(हिन्दी में पटकथा लेखन: दिल्ली विश्वविद्यालय के चार वर्षीय पत्रकारिता पाठ्यक्रम में चयनित) हिन्दी में पटकथा लेखन पुस्तक में पटक...
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(हिन्दी में पटकथा लेखन: दिल्ली विश्वविद्यालय के चार वर्षीय पत्रकारिता पाठ्यक्रम में चयनित) |
हिन्दी में पटकथा लेखन पुस्तक में पटकथा लेखन (Script Writing) की विभिन्न बारीकियों को विस्तार से उदाहरण के साथ समझाया गया है। नीचे इस पुस्तक की विषय सूची दी गयी है, जिसको पढकर आप यह आसानी से समझ सकते हैं कि यह पुस्तक आपके लिए कितनी उपयोगी है।
हिन्दी में पटकथा लेखन पुस्तक विषय सूची
अध्याय-1: भाषा समाज और फिल्म
पटकथा क्या है?, विचार (आइडिया) पटकथा का बीज, विचार बनाम कथावस्तु (प्लॉट-Plot), प्रधान स्वर (थीम-Theam) और आधारिका (प्रीमाइज-Premise), विचार के श्रोत, देखें-सुनें-पढ़ें, विचार का विस्तार (वन मिनट स्टोरी-One Minute Story), ब्यौरेवार विवरण (ट्रीटमेन्ट नोट-Treatment Note), सार संक्षेप (सनाप्सेज-Synopsis)।
अध्याय-2: कहानी का क्रमिक विकास
कहानी की भूमिका (पहला अंक), कहानी का मध्य भाग (दूसरा अंक), कहानी का अन्तिम भाग (तीसरा अंक), जबरदस्त शुरूआत, परिचयात्मक दृश्य (इन्ट्रोडक्शन सीन-Introduction Scene), निर्णायक बिन्दु (टर्निंग प्वाइंट-Turning point / प्लॉट प्वाइंट-Plot point), टकराव (संघर्ष), मध्यांतर का समय (इन्टरवल), चरमोत्कर्ष (क्लाइमेक्स-Climax) का खेल, उपकथाओं (सब ब्लॉट-Subplot) का सामंजस्य, यादगार अंत, छोटे पर्दे की कहानीः शैतान की आँत।
अध्याय-3: पात्रों के अन्तर्सम्बंध
पात्रों के प्रकार, पात्रों की विशिष्टताएँ, पात्रों से साक्षात्कार, पात्रों का विकास, विविधता का महत्व, चीखते-चिल्लाते पात्रः संदर्भ दूरदर्शन, पात्रों की जीवनी (बायोग्राफी-Biography), पात्रों की सार्थकता।
अध्याय-4: पटकथा का प्रारूप
पटकथा लेखन की प्रक्रिया (दृश्य योजना-Scene Design), धारावाहिक की दृश्य योजना, दृश्य का तीन अंकीय ढ़ाँचा, पटकथा सार (वन लाइनर-One Liners), दृश्य लेखन, शूटिंग स्क्रिप्ट, तकनीकी शब्दावलीः बिम्ब, मोन्ताज (Montage), सीक्वेन्स (Sequence), कंट्रास्ट (Contrast), इंटर कटिंग (Enter cutting), फ्लैश बैक (Flash back)/फ्लैश फारवर्ड (Flash forward), सेट-अप (Setup)/पे ऑफ (Pay off), मैलोड्रामा (Melodrama)।
अध्याय-5: संवाद की गरिमा
संवाद का महत्व, स्वाभाविकता पर बल, पात्रानुकूल/समयानुकूल भाषा, संवाद के प्रकार, संवादः कल और आज।
अध्याय-6: रूपान्तरण का मर्म
कृति का चुनाव, रूपान्तरण की प्रक्रिया, माध्यम का फर्क, पटकथाकार की समझ।
अध्याय-7: वृत्त चित्र (डॉक्युमेन्ट्री)
डॉक्यूमेन्ट्री (Documentary), डॉक्यूड्रामा (Docudrama), ड्रामाटाइज्ड डॉक्यूमेन्ट्री (Dramatized Documentary)।
परिशिष्टः कैमरे की सर्जनात्मकता
रोल कैमरा (Roll Camera), फ्रेम (Frame), शॉट (Shot), कैमरा एंगल (Camera Angle), वाइड शॉट (Wide Shot), मिड शॉट (Mid Shot), क्लोज शॉट (Close Shot), क्लोज अप (Close up), एक्स्ट्रीम क्लोज अप (Extreme Close up), टू शॉट (Two Shot), ओवर द शोल्डर शॉट (Over the Shoulder), मूविंग शॉट (Moving Shot), रिवर्स शॉट (Reverse Shot), प्वाइंट ऑफ व्यू (Point of View, POV), फेवरिंग (Favoring), ट्रैकिंग शॉट (Tracking Shot), जूम शॉट (Zoom Shot), पैन शॉट (Pan Shot), र्ब्लर पैन (Blur Pan), टिल्ट शॉट (Tilt Shot), टिल्ट एण्ड पैन शॉट (Tilt and Pan Shot), लो एण्ड हाई एंगल शॉट (Low and High Angle Shot), ट्रक फारवर्ड (Truck Forward) /बैक (Truck Back), फास्ट मोशन (Fast Motion), सुपर इम्पोजीशन (Superimposition), इन्सर्ट (Insert), फ्लैश (Flash), रिकैप (Recap), वॉयस ओवर (Voice Over), कट/कट टू (Cut to), हुक, फ्रीज (Fridge), फेड इन (Fade in)/ आउट (Fade Out), वाइप (Wipe), डिजाल्व (Dissolve), स्प्लिट स्क्रीन (Split screen), कन्टीन्यूटी (Continuity), स्टॉक शॉट्स (Stock Shots)।
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