अभी-अभी फेसबुक पर पंकज चतुर्वेदी जी की टिप्पणी देखी, जिसमें उन्होंने बताया है कि दिल्ली में हाड़ कंपा देने वाली सर्दी पड़ रही है।...
दिनांक 10-12 जनवरी, 2012 को नास्क (NASC) कॉम्प्लेक्स, पूसा, नई दिल्ली में में साइंस कम्युनिकेशन पर अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन हो रहा है। यह कॉन्फ्रेंस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्यूनिकेशन एण्ड इनफार्मेशन रिर्सोसेस (NISCAIR-CSIR) की डायमण्ड जुबली के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है, जिसमें नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एण्ड टेक्नालॉजी कम्यूनिकेशन (NCSTC-DST) एवं विज्ञान प्रसार भी सहयोग कर रहा है। कॉन्फ्रेंस का केन्द्रीय विषय है ‘साइंस कम्युनिकेशन फॉर साइंटिफिक टेम्पर’। इसमें भाग लेने के लिए देश-विदेश के 100 से अधिक साइंस कम्युनिकेटर दिल्ली में जुट रहे हैं।
इस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए इस नाचीज को भी मौका मिल रहा है। मुझे 11 जनवरी को ए0पी0 शिन्दे हॉल में 02-3.30 बजे ‘साइंस फिक्शन: ए वे टू बिल्ड साइंटिफिक टेम्पर’ सत्र में ‘विज्ञान कथाओं के द्वारा बच्चों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति का विकास’ विषय पर अपना पेपर पढ़ना है। यह पेपर मैंने युवा विज्ञान कथाकार बुशरा अलवेरा के साथ मिलकर तैयार किया है। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ0 अरविंद मिश्र जी कर रहे हैं।
कार्यक्रम की तैयारियाँ हो गयी हैं, आज रात में मुझे दिल्ली के लिए निकलना है। पर न जाने क्यों रह-रह कर दिल्ली की सर्दी डरा रही है?
दिल्ली में तो बहुत सारे मित्र हैं। और हाँ, ब्लॉगरों की भी तो कमी नहीं है। वैसे ब्लॉगर दर्शन बवेजा जी भी हरियाणा से कॉन्फ्रेंस में भाग लेने आ रहे हैं। देखना ये है इस कड़कड़ाती सर्दी में किस-किस से मुलाकात हो पाती है?
अरे आप क्यों कुड़कुड़ाने लगे? लीजिए, इस हॉट गर्ल आई मीन गाने को देखिए और अपनी सर्दी को दूर भगाइए।
जब तक आप दिल्ली पहुंचंगे तब कम हो जाएगी जो डर गया समझो .......
जवाब देंहटाएंसाइंटिफिक टेम्पर तो ठीक पर जान है तो जहान है... :) आजकल दिल्ली सिर्फ उन्हें ही भेजा जाना चाहिए जिनसे दुश्मनी चल रही हो
जवाब देंहटाएंसही कहा है |
जवाब देंहटाएंअग्रिम बधाई !बधाई आपको ,अरविन्द जी को ,साइंस ब्लोगर्स अशोशियेशन को .
जवाब देंहटाएंदिल्ली में ठण्ड है पर इतनी भी नहीं ... शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंअभी तो सच में सर्दी बहुत हैं जी
जवाब देंहटाएंदेखिये आपकी पोस्ट पढते ही सूरज भी निकल आया है.. इसलिए ज़ाकिर भाई, घबराने की बात नहीं.. और हमारी तरफ से डॉ. अरविन्द मिश्र साहब को प्रणाम कहेंगे!!
जवाब देंहटाएंथोड़ा सर्दी का मज़ा भी लीजिये ।
जवाब देंहटाएंकाश कभी दिल्ली में भी हिमपात हो !
सुना है अभी बर्फ गिरी है वहाँ पर।
जवाब देंहटाएंThandh to hai, magar aapke uddeshya ke aage kam hi hai. Conference ki safalta ke liye shubhkaamnayein.
जवाब देंहटाएंअभी तो आप दिल्ली में हैं ,कैसी है ठंड .....
जवाब देंहटाएंvikram7: हाय, टिप्पणी व्यथा बन गई ....
Shaayad ye aap sab ki duwaaon ka asar tha ki Dilli pahunchte hi wahaan Dhoop khil gayi. Isse Thand se sachmuch rahat mil gayi.
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