लेखक की पत्नी : प्रेरक कहानी | Motivational Story in Hindi
दोस्तों, आज हम आपके लिए एक लेखक की कहानी (Motivational Story in Hindi) लेकर आए हैं। वह लेखक बहुत महान था। उसकी ढ़ेरों किताबें छप चुकी थीं। उसे दर्जनों अवार्ड मिल चुके थे। लेकिन उस वक्त लेखक बेहद दुखी था। इतना दु:खी कि उसे अपना जीवन अंधकारमय प्रतीत हो रहा था। लेकिन तभी उसकी पत्नी के कुछ ऐसा किया, कि एक पल में लेखक का सारा दु:ख फुर्र हो गया। आप भी इस Motivational Story in Hindi को पढ़ें और इसका आनंद लें -
यह कहानी एक महान लेखक की है। उस लेखक ने बीसियों यादगार किताबों की रचना की थी। उसने अपनी लेखनी के द्वारा लाखों लोगों की जिंदगी बदल दी थी। उसे दर्जनों अवार्ड भी मिल चुके थे।
लेकिन उस रोज़, लेखक बहुत दुखी था। वह बार-बार खिड़की के बाहर देखता और हर बार उसके चेहरे की निराशा बढ़ जाती। हालांकि खिड़की के बाहर उसका प्रिय बगीचा था, जिसमें सुंदर सुंदर फूल खिले हुए थे। और वे फूल उसे बेहद पसंद थे।
बगीचे के उस पर उसके धान के खेत थे। खेतों में धान की घनी बालियां लहरा रही थीं। इस साल बारिश अच्छी हुई थी। यहां तक कि अभी थोड़ी देर पहले भी हल्की बूंदा-बांदी हुई थी। जिससे मौसम बेहद सुहाना हो गया था।
लेकिन इस सबके बावजूद लेखक बेहद दुखी था। वह जितनी बार भी खिड़की के बाहर देखता, उसे वे घटनाएं याद आ जातीं, जो पिछले दिनों उसके जीवन में घटित हुई थीं। उसे याद आ जाता कि इस साल उसने अपना गॉल ब्लाडर का पीड़ादायी आपरेशन करवाया था। उसे याद आता कि इसी साल उसके पिता का देहान्त हो गया था।
साथ ही उसे वह भयानक एक्सीडेंट भी याद आ जाता, जिसमें उसके बेटे की कार बुरी तरह से नष्ट हो गयी थी। और साथ ही उसे याद आता कि इसी साल वह अपनी नौकरी से भी रिटायर हो गया था।
लेखक को जितनी बार ये घटनाएं याद आतीं, वह पहले से और ज्यादा दुखी हो जाता। फिर वह अपनी नोटबुक उठाता और उस पर कुछ लिखने लगता।
लेखक अपने ग़म में इतना ज्यादा डूबा हुआ था कि उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी पत्नी कुर्सी के पीछे आकर खड़ी हो गयी। पत्नी चुपचाप उसकी नोटबुक को पढ़ने लगी। उसे पढ़कर पत्नी ने कुछ सोचा और फिर कमरे से बाहर चली गयी।
थोड़ी देर के बाद लेखक की पत्नी फिर से कमरे में दाखिल हुई। लेकिन इस बार वह खाली हाथ नहीं आई थी। इस बार उसके हाथ में एक कागज था। उसने मुस्कराते हुए उस कागज को पति की नोटबुक के बगल में रख दिया।
लेखक ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। उसने कागज को उठा लिया और उसे पढ़ने लगा। कागज में लिखा हुआ था-
ईश्वर की कृपा से इस साल मुझे उस गॉल ब्लाडर से छुटकारा मिल गया, जिसके कारण मैं काफी समय से परेशान था। इसी वर्ष मेरे 95 वर्ष के पिताजी बगैर किसी पर आश्रित हुए और बिना किसी गंभीर बीमारी का शिकार हुए दुनिया को अलविदा कह गये।
इस साल भगवान ने एक्सिडेंट में मेरे बेटे की रक्षा की। भले ही उसकी कार टूट-फुट गई, लेकिन मेरे बच्चे की जिंदगी बच गई। इसी साल मैंने अपने जीवन के सुनहरे 60 वर्ष पूरे किये और अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हुआ।
अब मेरे पास समय ही समय है। अब, मैं अपनी मर्जी के अनुसार अपने समय का उपयोग करूंगा और उन सभी किताबों को पूरा करूंगा, जो कई सालों से मेरे दिमाग में घुमड़ रही हैं।
अंत में पत्नी ने लिखा था- इस साल भगवान की हम पर कृपा रही, हमारा यह साल अच्छा बीता।
यह पढ़कर लेखक बच्चों की तरह किलक उठा। उसकी आंखों के आगे फैला निराशा का अंधेरा पूरी तरह से छंट चुका था। वह मुस्कराता हुआ अपनी कुर्सी से खड़ा हुआ और उसने अपनी पत्नी को बाहों में भींच लिया।
लेखक की पत्नी | Motivational Story in Hindi
यह कहानी एक महान लेखक की है। उस लेखक ने बीसियों यादगार किताबों की रचना की थी। उसने अपनी लेखनी के द्वारा लाखों लोगों की जिंदगी बदल दी थी। उसे दर्जनों अवार्ड भी मिल चुके थे।
लेकिन उस रोज़, लेखक बहुत दुखी था। वह बार-बार खिड़की के बाहर देखता और हर बार उसके चेहरे की निराशा बढ़ जाती। हालांकि खिड़की के बाहर उसका प्रिय बगीचा था, जिसमें सुंदर सुंदर फूल खिले हुए थे। और वे फूल उसे बेहद पसंद थे।
