नोट नहीं निवेदन: यह आपकी मर्ज़ी है कि इसे पढ़ें अथवा नहीं, पर यह मेरी ग़ुज़ारिश है कि आप तमाम पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर इसे पढ़े। पि...
नोट नहीं निवेदन: यह आपकी मर्ज़ी है कि इसे पढ़ें अथवा नहीं, पर यह मेरी ग़ुज़ारिश है कि आप तमाम पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर इसे पढ़े।
पिछले दिनों चर्चित रचनाकार और स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर के इन्टरव्यु पर आधारित उनकी पुस्तक पढ़ रहा था 'जावेद अख्तर:सिनेमा के बारे में'। उस किताब की शुरूआत ही बड़ी जबरदस्त है। इन्टरव्यु लेने वाली महिला नसरीन मुन्नी कबीर के पहले ही सवाल का जवाब देते हुए जावेद अख्तर कहते हैं- बातें तीन प्रकार की होती हैं, पहली व्यक्ति के बारे में दूसरी घटनाओं के बारे में और तीसरी विचारों के बारे में। पहले स्तर की बातचीत बेहम मामूली होती है, दूसरे स्तर की बातचीत उससे थोड़ी ऊंची होती है। लेकिन सबसे अच्छी बातचीत वह होती है, जो विचारों के बारे में होती है।
डॉ0 अरविंद मिश्र से मेरी जान पहचान संयोग से विचारों के कारण ही हुई थी। यह 14 सितम्बर 1997 की बात है, जब भारतीय विज्ञान कथा लेखक समिति का प्रथम अधिवेशन फैजाबाद में आयोजित किया गया था और मुझे मेरी नारीवादी चेतना पर आधारित विज्ञान कथा 'निर्णय' के कारण 'विज्ञान कथा भूषण सम्मान' प्रदान किया गया था। डॉ0 अरविंद मिश्र से वह हमारी पहली मुलाकात थी, जो बाद में सम्बंधों को एक नया आयाम दे गयी।
विज्ञान कथाओं के जरिया शुरू हुआ मुलाकात का वह सिलसिला जो एक बार शुरू हुआ, वह आज तक जारी है। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि उन्होंने ही मुझे साइंस ब्लॉगिंग के लिए प्रेरित किया और उन्होंने 'तस्लीम', 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' तथा 'सर्प संसार' की नींव रखी। और उन्हीं की प्रेरणा से मैंने विज्ञान लेखन पर गम्भीरतापूर्वक ध्यान दिया।
डॉ0 अरविंद मिश्र एक व्यक्ति से ज्यादा विचार के रूप में मुझे ज्यादा प्रभावित करते हैं। उनके अंदर विज्ञान संचार के प्रति एक जुनून है। उन्होंने इस दिशा में अतुलनीय कार्य किया है। और उससे भी बड़ी बात यह कि उन्होंने इस क्षेत्र (विज्ञान कथा एवं विज्ञान ब्लॉगिंग दोनों) में कार्य करने के लिए तमाम लेखकों को प्रेरित कर इसे एक आंदोलन सा रूप दिया है।
डॉ0 मिश्र के साथ मुझे अनेक विज्ञान सम्बंधी कार्यशालाओं, सेमिनारों और समारोहों में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। और हर बार मुझे उनकी किसी न किसी ऐसी विशेषता के बारे में पता चला है, जिससे मैं भावनात्मक स्तर पर उनके और करीब होता चला गया हूँ।
डॉ0 अरविंद मिश्र एक अच्छे विज्ञान कथाकार हैं, एक अच्छे वक्ता हैं, एक अच्छे रचनाकार हैं और उससे भी ज्यादा वे एक अच्छे इंसान हैं। आज के समय में जब हर व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ अपने बारे में सोच रहा है, वे हमेशा दूसरों को आगे बढ़ाते हैं और विज्ञान संचार, विज्ञान ब्लॉगिंग को प्रमोट करने के लिए दिन-रात रत रहते हैं।
