कुछ लोग भले ही ब्लॉगिंग को सिर्फ अपने मन की भड़ास निकालने का माध्यम भर मानते हों, पर मेरा स्पष्ट मानना है कि यह लोगों के सम्पर्क में ...
कुछ लोग भले ही ब्लॉगिंग को सिर्फ अपने मन की भड़ास निकालने का माध्यम भर मानते हों, पर मेरा स्पष्ट मानना है कि यह लोगों के सम्पर्क में आने का और उन तक अपने विचारों को पहुंचाने का सबसे सस्ता और कामयाब साधन है। लेकिन दुर्भाग्य का विषय यह है कि जिस तरह हमारे समाज में नकारात्मक लोगों का प्रतिशत ज्यादा है, ठीक उसी तरह ब्लॉग जगत में भी नकारात्मक प्रवृत्ति के लोग ज्यादा दिखाई पड़ते हैं। ये लोग सिर्फ अपनी नकारात्मक बातों के द्वारा द्वेष की भावना ही नहीं फैलाते, सकारात्मक विचार वाले व्यक्तियों को भी शीघ्र ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। यही कारण है कि जो लोग कभी तर्कपूर्ण और सार्थक सोच की बातों के लिए जाने जाते थे, आज अनर्गल प्रलाप में आनन्द की अनुभूति कर रहे हैं। इन स्थितियों को देखकर कभी-कभी मन में निराशा सी घर कर जाती है। शायद इसी का दुष्परिणाम है कि ब्लॉगिंग को अलविदा कहने वाले ऐसे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो कभी स्वस्थ और सार्थक ब्लॉगिंग के लिए जाने जाते थे। इसके अलावा भी ऐसे ब्लॉगर्स की संख्या अच्छी खासी है, जिन्होंने या तो ब्लॉगिंग छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं, अथवा जिन्होंने इसमें रूचि लेना लगभग बंद कर दिया है।
यह अलग बात है कि जितने लोगों ने ब्लॉगिंग बंद की है, उससे कहीं ज्यादा लोगों ने इस क्षेत्र में कदम रखा है और अपनी सार्थक लेखनी के द्वारा कुछ ही समय में अच्छी-खासी ख्याति अर्जित कर ली है। लेकिन ऐसे लोग कहीं हतोत्साहित न हो जाएं और ब्लॉगिंग की नकारात्मक प्रवृत्तियों के शिकार होकर इसे अलविदा न कह दें, यह खतरा तो सदैव मंडराता ही रहता है। और शायद यही कारण है कि मुझे लगता है कि हिन्दी ब्लॉगिंग अभी भी अपनी प्रारम्भिक अवस्था में है और इसे प्रोत्साहन की नितांत आवश्यकता है।
इसी सोच के मद्देनजर लखनऊ से प्रकाशित दैनिक ‘जनसंदेश टाइम्स’ ने ‘ब्लॉगवाणी’ नामक कॉलम की शुरूआत की है, जिसके लेखन का जिम्मा मुझ नाचीज को सौंपा गया है। यह साप्ताहिक कॉलम गत 9 फरवरी से प्रकाशित हो रहा है, और इसमें प्रत्येक बुधवार को किसी एक ब्लॉग के बारे में परिचयात्मक ढ़ंग से समीक्षा की जाती है। इस कॉलम में उन ब्लॉगों के बारे में लिखा जा रहा है, जो अपनी सकारात्मक सोच रखते हैं और स्वस्थ सामग्री को परोसने के लिए जाने जाते हैं।
‘ब्लॉगवाणी’ कॉलम का मुख्य उद्देश्य है आम पाठकों को ब्लॉगिंग की दुनिया की जानकारी देना और उन्हें ब्लॉगिंग के लिए प्रोत्साहित करना। यही कारण है कि इसमें नये और प्रतिष्ठित दोनों तरह के ब्लॉगों को समान रूप से जगह प्रदान की जा रही है। यह कॉलम सम्पादकीय टीम द्वारा भी पसंद किया जा रहा है। यही कारण है कि ‘मीडिया’ पेज पर छपने वाले इस कॉलम को अब तक पेज का 45 प्रतिशत तक का स्थान प्राप्त हो चुका है। यदि आप इस क्रम में प्रकाशित समीक्षाओं को देखना चाहें, तो उसके लिए यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
यदि आप इस कॉलम में अपने ब्लॉग को शामिल कराना चाहते हैं, तो कृपया निम्न सूचनाओं को हमें भेज सकते हैं: अपने ब्लॉग की उन 15 पोस्टों के लिंक मुझे मेल कर दें, जिन्हें आपके अनुसार ब्लॉग की सर्वश्रेष्ठ पोस्टों का दर्जा दिया जा सकता हो। इसके साथ ही आप अपना संक्षिप्त परिचय, अपना पता (ताकि अखबार की प्रति भेजी जा सके), अपना फोन नं0 (ताकि आवश्यकता होने पर किसी आवश्यक बिन्दु पर चर्चा की जा सके) भी लिख भेजें और यह भी बताने का कष्ट करें कि आप ब्लॉगिंग कब से कर रहे हैं? आपने ब्लॉगिंग क्यों शुरू की? आपका पहला ब्लॉग कौन सा है? आपकी पहली पोस्ट कौन सी है? आपकी नजर में हिन्दी के पांच सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग कौन से (और क्यों) है? और ब्लॉगिंग को लेकर कितना गम्भीर हैं? मेल भेजते समय विषय में ‘ब्लॉगवाणी’ अवश्य लिखें और उसे मेरी मेल आईडी zakirlko@gmail.com पर भेज दें। यदि इस सम्बंध में आपकी कोई जिज्ञासा हो, तो मेरे मोबाईल नं0 9935923334 पर भारतीय समय के अनुसार सुबह 10 बजे से लेकर रात के 10 बजे तक कभी भी फोन कर सकते हैं।
यदि आप ब्लॉग नहीं लिखते हैं, तब भी आप इस कार्य में अपना सहयोग दे सकते हैं। आप हमें इस कॉलम हेतु कुछ अच्छे ब्लॉग सुझा कर (साथ ही कारण अवश्य बताएं कि आपको ये ब्लॉग क्यों पसंद हैं) भी अपना योगदान दे सकते हैं। और हां, इस सम्बंध में यदि आपके सुझाव/शिकायतें हों, तो उनका भी स्वागत है।
ब्लागजगत इस कार्य के लिए आपका आभारी रहेगा
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा प्रयास है आपका ....... आभार
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रयास ... आपके इस कदम का ब्लॉग जगत में स्वागत है ...
जवाब देंहटाएंअच्छा है समाचार पत्रों के द्वारा भी हिन्दी ब्लागिंग की जानकारी देना. अच्छे व नकारा, दोनों ही प्रकार के ब्लाग व लोग हर जगह होंगे ही अलबत्ता हमें अपने काम से काम रहता है सो हम सब अपनी—अपनी सुविधानुसार ही चुनाव करते हैं...
जवाब देंहटाएंप्रयासों को सहारा चाहिये, सदा ही।
जवाब देंहटाएंप्रोत्साहन कि जरुरत तो हर किसी को हमेशा ही पढ़ती है.
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रयास है ये ब्लॉग कोलम आपको शुभकामनाये.
आपके विचारों से शतप्रतिशत सहमत हूँ की ब्लागिंग को प्रोत्साहन देने की अभी भी जरुरत है .
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रयास है !
जवाब देंहटाएंब्लॉगिंग को अभी ही प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
जवाब देंहटाएंब्लागर मित्रों के उत्साहवर्द्धन हेतु अत्यन्त उत्तम प्रयास ।
जवाब देंहटाएंआपके प्रयास का आदर करता हूँ!
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
ब्लागवाणी के माध्यम से किया जा रहा आपका प्रयास सराहनीय है. ब्लागिंग को प्रोत्साहित करने का अपने हिस्से का कम आप बखूबी कर रहे हैं.
जवाब देंहटाएंसुंदर सकारात्मक प्रयास है....इसे साथ ज़रूर मिलेगा...
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लोगिंग को अभी सार्थक प्रोत्साहन की जरूरत है, इधर हमारा भी एक प्रयास है प्रिंट माध्यम के द्वारा अच्छे ब्लॉग को सामने लाने का. आपका प्रयास सराहनीय है. ये भी अच्छा है कि आपने जानकारी मांगी है. दरअसल ये एक बड़ा काम है और हजारों ब्लॉग में से सही ब्लॉग खोजना भी मुश्किल काम है. इस कारण हम ब्लॉग लेखकों को भी आपका सहयोग करना चाहिए.
जवाब देंहटाएंहमसे जो बन पड़ेगा सहयोग करेंगे...हिन्दी के नाम पर.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
सही कहा आपने
जवाब देंहटाएंउत्साहित करने की जरुरत तो है अगर उत्साहित नहीं कर पाते हैं तो हतोत्साहित भी नही करनी चाहिए |
आपके ब्लॉग पे आया, दिल को छु देनेवाली शब्दों का इस्तेमाल कियें हैं आप |
बहुत ही बढ़िया पोस्ट है
बहुत बहुत धन्यवाद|
यहाँ भी आयें|
यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ . हमारा पता है ... www.akashsingh307.blogspot.com
अवश्य। अभी ब्लॉग जगत को प्रमोट किया जाना चाहिए। इस दिशा में आपका प्रयास सराहनीय है। ब्लॉग जगत के मठाधीशों को आपसे सबक लेना चाहिए।
जवाब देंहटाएंइन बातों पर तब तक बहस जारी रहेगी जब तक व्यक्तिगत छींटाकशी अथवा विद्वेषपूर्ण लेखन नहीं रूकता। सकारात्मक प्रयासों से ही ब्लॉग का भविष्य है।
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रयास..
जवाब देंहटाएंभाई जाकिर जी आपने तो मेरे मन की बात कह दी
जवाब देंहटाएंब्लोगिंग में कई तरह की समस्याएं हैं जिनसे निपटना आसान नहीं है |कई स्वयं भू मंच हैं जो कूड़ा कचरा तो बटोर लेते हैं लेकिन अच्छी चीजें उन्हें रास नहीं आती हैं |बहरहाल गंगा में कितना ही कचरा भर जय उसका वजूद तो रहेगा |ब्लोगिंग का स्तर कभी न कभी सुधरेगा इस उम्मीद के साथ -आपका दिन शुभ हो |
सराहनीय प्रयास है|
जवाब देंहटाएंbadee jimmedaree ka kam hai aap ise kasoutee par khara utrenge aisaa poora vishvas hai.
जवाब देंहटाएंbadhaaee aur shubhkamnae .
main to blog link dungi, chayan samikshak ka ....
जवाब देंहटाएंhttp://lifeteacheseverything.blogspot.com/
आप मेरे ब्लाग पर आये !इसके लिए शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंआप के कहे मुताबिक मैं यहाँ आया ,आप के विचार पड़े ,हम जैसो के लिए बहुत कुछ सीखने के लिए है |मैं आप जैसी युवा पीडी से सीखना चाहता हूँ | मेरे पास सिखाने को कुछ नहीं ,सिवाय आप को आशीर्वाद देने को |
ऐसा क्यों ..? ये आप इस लिंक पर देखे !
खुश रहें |
अशोक सलूजा !
इस टाइटल को क्या नाम दूँ ....? (२ )
मैंने कहा न मैं सीख रहा हूँ | यहाँ भी मैं लिंक गल्त दे गया | फिर कोशिश कर रहा हूँ |
जवाब देंहटाएंइस टाइटल को क्या नाम दूँ ....? (२ )
behtar ho apne hi kaam par dhyaan de kisi ko taklif na pahunchaye .badhiya likha hai aapne ,hame nai disha mil sakegi .
जवाब देंहटाएंआपके विचारों से सहमत हूँ
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