हिन्दी की प्रगति के लिए हम सभी की जिम्मेदारी है। इसका टकराव अंग्रेजी या अन्य भारतीय भाषाओं से नहीं होना चाहिए। जिसकी मातृभाषा अच्छी ह...
हिन्दी की प्रगति के लिए हम सभी की जिम्मेदारी है। इसका टकराव अंग्रेजी या अन्य भारतीय भाषाओं से नहीं होना चाहिए। जिसकी मातृभाषा अच्छी है,वह किसी भी भाषा को आसानी से सीख सकता है। हमारे पाठ्यक्रम में भी जो नीतियां बनी हैं, उनसे भी हिन्दी को धक्का लगा है। हमारा दुर्भाग्य है कि हिन्दी को आज तक राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल पाया।
बाएं से: डॉ. मधु चतुर्वेदी, प्रो. उषा सिन्हा, सुश्री ललिता प्रदीप, श्री रवीन्द्र सिंह, डॉ. ज़ाकिर अली रजनीश |
इससे पूर्व कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ. जाकिर अली रजनीश ने कहा कि अगर बच्चों को अपने मातृभाषा से जोड़े रखना है, तो उन्हें अपनी परम्पराओं से अवगत कराना होगा, अपनी गौरवशाली संस्कृति का ज्ञान देना होगा। इसके लिए अभिभावकों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्हें चाहिए कि वे बच्चों को लोक से जोड़ें। बच्चों को घर में बंद करके कम्प्यूटर और टीवी में ही न उलझाकर उन्हें आस-पड़ोस के बच्चों के साथ खेलने का अवसर प्रदान करें।
[post_ads]
श्री रजनीश ने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वे समय निकाल कर बच्चों के साथ बैठें। उनकी रूचियों, उनकी पसंद उनके लोक के बारे में बातें करें और अपने लोक की गौरवमयी हस्तियों, गौरवमयी गाथाओं के बारे में उन्हें बताएं। उनके सामने लोक कथाओं के खजाने को रोचकता से परोसें। और अगर आप सफलतापूर्वक यह काम कर पाएंगे, तो ये संस्कार जीवन भर अपना असर दिखाएंगे और आप बच्चों को ताउम्र अपनी लोक संस्कृति ही नहीं लोक भाषा से भी जुडा हुआ पाएंगे।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार एवं यूपी प्रेस क्लब के अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह ने कहा कि आज अभिभावकों के पास बच्चों पर ध्यान देने के लिए समय नहीं है। वे अपने बच्चों से हिन्दी में बात करना हीनता महसूस करते हैं, यही कारण है कि बच्चों की हिन्दी बिगड़ रही है।
कल्पतरू एक्सप्रेस, लखनऊ, दिनांक 06 सितम्बर, 2014 |
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना तथा गुरू वंदना से हुआ तथा कादम्बिनी क्लब द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए संचालित विद्यालयों एवं राजकीय विद्यालय में अलग-अलग श्रेणी में 'पानी बचाओ : प्लास्टि हटाओ' विषय पर आयोजित स्लोगन प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम की संयोजिका डा. मधु चतुर्वेदी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज फिल्म कार्पोरेट जगत में अमृतलाल नागर, श्रीलाल शुक्ल की भाषा मजे से बोली जाती है। हमारी जमीनी मुद्दे की बात हिन्दी में ही अच्छी लगती है। हिन्दी में मुहावनों व कहावतों का अकूत भंडार है। इन्हें रोचक बनाकर बच्चों के बीच प्रस्तुत करना होगा। कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात साहित्यकार एवं लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो0 उषा सिन्हा ने किया। कार्यक्रम की संयोजिका मनोरला लाल ने बच्चों की भागीदारी के लिए विद्यालयों के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, अतिथियों, बच्चों एवं श्रोता वर्ग को धन्यवाद दिया।
keywords: hindi news, kadambini hindi magazine, kadambini magazine online, kadambini club, kadambini club lucknow, UP Press Club, bachche aur bhasham bachche aur hindi, kalptaru express, kalptaru express epaper, kalptaru express news paper, dr. lalita pradeep, Director DIET, Ravindra Singh, President UU Press Club, Dr. Madhu Chaturvedi, Pro. Usha Sinha
बहुत ही सुंदर और सार्थक रिपोर्ट । सरहानीय प्रयास के लिए साधुवाद
जवाब देंहटाएंChalo kisi ko to hindi ki chinta hai.
जवाब देंहटाएं