हालांकि कभी-कभी हमारे बीच में विचार भिन्नता के कारण एक हल्का सा गैप उभर आता है, लेकिन कुछ अन्तराल के उपरांत मैं पुन: उन्हें अपने करीब पाता हूँ और आश्चर्यपूर्वक किसी नये प्रोजेक्ट पर मीमांसा करते हुए देखता हूँ। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे जिस ऊर्जा और लगन के साथ कार्य करते हैं, उसे देखकर कभी-कभी मुझे ईर्ष्या सी होती है। और उसी क्षण उनसे प्रेरणा लेकर मैं पुन: अपने लक्ष्यों की ओर चल पड़ता हूँ।
डा0 मिश्र जिस बात के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं वह है उनका खरी-खरी कहने का स्वभाव। वे 'मन में राम बगल में छूरी' वाले सिद्धांत को न तो पसंद करते हैं और न ही ऐसे लोगों से सम्बंध ही रखते हैं। अपनी स्पष्टवादिता के कारण अक्सर वे अनचाहे विवादों में भी घिर जाते हैं, लेकिन 'सांच को आंच नहीं' की तर्ज पर वे उसकी परवाह नहीं करते और जिस तरह जंगल में शेर सीना तान कर विचरता है, उसी प्रकार वे भी ब्लॉग जगत में भ्रमण करते रहते हैं।
पिछले काफी समय से मैं उनपर कुछ लिखना चाह रहा था, पर हर बार व्यस्तता अथवा किसी अन्य कारण से यह पोस्ट टलती चली गयी। शायद इसके पीछे कारण यही रहा कि जिन्हें हम बहुत ज्यादा चाहते हैं, अक्सर उनके प्रति अपने भावों को व्यक्त करते हुए सकुचाते से हैं।
लेकिन जब पिछले दिनों यह पता चला कि वे आजकल वे अस्वस्थ (आंख में रेटिनल प्राब्लम के कारण) चल रहे हैं, तो मन के ज्वार को संभाला न गया और यह पोस्ट आपके सामने आ गयी। मेरी ईश्वर से यही कामना है कि वे जल्द से जल्द स्वस्थ हों और ब्लॉग जगत में आकर फिर से धमाल मचाएं।
आमीन, सुम्मा आमीन।।
विज्ञान कथाओं के जरिया शुरू हुआ मुलाकात का वह सिलसिला जो एक बार शुरू हुआ, वह आज तक जारी है। मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि उन्होंने ही मुझे साइंस ब्लॉगिंग के लिए प्रेरित किया और उन्होंने 'तस्लीम', 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' तथा 'सर्प संसार' की नींव रखी। और उन्हीं की प्रेरणा से मैंने विज्ञान लेखन पर गम्भीरतापूर्वक ध्यान दिया।
डॉ0 अरविंद मिश्र एक व्यक्ति से ज्यादा विचार के रूप में मुझे ज्यादा प्रभावित करते हैं। उनके अंदर विज्ञान संचार के प्रति एक जुनून है। उन्होंने इस दिशा में अतुलनीय कार्य किया है। और उससे भी बड़ी बात यह कि उन्होंने इस क्षेत्र (विज्ञान कथा एवं विज्ञान ब्लॉगिंग दोनों) में कार्य करने के लिए तमाम लेखकों को प्रेरित कर इसे एक आंदोलन सा रूप दिया है।
डॉ0 मिश्र के साथ मुझे अनेक विज्ञान सम्बंधी कार्यशालाओं, सेमिनारों और समारोहों में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। और हर बार मुझे उनकी किसी न किसी ऐसी विशेषता के बारे में पता चला है, जिससे मैं भावनात्मक स्तर पर उनके और करीब होता चला गया हूँ।
डॉ0 अरविंद मिश्र एक अच्छे विज्ञान कथाकार हैं, एक अच्छे वक्ता हैं, एक अच्छे रचनाकार हैं और उससे भी ज्यादा वे एक अच्छे इंसान हैं। आज के समय में जब हर व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ अपने बारे में सोच रहा है, वे हमेशा दूसरों को आगे बढ़ाते हैं और विज्ञान संचार, विज्ञान ब्लॉगिंग को प्रमोट करने के लिए दिन-रात रत रहते हैं।
