Uttar Pradesh Hindi Sansthan Bal Sahitya Samman
लखनऊ। आज देश में चारों ओर जो चरित्र का संकट दिखाई पड़ रहा है, इसका समाधान बाल साहित्य में निहित है। अगर हम बच्चों को बाल साहित्य उपलब्ध कराएं, तो उससे उनके व्यक्तित्व का समुचित विकास तो होगा ही हमारा समाज भी एक स्वस्थ समाज के रूप में निर्मित हो सकेगा। पर दुर्भाग्यवश हमारे देश में ऐसा नहीं होता है। हमारे यहां बाल साहित्य को दोयम दर्जे का माना जाता है। हम विदेशों की तुलना में एक चौथाई भाग भी इसपर ध्यान नहीं देते हैं, जिसका दुष्परिणाम हमें चारों ओर दिखाई पड़ रहा है।
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उपरोक्त बातें उ.प्र. हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह जी ने बाल साहित्यकारों के प्रतिनिधि मण्डल के समक्ष कहीं। वे 1997 में बंद हुए 10 बाल साहित्य सम्मानों को चालू कराने हेतु ज्ञापन देने आए स्थानीय बाल साहित्यकारों के दल को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने रचनाकारों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें इस बात की प्रसन्नता है कि आप लोगों ने इस महत्वपूर्ण विषय पर हमारा ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि हम मुख्यमंत्री जी से मिलकर इस बारे में बात करेंगे। और जब तक सरकार द्वारा इस सम्बंध में कोई निर्णय नहीं होता, हम कोशिश करेंगे कि अपने सीमित बजट में भी कुछ बिन्दुओं पर अमल करने की कोशिश करेंगे।
संस्थान के निदेशक डा0 सुधाकर अदीब (सबसे दाएं) को ज्ञापन देते हुए हेमंत कुमार, बन्धु कुशावर्ती, जाकिर अली रजनीश, अरूणेन्द्र चंद्र त्रिपाठी, धनसिंह मेहता अनजान एवं विनोद चंद्र पाण्डेय विनोद |
तस्लीम के महासचिव डॉ. जाकिर अली रजनीश के अह्वान पर एक दर्जन बाल साल साहित्यकारों के प्रतिनिधि मण्डल ने संस्थान के निदेशक एवं कार्यकारी अध्यक्ष से मिलकर बाल साहित्य के उन्नयन हेतु अपने सुझाव प्रस्तुत किये, जिनमें बंद हुए बाल साहित्य सम्मानों को पुनर्जीवित करना, बाल साहित्य सम्बंधी गोष्ठियों एवं कार्यशालाओं का आयोजन कराना तथा बाल साहित्य की पुस्तकों का प्रकाशन शामिल है।
प्रतिनिधि मण्डल में विनोद चंद्र पाण्डेय, सूर्य कुमार पाण्डेय, डॉ0 जाकिर अली रजनीश, डॉ0 हेमंत कुमार, विद्याबिन्दु सिंह, बन्धु कुशावर्ती, अरूणेन्द्र चन्द्र त्रिपाठी, धनसिंह मेहता अन्जान, रवीन्द्र प्रभात, सर्वेश अस्थाना के नाम प्रमुख हैं।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक सुधाकर अदीब जी ने भी बाल साहित्यकारों का स्वागत किया और उनकी मांगों पर समुचित ध्यान देने का आश्वासन दिया। साहित्यकारों ने जिन बाल साहित्य सम्मानों को पुनर्जीवित करने की मांग की, उनका विवरण निम्नवत है-
1 सोहनलाल द्विवेदी बाल कविता सम्मान
2 अमृतलाल नागर बाल कथा सम्मान
3 रामकुमार वर्मा बाल नाटक सम्मान
4 जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखक सम्मान
5 शिक्षार्थी बाल चित्रकला सम्मान
6 कृष्ण विनायक फड़के बाल साहित्य समीक्षा सम्मान
7 लल्ली प्रसाद पाण्डेय बाल पत्रकारिता सम्मान
8 निरंकारदेव सेवक बाल साहित्य इतिहास लेखन सम्मान
9 सुभद्रा कुमारी चौहान महिला बाल साहित्य सम्मान
10 उमाकांत मालवीय युवा बाल साहित्य सम्मान
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार ये सम्मान वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए हैं और इन्हें हर हाल में 31 मार्च 2015 तक वितरित कर दिया जाएगा। इन सम्मानों के अन्तर्गत प्रत्येक रचनाकार को रू0 25 हजार नकद, सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा।
1 सोहनलाल द्विवेदी बाल कविता सम्मान
2 अमृतलाल नागर बाल कथा सम्मान
3 रामकुमार वर्मा बाल नाटक सम्मान
4 जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखक सम्मान
5 शिक्षार्थी बाल चित्रकला सम्मान
6 कृष्ण विनायक फड़के बाल साहित्य समीक्षा सम्मान
7 लल्ली प्रसाद पाण्डेय बाल पत्रकारिता सम्मान
8 निरंकारदेव सेवक बाल साहित्य इतिहास लेखन सम्मान
