Uttar Pradesh Hindi Sansthan Bal Sahitya Samman 2013
19 मार्च, 2015 का दिन बालसाहित्यकारों के लिए निश्चय ही खुशियों की ऐसी सौगात लेकर आया, जिसकी उन्हें काफी अर्से से प्रतीक्षा थी। बालसाहित्य संवर्धन योजना के अन्तर्गत श्री विनोद चंद्र पाण्डेय जी के र्निदेशन में प्रारम्भ किये गये 10 बाल साहित्य सम्मान, जो बाद में बंद हो गये थे, अब पुन: प्रारम्भ हो गये हैं। ये सम्मान कल दिनांक 19 मार्च को जब हिन्दी संस्थान में 10 चयनित रचनाकारों को दिये गये, तो बालसाहित्यकारों के चेहरे पर खुशी के रंग स्पष्ट देखे जा सकते थे। संस्थान द्वारा सम्मान स्वरूप सभी रचनाकारों को 25 हज़ार रू0 की राशि, अंग वस्त्रम एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मनित किया गया। सम्मानित किये गये रचनाकारों का विवरण निम्नानुसार है-
1 सोहनलाल द्विवेदी बाल कविता सम्मान - सूर्य कुमार पाण्डेय, लखनऊ
2 अमृतलाल नागर बाल कथा सम्मान - संजीव जायसवाल संजय, लखनऊ
3 रामकुमार वर्मा बाल नाटक सम्मान - डॉ. हेमंत कुमार, लखनऊ
4 जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखक सम्मान - राजीव सक्सेना, मुरादाबाद
5 शिक्षार्थी बाल चित्रकला सम्मान - विभाष पाण्डेय, लखनऊ
6 कृष्ण विनायक फड़के बाल साहित्य समीक्षा सम्मान - ओमप्रकाश कश्यप, गाजियाबाद
7 लल्ली प्रसाद पाण्डेय बाल पत्रकारिता सम्मान - प्रेमचंद्र गुप्त विशाल, लखनऊ
8 निरंकारदेव सेवक बाल साहित्य इतिहास लेखन सम्मान - डॉ0 कामना सिंह, आगरा
9 सुभद्रा कुमारी चौहान महिला बाल साहित्य सम्मान - निर्मला सिंह, बरेली
10 उमाकांत मालवीय युवा बाल साहित्य सम्मान - परमात्माप्रसाद श्रीवास्तव, संतकबीर नगर
बाएं से सर्वश्री: बंधु कुशावर्ती, जाकिर अली रजनीश, ओमप्रकाश कश्यप, बाबूलाल शर्मा प्रेम, राजीव सक्सेना, हेमंत कुमार एवं रमाकांत मिश्र स्वतंत्र |
अध्यक्ष जी से भेंट- बाएं से सर्वश्री, जाकिर अली रजनीश, ओमप्रकाश कश्यप, उदय प्रताप सिंह, राजीव सक्सेना, हेमंत कुमार, उषा यादव एवं डॉ. कामना सिंह |
सम्मानित साहित्यकारों एवं इन पंक्तियों के लेखक ने इस अवसर पर संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह जी से भेंट की तथा सम्मान प्रारम्भ करने के लिए उन्हें प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर रचनाकारों ने संयुक्त रूप से उन्हें एक मांगपत्र भी सौंपा, जिसमें सम्मान राशि बढ़ाकर 51 हजार करने, नियमावली में 50 वर्ष के अधिक के रचनाकारों को वरीयता देने तथा एक रचनाकार को एक विधा के योगदान हेतु सम्मानित किये जाने के उपरांत आजीवन उसके नाम पर विचार न किये जाने जैसे बिन्दुओं को संशोधित करने का आग्रह किया। अध्यक्ष महोदय ने इन मांगों पर विनम्रतापूर्वक विचार किये जाने का आश्वासन दिया और रचनाकारों को वैचारिक स्तर पर सजग रहने तथा बच्चों को बौद्धिक रूप से तार्किक एवं विचारवार बनाने वाले साहित्य को रचने की सलाह दी।
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