गिद्ध ने सुअर के गोश्त एक बड़ा सा टुकड़ा उठाया और उसे मस्जिद की बाउंड्रीवाल के अंदर डाल दिया। उसके बाद उसने गाय का गोश्त उठाया और उसे मंदिर के पास फेंक दिया। मांस के छोटे-छोटे टुकड़ों ने अपना काम किया और देखते ही पूरे शहर में आग लग गयी। रात होते-होते चारों ओर इंसानों की लाशें बिछ गयी।

यह देखकर गिद्ध बहुत प्रसन्न हुआ। उसने एक इन्सान के शरीर से गोश्त का बड़ा का टुकड़ा काटा और उसे लेकर अपने घोंसले में जा पहुंचा। यह देखकर गिद्ध का पुत्र बहुत प्रसन्न हुआ। वह बोला, "पापा ये कैसे हुआ? इन्सानों का इतना ढेर सारा गोश्त आपको कहां से मिला?"

गिद्ध बोला, "बेटा ये इन्सान कहने को तो खुद को बुद्धि के मामले में सबसे श्रेष्ठ समझता है, पर जरा-जरा सी बात पर 'जानवर' से भी बदतर बन जाता है और बिना सोचे-समझे मरने-मारने पर उतारू हो जाता है। इन्सानों के वेश में बैठे हुए अनेक गिद्ध ये काम सदियों से कर रहे हैं। मैंने उसी का लाभ उठाया और इन्सान को जानवर के गोश्त से जानवर से भी बद्तर बना दियाा।''

साथि‍यो, क्या हमारे बीच बैठे हुए गिद्ध हमें कब तक अपनी उंगली पर नचाते रहेंगे? और कब तक हम जरा-जरा सी बात पर अपनी इन्सानियत भूल कर मानवता का खून बहाते रहेंगे?

अगर आपको यह कहानी सोचने के लिए विवश कर दे, तो प्लीज़ इसे दूसरों तक भी पहुंचाए। क्या पता आपका यह छोटा सा प्रयास इंसानों के बीच छिपे हुए किसी गिद्ध को इन्सान बनाने का कारण बन जाए।
अन्य रोचक एवं प्रेरक कहानियां पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें।
 
अगर आपके पास भी इस तरह की प्रेरक लघु कथाएं हों, तो आप हमें zakirlko AT gmail.com पर भेज सकते हैं। उन्हें आपके नाम और परिचय के साथ प्रकाश‍ित करके हमें अतीव प्रसन्नता होगी।

keywords: motivational stories in hindi, motivational stories in hindi for students, motivational stories in hindi font, inspirational stories in hindi, inspirational stories for kids, inspirational stories for students, inspirational stories in hindi for students, inspirational stories for children, inspirational stories with morals, inspirational stories for teachers

COMMENTS

BLOGGER: 1
आपके अल्‍फ़ाज़ देंगे हर क़दम पर हौसला।
ज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया! जी शुक्रिया।।

नाम

achievements,3,album,1,award,21,bal-kahani,9,bal-kavita,5,bal-sahitya,34,bal-sahityakar,13,bal-vigyankatha,4,blog-awards,29,blog-review,45,blogging,42,blogs,49,books,9,buddha stories,4,children-books,14,Communication Skills,1,creation,9,Education,4,family,8,hasya vyang,3,hasya-vyang,8,Health,1,Hindi Magazines,7,interview,2,investment,3,kahani,2,kavita,9,kids,6,literature,15,Motivation,71,motivational biography,27,motivational love stories,7,motivational quotes,15,motivational real stories,5,motivational speech,1,motivational stories,25,ncert-cbse,9,personal,18,Personality Development,1,popular-blogs,4,religion,1,research,1,review,15,sahitya,28,samwaad-samman,23,science-fiction,4,script-writing,7,secret of happiness,1,seminar,23,Shayari,1,SKS,6,social,35,tips,12,useful,16,wife,1,writer,9,Zakir Ali Rajnish,28,
ltr
item
हिंदी वर्ल्ड - Hindi World: प्रेरक कहानी: इन्सान और जानवर
प्रेरक कहानी: इन्सान और जानवर
मानव अविवेक पर केंद्रित एक प्रेरक कहानी।
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhEyLcmQcZahA-Fd5CluK-R0I_TGDqaaSOIuAJ2lHKb3hgZ_IIwHxCGMprko6FbsI-NEle1yIUU6dO-GZFRVxZXw3kDZlQi_HkBjd3kFOWZ4mYOoBrYtOT8xKbbzHuz9qKKXHYtR4-vdS4L/s1600/avian+human+hybrid.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhEyLcmQcZahA-Fd5CluK-R0I_TGDqaaSOIuAJ2lHKb3hgZ_IIwHxCGMprko6FbsI-NEle1yIUU6dO-GZFRVxZXw3kDZlQi_HkBjd3kFOWZ4mYOoBrYtOT8xKbbzHuz9qKKXHYtR4-vdS4L/s72-c/avian+human+hybrid.jpg
हिंदी वर्ल्ड - Hindi World
https://me.scientificworld.in/2015/07/blog-post.html
https://me.scientificworld.in/
https://me.scientificworld.in/
https://me.scientificworld.in/2015/07/blog-post.html
true
290840405926959662
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy