ब्‍लॉगवाणी: ‘शब्‍द शिखर’ पर विराजने की आकाँक्षा...

SHARE:

('जनसंदेश टाइम्स', 12 अक्‍टूबर, 2011 के 'ब्लॉगवाणी' कॉलम में प्रकाशित ब्लॉग समीक्षा) धरती पर पाए जाने वाले सभी...

('जनसंदेश टाइम्स', 12 अक्‍टूबर, 2011 के
'ब्लॉगवाणी' कॉलम में प्रकाशित ब्लॉग समीक्षा)
धरती पर पाए जाने वाले सभी जीवों में मनुष्‍य ही वह प्राणी है, जिसके पास सोच-विचार करने और उसे अभिव्‍यक्‍त करने की शक्ति पाई जाती है। यही कारण है कि विचारशील व्‍यक्ति सिर्फ अपनी क्षुधापूर्ति पर ध्‍यान नहीं देता, वह अपनी रोजी-रोटी के साथ-साथ समाज के बारे में भी चिंतन करता है। विद्वानों ने इस वैचारिक प्रस्‍फुटन को स्‍वत: स्‍फूर्त माना है। लेकिन इसके साथ ही साथ यह भी तय है कि परिस्थितियाँ और माहौल भी इस भाव के प्रकटीकरण में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
यही कारण है कि जबसे वैचारिक आदान-प्रदान के रूप में ब्‍लॉग का माध्‍यम सामने आया है, ऐसे विचारकों की संख्‍या में अ‍भूतपूर्व वृद्धि हुई है। इस वृद्धि को अगर वैचारिक विस्‍फोट का नाम दिया जाए, तो शायद अतिश्‍योक्ति नहीं होगी। कारण जहाँ इस माध्‍यम ने लेखकों की एक ऐसी जमात को सामने लाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो किसी संकोच की वजह से कभी अपनी रचनाओं को लोगों के सामने नहीं ला सके, वहीं इसने उन रचनाकारों की झिझक को भी तोड़ने में सफलता अर्जित की है, जो बार-बार के रचना-प्रेषण और सम्‍पादकीय दया दृष्टि को लेकर सहज नहीं रह पाते थे।

रचनाकारों की इन दो श्रेणियों के अतिरिक्‍त ब्‍लॉग जगत में लेखकों की एक तीसरी श्रेणी भी सक्रिय है, जो ब्‍लॉग जगत से इतर भी अपनी लेखनी के लिए जानी जाती है और ब्‍लॉग जगत में भी अपनी अपनी साहित्यिक प्रतिभा के कारण पहचानी जाती है। आकाँक्षा यादव इसी श्रेणी की एक प्रतिभा सम्‍पन्‍न रचनाकार हैं। वे जिस तरह देश-विदेश की सभी चर्चित पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं, उसी तरह से ब्‍लॉग जगत में भी अपनी सक्रियता के नए आयाम स्‍थापित करती नजर आती हैं। उनके इस वैचारिक और साहित्यिक चिंतन को उनके ब्‍लॉग शब्द-शिखर  (http://shabdshikhar.blogspot.com) पर सहज रूप में देखा-परखा जा सकता है।

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में जन्‍मीं आकाँक्षा वर्तमान में पोर्टब्‍लेयर शहर में अवस्थित हैं। पेशे से वे कॉलेज में प्रवक्‍ता हैं, पर मुख्‍य रूप से वे एक रचनाधर्मी के रूप में जानी जाती हैं और अपनी रचनाओं में जीवंतता के साथ-साथ सामाजिक संस्कार के रंग भरने के लिए पहचानी जाती हैं। उनका मानना है कि लेखनी में बिना लाग-लपेट के सुलभ भाव-भंगिमा सहित जीवन के कठोर सत्य भी उभरने चाहिए। यही उसकी सार्थकता है। यही कारण है कि उनकी लेखनी किसी एक क्षेत्र अथवा सीमा में बंध कर नहीं रहती। वे मानव-मात्र को छूने वाले सभी सहज विषयों पर चिंतन करती पाई जाती हैं और शायद यही कारण है कि वे अपनी इस साहित्यिक सक्रियता के लिए दजर्नाधिक साहित्यिक संस्‍थाओं से पुरस्‍कृत एवं सम्‍मानित होने का गौरव भी प्राप्‍त कर चुकी हैं।

आकाँक्षा एक आधुनिक युग की महिला हैं। वे महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिये जाने की पक्षधर हैं और लड़कियों पर पक्षपात के कारण लगाए जाने वाली मानसिकता की सख्‍त आलोचक भी हैं। यही कारण है कि वे ईव-टीजिंग जैसे ज्‍वलंत विषय पर लड़कियों पर सारा दोष मढ़ने की मानसिकता को साहस के साथ बेपर्दा करती हैं और स्‍वस्‍थ समाज के लिए स्‍वस्‍थ मानसिकता की आवश्‍यकता पर बल देती हैं। वे एक ओर जहाँ समाज के विभिन्‍न वर्गों में पाई जाने वाले विकृतियों को अपनी रचनाओं में उकेरती हैं, वहीं पर उपदेश कुशल बहुतेरे की सीमा को तोड़ती हुई शिक्षक वर्ग की कमजोरियों को भी समान रूप से प्रदर्शित करने में झिझक महसूस नहीं करती  हैं। उनका मानना है कि यदि शिक्षक अपनी भूमिका व कर्तव्यों पर पुनर्विचार कर सकें तो शायद वे बदलते प्रतिमानों के साथ अपनी भूमिका को ज्‍यादा सशक्त बना सकेंगे।

आकाँक्षा समाज में सिर्फ बुरा देखने वाली कोई अतिरेकी आलोचक नहीं हैं। वे लोक की परम्‍परा से निकली हुई एक ऐसी पारखी हैं, जो अपने चारों ओर पसरी जिंदगी में शुभ और सार्थक चीजों को बढ़ावा देना भी अपना फर्ज समझती हैं। यही कारण है कि चाहे हमारी संस्‍कृति में व्‍याप्‍त मानवीय मूल्‍य हों, अथवा हमारे समाज में चारों ओर फैले प्रेरक एवं सकारात्‍मक पहलू, वे एक जौहरी की तरह कदम-कदम पर उनकी पहचान करती चलती हैं और अपनी लेखनी के द्वारा उन्‍हें बड़ी कुशलता से अपने ब्‍लॉग पर परोसती जाती हैं। उनकी यह सजग दृष्टि जहाँ उनकी साँस्‍कृतिक समझ को व्‍याख्‍यायित करती है, वहीं उनके ब्‍लॉग में विविधता का ऐसा रंग भरती है, जो पाठकों को सहज रूप से आकर्षित करता है।

कविता, कहानी, नाटक, समीक्षा, संस्‍मरण जैसी विधाओं में अपने के सहज महसूस करने वाली आकाँक्षा वास्‍तव एक बहुआयामी रचनाकार हैं। एक ओर जहाँ वे आधुनिक युग की नारियों को समय की विद्रूपताओं के साथ चलने की राह दिखाती हैं, वहीं वे बाल साहित्‍य की सार्थक रचनाओं का प्रणयन कर बच्‍चों की भी सच्‍ची दोस्‍त बन जाती हैं। उनकी लेखनी की यह विविधता शब्‍द-शिखर को पठनीय बनाती है और ब्‍लॉग जगत की भीड़ में उन्‍हें एक खास पहचान दिलाती है।
Keywords: Akansha Yadav, Shabd Shikhar, Jansandesh Times, Blog Review, Indian Blogs, Hindi Bloges, Indian Bloggers, Hindi Bloggers

COMMENTS

BLOGGER: 12
  1. नियमित पढ़ना होता है उन्हें।

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया प्रस्तुति |
    हमारी बधाई स्वीकारें ||

    जवाब देंहटाएं
  3. नए ब्लॉग से परिचय कराने के लिये शुक्रिया!

    जवाब देंहटाएं
  4. डॉ. ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी,
    नमस्कार,
    आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगसपाट डाट काम" के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" पर लिंक किया जा रहा है|

    जवाब देंहटाएं
  5. डॉ. ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी,
    बहुत ही अच्छा लगा यह लेख और ब्लॉगवाणी का यह पृष्ठ। धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  6. उनको पढ़ना सदैव अच्छा लगता है ...

    जवाब देंहटाएं
  7. आकांक्षा जी को तमाम पत्र-पत्रिकाओं के साथ-साथ अंतर्जाल पर भी निरंतर पढ़ रहा हूँ. वाकई आज के दौर की वह एक सशक्त रचनाकार हैं. जाकिर जी ने उनके ब्लॉग का सटीक और सुन्दर विश्लेषण किया है...बधाई !!

    जवाब देंहटाएं
  8. आकाँक्षा एक आधुनिक युग की महिला हैं। वे महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिये जाने की पक्षधर हैं और लड़कियों पर पक्षपात के कारण लगाए जाने वाली मानसिकता की सख्‍त आलोचक भी हैं।...आज के दौर में ऐसे ही लोगों की जरुरत है.

    जवाब देंहटाएं
  9. सशक्त कवयित्री, लेखिका एवं सक्रिय ब्लागर आकांक्षा यादव जी के ब्लॉग के बारे में पढना अच्छा लगा. आज जहाँ तमाम ब्लागर्स मात्र मात्रात्मक फलक पर ध्यान दे रहे हैं, वहीँ आकांक्षा जी के ब्लॉग पर गुणात्मक तत्व दिखते हैं.

    भाई रजनीश जी को इस उत्तम समीक्षा के लिए साधुवाद.

    जवाब देंहटाएं
  10. ब्लागिंग जगत में बहुत कम लोग ऐसे हैं, जो धीर-गंभीर लेखन और ब्लागिंग के लिए जाने जाते हैं. आकांक्षा जी का नाम उनमें सर्वप्रमुख है. उनके ब्लागिंग रचना-कर्म पर रजनीश जी की बहुत सुन्दर प्रस्तुति...बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  11. जीवन-संगिनी आकांक्षा जी के ब्लॉग और उनके कृतित्व पर बेहद मनोयोग से रजनीश जी ने कलम चलाई. बहुत-बहुत मुबारकवाद.

    जवाब देंहटाएं
आपके अल्‍फ़ाज़ देंगे हर क़दम पर हौसला।
ज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया! जी शुक्रिया।।

नाम

achievements,3,album,1,award,21,bal-kahani,9,bal-kavita,5,bal-sahitya,33,bal-sahityakar,13,bal-vigyankatha,4,blog-awards,29,blog-review,45,blogging,42,blogs,49,books,9,buddha stories,4,children-books,14,Communication Skills,1,creation,9,Education,4,family,8,hasya vyang,3,hasya-vyang,8,Health,1,Hindi Magazines,7,interview,2,investment,3,kahani,2,kavita,9,kids,6,literature,15,Motivation,71,motivational biography,27,motivational love stories,7,motivational quotes,15,motivational real stories,5,motivational speech,1,motivational stories,25,ncert-cbse,9,personal,18,Personality Development,1,popular-blogs,4,religion,1,research,1,review,15,sahitya,28,samwaad-samman,23,science-fiction,4,script-writing,7,secret of happiness,1,seminar,23,Shayari,1,SKS,6,social,35,tips,12,useful,16,wife,1,writer,9,Zakir Ali Rajnish,27,
ltr
item
हिंदी वर्ल्ड - Hindi World: ब्‍लॉगवाणी: ‘शब्‍द शिखर’ पर विराजने की आकाँक्षा...
ब्‍लॉगवाणी: ‘शब्‍द शिखर’ पर विराजने की आकाँक्षा...
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgN7RzeL423hrWwmJYJnyUK3lfwxieg-HlRGpD_pK5sqyNuAr4tc_-QGTesEN0_xKNUlWAofYNx2CzTM3z-sGLynR3xJWGCuv5JLV1WoCmeDeQtJHXcHbDWw4Be8KdwmTqYDwRid91IeM6s/s320/Shabd+Shikhar_Akansha+Yaday.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgN7RzeL423hrWwmJYJnyUK3lfwxieg-HlRGpD_pK5sqyNuAr4tc_-QGTesEN0_xKNUlWAofYNx2CzTM3z-sGLynR3xJWGCuv5JLV1WoCmeDeQtJHXcHbDWw4Be8KdwmTqYDwRid91IeM6s/s72-c/Shabd+Shikhar_Akansha+Yaday.jpg
हिंदी वर्ल्ड - Hindi World
https://me.scientificworld.in/2011/10/blog-post_12.html
https://me.scientificworld.in/
https://me.scientificworld.in/
https://me.scientificworld.in/2011/10/blog-post_12.html
true
290840405926959662
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy