('जनसंदेश टाइम्स', 04 मई, 2011 में 'ब्लॉगवाणी' कॉलम में प्रकाशित ब्लॉग समीक्षा) किसी आलोचक का कथन है कि ...
('जनसंदेश टाइम्स', 04 मई, 2011 में
'ब्लॉगवाणी' कॉलम में प्रकाशित ब्लॉग समीक्षा)
किसी आलोचक का कथन है कि लेखक अपने लेखन में हर बार अपने आप को दोहराता है। इसे इस तरह से भी कह सकते हैं कि लेखक की रचनाऍं उसके व्यक्तित्व के प्रतिबिम्ब की तरह होती हैं। यही कारण है कि महिलाओं के रचना संसार और पुरूषों के रचना संसार में काफी अंतर पाया जाता है। यह फर्क गाँव और शहर के रचनाकारों में भी तथा देशी और परदेशी रचनाकारों में भी देखा जा सकता है। अपने गॉंव अपने समाज में रहने वाला रचनाकार जहॉं आमतौर से अपने आसपास की समस्याओं को लेखन में तरजीह देता है, वहीं अपने गांव अपने देश से दूर रहने वाला लेखक अपनी रचनाओं में बार-बार अपने शहर अपने देश को याद करता हुआ नज़र आता है।
परदेशी रचनाकारों की लेखनी से प्रस्फुटित होने वाले इस प्रेम की मुख्य वजह यह है कि अपनी माटी अपने सम्बंधियों से दूर जाने के बाद व्यक्ति जब अजनबीपन और अकेलापन महसूस करता है, तो नतीजतन उसके अवचेतन में बसी हुई स्मृतियाँ चाहे-अनचाहे लेखन में जगह बनाने लगती हैं। ऐसी ही मोहक स्मृतियों से सुसज्जित और माटी की गंध से लबरेज़ एक ब्लॉग है ‘उड़नतश्तरी’ (http://udantashtari.blogspot.com)। इस उड़नतश्तरी के पायलट अर्थात लेखक हैं कनाडा निवासी समीरलाल।
रतलाम म.प्र. में जन्में समीरलाल ने जबलपुर में शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की और कुछ समय मुम्बई में बिताने के बाद 1999 में विदेश में जाकर बस गये। टोरंटो, कनाडा के एक प्रतिष्ठित बैंक में तकनीकी सलाहकार के पद पर काम करने के बावबजूद समीर का मन साहित्य में बसता है। वे कविता, ग़ज़ल, कहानी, लघुकथा, संस्मरण और व्यंग्य आदि अनेक विधाओं में लिख रहे हैं और अपने ब्लॉग के द्वारा एक नया इतिहास रच रहे हैं। समीर अपने लेखन को ख्यालों की बेलगाम उड़ान का नाम देते हैं, लेकिन इसके बावजूद वे जो कुछ लिखते हैं, दिल से लिखते हैं। यही कारण है कि वे हिन्दी के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले ब्लॉगरों की जमात में शामिल हैं।
अपने काव्य संग्रह ‘बिखरे मोती’ और उपन्यासिका ‘देख लूँ तो चलूँ’ के लिए चर्चित और ‘संवाद सम्मान’ सहित अनेक सम्मानों से पुरस्कृत समीर कभी भाटे पालक की सब्जी के बहाने तो कभी पसीने की बू के सहारे भारत की गलियों में धूल उड़ाते पाए जाते हैं। उनके ये संस्मरण सिर्फ यादों के व्यामोह भर नहीं, संवेदनाओं के वाहक भी हैं। और ये संवेदनाएं तब और घनी हो जाती है, जब इनमें परदेश में बसे बच्चों के बूढ़े माता-पिता के इंतज़ार का दर्द भी शामिल हो जाता है। चाहे इसे ज़माने की तेज रफ्तार कहें अथवा आधुनिकता का कुप्रभाव, जैसे-जैसे हम तरक्की की सीढि़यॉं चढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हमारे रिश्तों के बीच में एक खोखलापन, एक आडम्बर घर करता जा रहा है। इस आडम्बर को समीर ने बड़ी ही शिद्दत से महसूस किया है और अनेक तरीकों से अनेक पोस्टों में शानदार ढ़ंग से बयॉं किया है।
समीर ने कविता और कहानियॉं बहुतायात में लिखी हैं, पर जब उन रचनाओं में व्यंग्य का पुट भी शामिल हो जाता है, तो उनकी लेखनी ज्यादा प्रभावी हो जाती हैं। समीर जब अपने आस-पास बिखरे विषयों को व्यंग्य की चाशनी में लपेट कर प्रस्तुत करते हैं, तो पाठक मंत्रमुग्ध सा हो जाता है। उनकी पारखी दृष्टि की ज़द में रिश्तों के तार, नित नए होने वाले आविष्कार, मुफलिसी के शिकार और सामाजिक त्यौहार तभी कुछ पाए जाते हैं। वे जिस विषय पर कलम चलाते हैं, उसकी गहराई में उतर जाते हैं और उसके बहाव में पाठक को भी अपने साथ बहा ले जाते हैं। उनके लेखन की यही विशेषता पाठकों को अपने पास बुलाती है और उन्हें ब्लॉगरों के बीच में विशिष्ट स्थान दिलाती है।
समीर इस बात को बेहिचक स्वीकार करते हैं कि हर व्यक्ति को बेशुमार चाहतें संजोने का अधिकार हैं। वे मानते हैं कि ईश्वर अक्सर उनमें से कुछ को पूरा करने का मौका भी प्रदत्त करता है। मगर उहापोह में घिरा इंसान जब सही समय पर सही निर्णय नहीं कर पाता है तो नतीजतन उसके हिस्से में हाथ मलना आता है। पूरी दुनिया के लगभग 400 ब्लॉगर्स से फोन पर सम्पर्क बना कर रखने वाले समीर अपने जीवन में सम्बंधों को वरीयता देते हैं और इंसानियत को जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताते हैं। वे जीवन के हर क्षण को जीने के हामी हैं और जीवन में ईमानदारी को महत्वपूर्ण मानते हैं। उनकी नज़र में असली ईमानदार वो नहीं, जो ईमानदारी से जीवन-यापन करता है। बल्कि असली ईमानदार वे हैं जो भ्रष्टाचार का मौका उपलब्ध होने पर भी ईमानदारी के दामन को नहीं त्यागते हैं।
ब्लॉगर्स को प्रोत्साहित करने, विवादों से दूर रहने और सबको साथ लेकर चलने के हामी समीर एक नियमित ब्लॉगर हैं। उन्होंने अपने कार्य व्यवहार के द्वारा ‘स्टार ब्लॉगर’ का दर्जा पाया है और ‘उड़नतश्तरी’ को सारे विश्व में लोकप्रिय बनाया है।
सुन्दर समीक्षा ..आभार एवं शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसमीर जी के बारे में गज़ब लिखा है...वो ब्लॉग जगत के अमिताभ हैं...थोड़े उनसे काले और शरीर से भारी हैं ...लेकिन कलाकारी और लोकप्रियता में उनके समकक्ष ...:-))
जवाब देंहटाएंनीरज
समीर जी वाकई स्टार ब्लॉगर है
जवाब देंहटाएंआभार
जाकिर भाई ,बहुत अच्छी जानकारी दे दी आपने समीर लाल जी बारे नें, और यह जो आपने कहा परदेश जाकर अपनी मिटटी को याद रखना शत प्रतिशत सत्य बहुत सुंदर समीक्षा , आभार
जवाब देंहटाएंसमीर जी वाकई स्टार ब्लॉगर है| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंहुत ही सुन्दर लिखा आपने।
जवाब देंहटाएंयों तो सभी परिचित हैं .... पर आपने बेहद उम्दा ढंग से समीर जी ब्लॉग का विश्लेषण किया ....आभार
जवाब देंहटाएंजब मैंने हिंदी ब्लॉग पढना शुरू ही किया था, (२००९ के शुरूआती महीनो में) उन दिनों में मैं इन्हें और ताऊ जी को एक ही समझती थी... :D
जवाब देंहटाएंसमीर लाल ब्लॉग जगत के डॉन हैं... उलटे हाथ से इतना कमाल दिखाया है कि आसानी से कहा जा सकता है कि ये सब लिखना उनके लिए बाएं हाथ का खेल है!!
जवाब देंहटाएंभाई, समीर जी तो ब्लॉग जगत के बादशाह हैं ... उनकी क्या तारीफ ... बहुत बढ़िया पोस्ट ...
जवाब देंहटाएंसमीरजी को कुछ दिनों से ही जानती हूँ ?वाह ! शब्द ही निकलता है मेरे शब्द कोष से --अछि प्रस्तुति है !
जवाब देंहटाएंआप सबके स्नेह का बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंपहली बार आए लेकिन आना सार्थक हुआ...समीरजी का परिचय और प्रशंसा ... दोनो ही मुग्ध कर जाते हैं.. आभार
जवाब देंहटाएंपहली बार आए लेकिन आना सार्थक हुआ...समीरजी का परिचय और प्रशंसा ... दोनो ही मुग्ध कर जाते हैं.. आभार
जवाब देंहटाएंसबसे पहले आप को बहुत बधाइयाँ की आपने इस श्रेष्ठ जिम्मेदारी को स्वीकार किया ! दूसरा आप को शुक्रिया की आप ने मेरे ब्लाग की पोस्ट को पढ़ा और मेरा मनोबल बढाया ! भाई समीर जी के बारे में तो बस इतना ही कहूँगा की वो न सिर्फ एक अछे ब्लॉग लेखक हैं बल्कि एक अच्छे इंसान और अच्छे प्रेरक भी हैं ! ब्लाग जगत में २ वर्ष पूर्व प्रवेश करने पर सबसे पहली टिप्पणी मुझे उन्हीं से प्राप्त हुई थी !
जवाब देंहटाएंसादर !
nice post.
जवाब देंहटाएंअगर आप बड़ा ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो आपको भी अपने अंदर निरालापन ज़रूर लाना होगा Be a unique blogger
बहुत अच्छा लगा समीर जी के बारे मे जान कर उन्हें हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा है आपने! समीर जी के लिए शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंachchha likhate ho bhai. badhai...sameekshaa dekh-parh kar achchha laga.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा समीर जी के बारे मे जान कर
जवाब देंहटाएंसमीर जी वाकई स्टार ब्लॉगर है
जवाब देंहटाएंइसके बावजूद कि समीर जी की टिप्पणियां बहुत छोटी होती हैं,उनकी उपस्थिति मात्र से ब्लॉगर उत्साहित महसूस करते हैं। एक टिप्पणीकार के रूप में यह बात बहुत कम ब्लॉगरों के बारे में कही जा सकती है।
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा आपने।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिखा गया लेख है।
जवाब देंहटाएंश्रीमान जी,क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लेंहिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है
जवाब देंहटाएंदोस्तों, क्या सबसे बकवास पोस्ट पर टिप्पणी करोंगे. मत करना,वरना......... भारत देश के किसी थाने में आपके खिलाफ फर्जी देशद्रोह या किसी अन्य धारा के तहत केस दर्ज हो जायेगा. क्या कहा आपको डर नहीं लगता? फिर दिखाओ सब अपनी-अपनी हिम्मत का नमूना और यह रहा उसका लिंकप्यार करने वाले जीते हैं शान से, मरते हैं शान से
जवाब देंहटाएंसमीर लाल जी के बारे में विस्तार से जानना अच्छा लगा!
जवाब देंहटाएंब्लॉगरों के परिचय की इस कड़ी को जारी रखिए!
ve achha likhte h!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया .मुबारक हो
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