बगीचे के उस पर उसके धान के खेत थे। खेतों में धान की घनी बालियां लहरा रही थीं। इस साल बारिश अच्छी हुई थी। यहां तक कि अभी थोड़ी देर पहले भी हल्की बूंदा-बांदी हुई थी। जिससे मौसम बेहद सुहाना हो गया था।
लेकिन इस सबके बावजूद लेखक बेहद दुखी था। वह जितनी बार भी खिड़की के बाहर देखता, उसे वे घटनाएं याद आ जातीं, जो पिछले दिनों उसके जीवन में घटित हुई थीं। उसे याद आ जाता कि इस साल उसने अपना गॉल ब्लाडर का पीड़ादायी आपरेशन करवाया था। उसे याद आता कि इसी साल उसके पिता का देहान्त हो गया था।
साथ ही उसे वह भयानक एक्सीडेंट भी याद आ जाता, जिसमें उसके बेटे की कार बुरी तरह से नष्ट हो गयी थी। और साथ ही उसे याद आता कि इसी साल वह अपनी नौकरी से भी रिटायर हो गया था।
लेखक को जितनी बार ये घटनाएं याद आतीं, वह पहले से और ज्यादा दुखी हो जाता। फिर वह अपनी नोटबुक उठाता और उस पर कुछ लिखने लगता।
लेखक अपने ग़म में इतना ज्यादा डूबा हुआ था कि उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी पत्नी कुर्सी के पीछे आकर खड़ी हो गयी। पत्नी चुपचाप उसकी नोटबुक को पढ़ने लगी। उसे पढ़कर पत्नी ने कुछ सोचा और फिर कमरे से बाहर चली गयी।
थोड़ी देर के बाद लेखक की पत्नी फिर से कमरे में दाखिल हुई। लेकिन इस बार वह खाली हाथ नहीं आई थी। इस बार उसके हाथ में एक कागज था। उसने मुस्कराते हुए उस कागज को पति की नोटबुक के बगल में रख दिया।
लेखक ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। उसने कागज को उठा लिया और उसे पढ़ने लगा। कागज में लिखा हुआ था-
ईश्वर की कृपा से इस साल मुझे उस गॉल ब्लाडर से छुटकारा मिल गया, जिसके कारण मैं काफी समय से परेशान था। इसी वर्ष मेरे 95 वर्ष के पिताजी बगैर किसी पर आश्रित हुए और बिना किसी गंभीर बीमारी का शिकार हुए दुनिया को अलविदा कह गये।
इस साल भगवान ने एक्सिडेंट में मेरे बेटे की रक्षा की। भले ही उसकी कार टूट-फुट गई, लेकिन मेरे बच्चे की जिंदगी बच गई। इसी साल मैंने अपने जीवन के सुनहरे 60 वर्ष पूरे किये और अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हुआ।
अब मेरे पास समय ही समय है। अब, मैं अपनी मर्जी के अनुसार अपने समय का उपयोग करूंगा और उन सभी किताबों को पूरा करूंगा, जो कई सालों से मेरे दिमाग में घुमड़ रही हैं।
अंत में पत्नी ने लिखा था- इस साल भगवान की हम पर कृपा रही, हमारा यह साल अच्छा बीता।
यह पढ़कर लेखक बच्चों की तरह किलक उठा। उसकी आंखों के आगे फैला निराशा का अंधेरा पूरी तरह से छंट चुका था। वह मुस्कराता हुआ अपनी कुर्सी से खड़ा हुआ और उसने अपनी पत्नी को बाहों में भींच लिया।
दोस्तों, देखा आपने, नज़रिया बदलने पर कितना कुछ बदल जाता है। चीजें तो वही रहती हैं पर उनके मायने बदल जाते हैं और जीवन के बंद रास्ते भी खुद ब खुद खुल जाते हैं। इसलिए जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच (Positive Thinking) रखें। आप देखेंगे कि आपके रास्ते खुद ब खुद खुल जाएंगे।
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सकारात्मक सोच वास्तव में चमत्कारिक प्रभाव करती है . कहानी की तरह ही पूरा नजरिया बदल देती है . अनुभव की बात है .
जवाब देंहटाएंsir please help me
जवाब देंहटाएंbilakul sahee . ham honge kamyaab vaalaa jazbaa honaa chahiye dukh sukh aate jaate rahate haim
जवाब देंहटाएंसकारात्मक सोच self-confidence पैदा करती हैं, कहानी बहुत अच्छी हैं और अपने उद्देश्य को पूरा करती हैं
जवाब देंहटाएंAccha soonche accha hooga
जवाब देंहटाएंBhut hi shandar jabrdast
जवाब देंहटाएंSakaratmak choch hame sandar aur majbut banati hai
जवाब देंहटाएंWithout medicine a person can get cured...No poison can kill positive thinkers....No medicine can cure n e g a t I v e thinkers.
जवाब देंहटाएंPrerak kahani.
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