हालांकि कभी-कभी हमारे बीच में विचार भिन्नता के कारण एक हल्का सा गैप उभर आता है, लेकिन कुछ अन्तराल के उपरांत मैं पुन: उन्हें अपने करीब पाता हूँ और आश्चर्यपूर्वक किसी नये प्रोजेक्ट पर मीमांसा करते हुए देखता हूँ। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे जिस ऊर्जा और लगन के साथ कार्य करते हैं, उसे देखकर कभी-कभी मुझे ईर्ष्या सी होती है। और उसी क्षण उनसे प्रेरणा लेकर मैं पुन: अपने लक्ष्यों की ओर चल पड़ता हूँ।
डा0 मिश्र जिस बात के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं वह है उनका खरी-खरी कहने का स्वभाव। वे 'मन में राम बगल में छूरी' वाले सिद्धांत को न तो पसंद करते हैं और न ही ऐसे लोगों से सम्बंध ही रखते हैं। अपनी स्पष्टवादिता के कारण अक्सर वे अनचाहे विवादों में भी घिर जाते हैं, लेकिन 'सांच को आंच नहीं' की तर्ज पर वे उसकी परवाह नहीं करते और जिस तरह जंगल में शेर सीना तान कर विचरता है, उसी प्रकार वे भी ब्लॉग जगत में भ्रमण करते रहते हैं।
पिछले काफी समय से मैं उनपर कुछ लिखना चाह रहा था, पर हर बार व्यस्तता अथवा किसी अन्य कारण से यह पोस्ट टलती चली गयी। शायद इसके पीछे कारण यही रहा कि जिन्हें हम बहुत ज्यादा चाहते हैं, अक्सर उनके प्रति अपने भावों को व्यक्त करते हुए सकुचाते से हैं।
लेकिन जब पिछले दिनों यह पता चला कि वे आजकल वे अस्वस्थ (आंख में रेटिनल प्राब्लम के कारण) चल रहे हैं, तो मन के ज्वार को संभाला न गया और यह पोस्ट आपके सामने आ गयी। मेरी ईश्वर से यही कामना है कि वे जल्द से जल्द स्वस्थ हों और ब्लॉग जगत में आकर फिर से धमाल मचाएं।
आमीन, सुम्मा आमीन।।
सही कहा आपने। उनके जुनून से मैं भी वाकिफ़ हूँ।
जवाब देंहटाएंएक बार मैंने उनसे पूछा था कि सरकारी नौकरी में अत्यंत व्यस्त रहने के बावजूद आप अपनी नींद से कटौती करके भी ब्लॉग पर इतना समय कैसे दे पाते हैं?
उन्होंने कहा- यदि मैं यह न कर पाऊँ तो शायद पागल हो जाऊँगा।
मन की बातें इस माध्यम से बाहर आकर बहुत सकून देती हैं। जय हो।
apko sachi evam achhi baten rakhne ke
जवाब देंहटाएंliye dil se sukriya.
salam.
आदरणीय अरविन्द जी से विस्तृत परिचय करवाने के लिए जाकिर जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंउनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है.
सादर
अरविन्द जी के व्यक्तित्व का विस्तृत परिचय देने का बहुत बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंउनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना
अरविन्द जी के बारे में विस्तार से जानकर अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंबेशक वह एक निर्भीक , निडर और बेबाक इंसान हैं ।
उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभकामनायें ।
अरविन्द जी जैसे समर्पित विज्ञान साधक और लेखक बहुत कम हैं...उनके बारे में पढ़ कर बहुत अच्छा लगा...ऐसे विलक्षण इंसान का बीमार होना अखरता है...इश्वर से प्रार्थना है वो उन्हें शीघ्र ही स्वस्थ करे.
जवाब देंहटाएंनीरज
अफसोस है पिछली बार दिल्ली आये थे तो मैं उनके दर्शन ना कर पाया।
जवाब देंहटाएंव्यक्ति की बजाय विचार ही प्रभावित करते हैं।
ऐसा भी हो जाता है। कभी-कभी तो गुरु से भी ईर्ष्या हो जाती है (मानव मस्तिष्क)
सही कहा आपने कि जिन्हें हम चाहते हैं उनके बारे में लिखने में संकोच हो जाता है।
श्री अरविंद मिश्रा जी जल्द से जल्द स्वस्थ हों और धमाल मचायें यही मेरी भी कामना है।
प्रणाम
आपकी लेखनी का जवाब नहीं!