9 सुभद्रा कुमारी चौहान महिला बाल साहित्य सम्मान
10 उमाकांत मालवीय युवा बाल साहित्य सम्मान
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अपडेट(01 जनवरी, 2015)
आप सभी लोगों को सूचित करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि आप सब के सद्प्रयास रंग ला रहे हैं। बाल साहित्यकारों द्वारा की गयी इस संयुक्त मांग पर विचार करते हुए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने इन सम्मानों को पुन: प्रारम्भ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में सम्मानित बालसाहित्यकारों से विभिन्न् सम्मानों हेतु नाम मांगे हैं। साहित्यकारों द्वारा नामांकन प्राप्त होने के उपरांत संस्थान की पुरस्कार कमेटी उन नामों पर विचार करेगी और उपयुक्त बाल साहित्यकारों का चयन करके उन्हें सम्मानित करेगी।विश्वस्त सूत्रों के अनुसार ये सम्मान वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए हैं और इन्हें हर हाल में 31 मार्च 2015 तक वितरित कर दिया जाएगा। इन सम्मानों के अन्तर्गत प्रत्येक रचनाकार को रू0 25 हजार नकद, सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा।
Post Written by +DrZakir Ali Rajnish
इस महत्वपूर्ण पहल के लिए अनेक शुभकामनाएं और सभी बाल साहित्यकार प्रतिनिधियों के प्रति आभार. सादर - र.तै.
जवाब देंहटाएंतैलंग जी, शुभकामनाओं के लिए आभार। पर अभी मंजिल दूर है। इस सम्बंध में जब तक कोई स्पष्ट घोषणा न हो जाए, तब तक हमें सतत प्रयत्नशील रहना होगा।
हटाएंनिश्चय ही यह श्रम निष्कर्ष लायेगा..शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंZakir ji...hardik badhi...apka yah prayas nishchay hi bal sahitya ko aage badhane ki disha me achchha kadam hoga...
जवाब देंहटाएंPoonam
सुन्दर प्रयास बहुत सही बात कही है आपने ..शुभकामनायें.. करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो . आप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रतिवेदन .सहमत आपकी प्रस्तावना से बाल साहित्य बाल काव्य कथाएँ पञ्च तंत्र की तरह जीवन उपयोगी निधि बनेंगी .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
मुखपृष्ठ
सोमवार, 21 जनवरी 2013
चिंतन शिविर का ढोंग
http://veerubhai1947.blogspot.in/
प्रभावशाली ,
जवाब देंहटाएंजारी रहें।
शुभकामना !!!
आर्यावर्त
आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।
सराहनीय ....निश्चित रूप से बाल साहित्य की प्रभावी भूमिका है बच्चों को शिक्षित करने में .....
जवाब देंहटाएंसही कहा है आपने, बच्चों को अच्छा साहित्य पढ़ने को मिले तो उनमें अच्छे संस्कार पडेंगे..
जवाब देंहटाएंMy good wishes!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंवरिष्ठ गणतन्त्रदिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ और नेता जी सुभाष को नमन!
अति उत्तम
जवाब देंहटाएं---
अग्नि मिसाइल: बढ़ती पोस्ट चोरियाँ और घटती संवेदनशीलता, आपकी राय?
एक सार्थक प्रयास ... साधुवाद !
जवाब देंहटाएंवो जो स्वयं विलुप्तता मे चला गया - ब्लॉग बुलेटिन नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को समर्पित आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
निश्चय ही बाल साहित्य की रचना अत्यन्त ही न्यून स्तर पर है हमारे देश में, और खासकर हिन्दी में। कुछ प्रयत्न होने चाहिए जिनसे बाल साहित्य-रचना में प्रवृत्ति बढ़े।
जवाब देंहटाएंआपका यह प्रयास सराहनीय है। हम सबकी शुभकामनायें।
मां बाप आप बच्चे को अपना समय और साहित्य के अलावा सब कुछ दे रहे हैं जैसे फ़ोन, आईफ़ोन, आईपैड, लैपटाप, डैस्कटाप, गेमिंग कंसोल, इम्पोर्टेड काॕॕमिक्स, फ़ेसबुक, इमेल...
जवाब देंहटाएंbal sahity bahut jaruri hai
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंज़ाकिर भाई आज मुम्बई से वापस आकर विधिवत नेट पर आने पर यह सुखद और बहुत अच्छी खबर आपके द्वारा मिली। सभी के प्रयासों से यह सिलसिला आगे यूं ही बढ़ता रहेगा।शुभकामनाएं।
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