जवाब देंहटाएंश्री अरविंद मिश्रा जी से मिल कर अच्छा लगा वे जल्द से जल्द स्वस्थ हों और धमाल मचायें यही कामना है।
डॉ मिश्र के विचार प्रभावी हैं, उनमें एकरूपता है और उनमें ध्येय के प्रति एक निष्ठता है। विचारभिन्नता तो स्वाभाविक है पर उस पर चर्चा सदा ही होती रहे। ईश्वर उन्हें शीघ्रातिशीघ्र ठीक करें।
जवाब देंहटाएंमैं तो हमेशा उनके विचारों की इज्जत करता हूँ । सच कहा आपने मिश्रा जी एक अच्छे ब्लोगर, एक अच्छे लेखक के साथ-साथ ऐक बढ़िया और दिलचस्प आदमी है, उनकी जो सबसे अच्छी बात मुझे लगती वह यह कि वह जो भी कहते हैं बिना लाग लपेट कहते है और सच कहने से कभी गुरेज भी नही करते । मेरी मिश्रा जी से एक छोटी सी ही सही लेकिन जिज्ञासा को शांत करने वाली मुलाकात रही । मिश्रा जी को तो मैं अपना गुरु बहुत पहले ही मान चुका है । अरे कहीं मेरी ये बात देश के बाहर ना लिक हो जाये ।
जवाब देंहटाएंआपकी इस पोस्ट की एक एक लाइन से सहमत हूँ भाईजान। करेक्ट कहा आपने अरविंद जी के बारे में।
जवाब देंहटाएंआपने शीर्षक के माध्यम से ही डॉ साहब के व्यक्तित्व को उजागर कर दिया ......आपका आभार इस परिचय के लिए
जवाब देंहटाएंदुर्भाग्यवश इस प्रतिभावान व्यक्तित्व से मुलाक़ात नहीं हो पायी है. उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ.
जवाब देंहटाएंएक समर्पित, निष्ठावान और वैज्ञानिक लेखक के बारे में आपकी लेखनी से बहुत कुछ जानने समझने को मिला।
जवाब देंहटाएंजाकिर जी इस (यद्यपि कि गैर जरूरी) प्रोफाईल के लिए आभार ;आपका स्नेह प्रदर्शित करता है यह!
जवाब देंहटाएंक्या बात है !? ,कोई वरदान मांगना हो तो खुल के मांगिये न -हाँ मैं द्रोणाचार्य नहीं हूँ!मगर खुद गुरु के अंगूठे काटने को उद्यत लोगों की भीड़ से अब क्लांत हो चला हूँ ...ईश्वर आधुनिक एकलव्यों से बचायें !
मैं अपनी रुग्णता की चर्चा पब्लिक डोमेन में नहीं चाहता था -लोग अनावश्यक संवेदित होंगें .
मगर आपने यहाँ कर दिया तो अब क्या कहूं!अब बिलकुल ठीक हूँ !
एक संशोधन कर लीजिये -आपने लिखा है इतनी उनर हो जाने पर भी ...भाई मेरे मेरी उम्र को क्रोनोलोजी के पैमाने पर मत मापिये -मैं चिर युवा हूँ !:)
मैं गुह्यता और दुरभिसंधियों से चिढ जाता हूँ -
उपत्स्यते कोपि समानधर्मा कालोवधि निरवधि विपुलांच पृथ्वी
महसूस तो मैंने भी किया है कि वे 'मन में राम बगल में छूरी' वाले सिद्धांत को न तो पसंद करते हैं और न ही ऐसे लोगों से सम्बंध ही रखते हैं।
जवाब देंहटाएंइस आलेख से कुछ और नई बातें भी पता चली उनके व्यक्तित्व की
आभार आपका
चिरयुवा श्री अरविन्द मिश्र जी से विस्तृत परिचय करवाने के लिये आपको धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंमेरी भी ईश्वर से यही कामना है कि श्री अरविन्द मिश्रजी का नाम व काम इस ब्लाग-जगत में प्रखर सूर्य के समान सदा सर्वदा दैदिप्यमान रहे ।
पढ़ कर अच्छा लगा. मेरी भी मंगलकामनाएं ..शीघ्र स्वास्थ्यलाभ करें.
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएं@ "यह आपकी मर्ज़ी है कि इसे पढ़ें अथवा नहीं, पर यह मेरी ग़ुज़ारिश है कि आप तमाम पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर इसे पढ़े"
उपरोक्त लाइन से डॉ अरविन्द मिश्र के व्यक्तित्व के बारे में अहसास हो जाता है ! जितने भी बेबाक व्यक्तित्व हुए हैं उन्हें हमेशा ही पहले विवादित बना दिया जाता है ! मगर अरविन्द मिश्र की यही विशेषता, मेरे लिए उनके प्रति खिचाव का कारण बनी !
बेहतरीन प्रतिभाशाली एवं अपने विषयों के प्रति गहरी समझ बूझ रखने वाले डॉ अरविन्द, बात करते ही अपना प्रभाव छोड़ने में सक्षम हैं !
उन्हें मैं उन लोगों में से एक मानता हूँ जिनके कारण ब्लॉग जगत में काम करते रहने का दिल करता है !
आपका यह लेख देख, सुखद आश्चर्य के साथ साथ, आपके प्रति आदर उत्पन्न हुआ जाकिर भाई !
आज के माहौल में, किसी अन्य की तारीफ करने का साहस और आदर भाव बहुत कम लोगों में है !
हार्दिक शुभकामनायें !
ओह, इसीलिये अरविन्द जी की ब्लॉगजगत में सक्रियता कम रही इन दिनों।
जवाब देंहटाएंआपरेशन तो ही चुका है उनका सफ़ल!अब उनके अच्छे स्वास्थ्य की मंगलकामना करता हूं।
अरविन्द जी की ऊर्जा, उनका जूनून मुझे भी प्रेरित करता है. सच है कि उनकी कुछ बातें कुछ लोगों को बुरी लग जाती हैं, पर इसके पीछे उनका कोई छिपा मंतव्य नहीं होता. मुझे भी उनके स्वास्थ्य के विषय में आज ही पता चला. लेकिन कोई बात नहीं. वो सच में फिर से आकर धमाल मचाने वाले हैं :-)
जवाब देंहटाएंआपकी विज्ञान कथा का लिंक बुकमार्क कर लिया है. पढकर बताऊंगी.
Sorry, to comment in English- I am out of town and have no idea how to type in Hindi on a Mac laptop.
जवाब देंहटाएंIt is good to know your views about him.
He has helping attitude and encourages scientific outlook but somehow also attracts controversies :-)
उनके ब्लॉग की नियमित पाठक हूँ ........ उनका लेखन बहुत प्रभावित करता है । विस्तृत परिचय के लिए आभार
जवाब देंहटाएं....अरे कल ही तो जवाबी एसएमएस बाजी हुई है ....मकर संक्रांति की शुभकामनाओं के सन्दर्भ में !
जवाब देंहटाएंजैसा मिश्र जी ने स्वयं ही बता दिया है कि ....अब स्वस्थ हैं....बकिया विचार आधारित मतभेद हमेशा बने रहें ..........जिससे उनके चिर युवा होने का रास्ता खुला रहे !
:-)
....अरे कल ही तो जवाबी एसएमएस बाजी हुई है ....मकर संक्रांति की शुभकामनाओं के सन्दर्भ में !
जवाब देंहटाएंजैसा मिश्र जी ने स्वयं ही बता दिया है कि ....अब स्वस्थ हैं....बकिया विचार आधारित मतभेद हमेशा बने रहें ..........जिससे उनके चिर युवा होने का रास्ता खुला रहे !
:-)
अरविन्द जी के व्यक्तित्व के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा......... जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ . सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएं.
.
आदरणीय अरविन्द मिश्र जी यकीनन उन चन्द लोगों में हैं जिनकी वजह से ब्लॉगवुड का आज यह मुकाम है... वह एक चिरयुवा सुपरस्टार हैं ब्लॉगवुड के... मैं चाहता हूँ कि वह अपने बिना लागलपेट के सच कहने वाले तेवर हमेशा-हमेशा कायम रखे...
मुझे पूरी उम्मीद है कि पूर्ण स्वस्थ होकर वह पहले से भी अधिक सक्रिय होंगे शीघ्र ही...
...
डा0 मिश्र के बारे मैं जान के अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंअपने बारे में आप सभी महानुभावों के विचार पढ़े -ऊर्जित हुआ! कौन कहता है दुनिया उतनी बुरी है -आप जैसे /सरीखे लोगों के होते हुए यह दुनिया बुरी कैसे हो सकती है -यह स्नेह संबल बनाएं रखें ! आप सभी का बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंवैसे तो उनके व्यक्तित्व के बारे मे उनके आलेख ही बता देते हैं मगर फिर भी आपसे जान कर बहुत अच्छा लगा उनके स्वास्थ्यलाभ की कामना करते हैं वैसे उनके कहे मुताविक वो अब अच्छे हैं इस बात के लिये उन्हें बधाई। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंमानव के मध्य विचारों की विभिन्नता और मतभेद तो मानव के विकासशील बने रहने के परिचायक हैं .. पर ईश्वर से कामना है कि डॉ अरविंद मिश्रा जी जल्द से जल्द स्वस्थ हों !!
जवाब देंहटाएंजाकिर आपने अरविन्द जी के व्यक्तित्व के अलग अलग पहलुओ पर लिखा पर उनकी एक और खासियत है जो औरो से अलग है.विज्ञान के होकर भी उन्हें संस्कृत का अच्छा ज्ञान है.इसके आलावा जितनी अच्छी उनकी हिंदी है उतनी ही अच्छी अंग्रेजी भी.उन्हें संगीत का भी अच्छा ज्ञान है.यह निसंदेह एक दुर्लभ गुण है.उनका स्वास्थ्य जल्द ठीक हो,यह कामना है.
जवाब देंहटाएंजाकिर आपने अरविन्द जी के व्यक्तित्व के अलग अलग पहलुओ पर लिखा पर उनकी एक और खासियत है जो औरो से अलग है.विज्ञान के होकर भी उन्हें संस्कृत का अच्छा ज्ञान है.इसके आलावा जितनी अच्छी उनकी हिंदी है उतनी ही अच्छी अंग्रेजी भी.उन्हें संगीत का भी अच्छा ज्ञान है.यह निसंदेह एक दुर्लभ गुण है.उनका स्वास्थ्य जल्द ठीक हो,यह कामना है.
जवाब देंहटाएंउनके विचारों से /उनके ब्लॉग लेखन से तो पढने वाले prabhavit होते ही हैं.मेरे ख्याल से जो उनसे मिलता है वह भी उनकी
जवाब देंहटाएंअच्छी छवि ले कर ही आता है.
मेरा सौभाग्य रहा कि लखनऊ में हुई ' विज्ञान कार्यशाला' में उनसे मुलाकात हुई.
जहाँ मैं ने यह Observe किया कि वे अनुशासनप्रिय ,मृदुभाषी ,संवेदनशील,स्पष्टवादी ,विद्वान् प्रभावशाली व्यक्तित्व के मालिक हैं.
वे जिस खुले मन से दूसरों के अच्छे कार्यों की तारीफ़ करते हैं वहीँ कडाई से अपना विरोध भी जताने में देर नहीं करते.
[उनका शोर्ट temper ही उनका सबसे बड़ा दुश्मन है.]:D
Best wishes!
बहुत ही प्रभावशाली रचना
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट लेखन का नमूना
लेखन के आकाश में आपकी एक अनोखी पहचान है ..
अफसोस है पिछली बार दिल्ली आये थे तो मैं उनके दर्शन ना कर पाया।
जवाब देंहटाएंडा.साब जी का लेखन बहुत प्रभावित करता है ।
आपकी एक खासियत है कि आप प्रेरक.. नहीं...नहीं....उत्प्रेरक बहुत अच्छे है
आप का समझाने का तरीका बहुत अच्छा है
कहते है कडवी दवा ज्यादा कारगर होती है गंभीर रोगों के इलाज़ के लिए, वो ही आप पिला देते है कभी कभी लोग बुरा मान जाते है
ज्यादा कुछ हो गया हो तो जी माफ कर देना
अपना स्नेह सदा बनाए रखना
सदा आप का साथ यूँ ही बना रहे
अरविन्द मिश्र जी वाकई एक दीपक की तरह हैं जो अन्य दीपकों को भी प्रकाशमान बनाये रखता है, उन्हें जलने की प्रेरणा देता है. प्रत्यक्ष योगदान के अलावे अप्रत्यक्ष रूप से भी जैसे कि नए लेखकों को प्रोत्साहन देना, विज्ञान ब्लौगिंग आदि द्वारा विज्ञान जगत को उनकी सेवाओं की अहमियत काफी अधिक है.
जवाब देंहटाएंदूरभाष पर मेरी श्री अरविन्द मिश्र जी से वार्ता हुयी है, वे पूर्णत: स्वस्थ हैं ! जहां तक व्यक्तिव का प्रश्न है तो मुझे अरविन्द जी की कहन शैली और विषय की गंभीरता के प्रति संपूर्ण समर्पण का भाव , साथ ही उनकी चुटीली अभिव्यक्तियाँ मुझे खूब आकर्षित करती है, एक अनोखे व्यक्तित्व के धनी हैं डा अरविन्द मिश्र ! विज्ञान से संबंधित शोधों और आलेखों में उन्हें महारत हासिल है, मैं उनसे केवल एकबार मिला हूँ और एकबार की मुलाक़ात में ही मैं उनके आकर्षण में आवद्ध हो गया, जाकिर भाई आपने बहुत सुन्दर तरीके से उनके प्रभामंडल को रेखांकित किया है, बधाईयाँ !
जवाब देंहटाएंविस्तृत परिचय के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंअरविन्द जी के विशाल व्यक्तित्व से परिचय कराने के लिए धन्यबाद उनके अच्छे स्वास्थ्य की मंगलकामना करती हूं.
जवाब देंहटाएंरचना
jakir ji
जवाब देंहटाएंaapka baut bahut dhanyvaad jo shri arvind ji ke baare me vistrit jakari di.ishwar karen vah jald swasthy -labhprapt hon.
bahut hi aachhi jankari bhi aapke jariye unke baare me mili aapko bahut bahut punah dhanyvaad.
poonam
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा अरविंद जी को आपकी निगाहों से जानना ...
जवाब देंहटाएंmay god make him [dr.arvind mishra ]healthy very soon .great post about great blogger .
जवाब देंहटाएंarvind ji ke baare me padhkar bahut achchha laga ,sach kaha wo bahut kabil hai .hamari kamna hai sada swasthya rahe wo .
जवाब देंहटाएंdr arvind ji ke lekh mai vigyaan patrikaayo me padata hon kaafi achha likhate hai is mahan byaktitv ke baare me jaankaari dekar aap ne badhai dene kaa karya kiya hai jakir ali rajneesh ji ne
जवाब देंहटाएंअरविन्द जी के बारे में जानकर बहुत प्रभावित हुआ. वे दीर्घायु हों.
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं के साथ.
बहुत अच्छा लगा अरविन्द जी के बारे मैं पढ़ कर... उन्हें और अधिक जान कर ... मैं आपसे बिलकुल सहमत हूँ .क्यूंकि मैंने भी कई बार मुश्किल हालात में उनसे गुहार लगे है ... और उन्होंने मेरी मदद भी की ... मैं दिल से उनका आदर करती हूँ .. वो एक बहुत अच्छे इंसान हैं ..... भगवान् उन्हें लम्बी आयु और खुशियाँ प्रदान करे ...
जवाब देंहटाएंआपका वृतांत पढ़ कर खुशी हुयी की,डा.अरविन्द मिश्र जी स्पष्टवादी हैं.चिंता उनके स्वास्थ्य के बारे में जान कर हुयी. उम्मीद है की अब तक वह पूर्ण स्वस्थ होंगे.हम उनके सदैव मंगलमय स्वास्थ्य की कामना करते हैं.
जवाब देंहटाएंअरविन्द जी के व्यक्तिव एवं कृतित्व से विस्तृत परिचय के लिए धन्यवाद ..
जवाब देंहटाएं