यह खबर निश्चित रूप से बासी हो चुकी है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति की लड़की चेल्सी की शादी शनिवार को सम्पन्न हो गई। लेकिन अगर आपको यह ...
यह खबर निश्चित रूप से बासी हो चुकी है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति की लड़की चेल्सी की शादी शनिवार को सम्पन्न हो गई। लेकिन अगर आपको यह पता चले कि इस शादी में एक ब्लॉगर आमंत्रित होते-होते रह गया, तो शायद आपको कुछ नया लगे।
तो जरा दिल थामिए और विस्तार से मामले पर गौर फरमाइए। दरअसल हुआ यूँ कि जब चेल्सी के शादी के मेहमानों की लिस्ट बनाई जा रही थी, तो अचानक बिल बाबू को यह ख्याल आया कि इसमें भारत से भी किसी व्यक्ति को बुलाया जाना चाहिए। लेकिन लाख टके का सवाल यह कि किसे बुलाया जाए? क्या मनहोमन बाबू को या फिर सोनिया मैडम को? लेकिन इसमें कोई नई बात नहीं होती। शादी में तो अपने बराबर वालों को बुलाया जाता है। और अमेरिका की नजर में ये लोग क्या हैसियत रखते हैं, मुझे मालूम है कि इस बारे में आपका जनरल नालेज मुझसे बेहतर है।
अभी यह चर्चा चल ही रही थी कि तभी मार्क (दुल्हे राजा) का सुझाव आया- 'सुना है आजकल इण्डिया में ब्लॉगिंग में बड़ी धमाल मची है। क्यों न किसी ब्लॉगर को बुला लिया जाए?' बिल बाबू को भावी दामाद का सुझाव पसंद आया। फिर क्या था, फटाफट भारतीय ब्लॉगरों की पड़ताल की जाने लगी। इधर उधर के तमाम ब्लॉगों की खाक छानते हुए उनकी एक ब्लॉग पर नजर जाकर चिपक गयी। ब्लॉग का नाम था- एक आलसी का चिट्ठा।
'ये नाम तो बड़ा यूनिक है।' चेल्सी हौले से मुस्कराई। बिल बाबू ने हिसाब लगाया, शादी में सिर्फ एक दिन बचा था। ऐसे में कार्ड भेजने का कोई मतलब नहीं था। पहले बात चली कि इस 'आलसी' को ईमेल से निमंत्रण भेज दिया जाए। लेकिन इसमें मेल को इनामी लाटरी समझ लिये जाने का डर था। दूसरा रिस्क यह भी था कि कहीं यह ब्लॉगर अपने ब्लॉग के नाम के अनुरूप निकला, तब? तब तय यह हुआ कि सीधे ब्लॉगर को फोन मिलाया जाए।
फोन मिलाने का जिम्मा सीधे दुल्हे को सौंपा गया। मार्क बाबू ने अपने व्यक्तिगत जासूसों से गिरिजेश भाई का नम्बर पता करवाया और फिर खुद ही डायल किया। पर यह क्या? नम्बर इंगेज जा रहा था। मार्क ने दुबारा ट्राई किया, पर फिर इंगेज। इस तरह मार्क ने पाँच-पाँच मिनट के अंतराल पर कुल 10 बार नम्बर डायल किया। पर दुर्भाग्य यह कि हर बार नम्बर बिजी मिला। अब चूँकि गिरिजेश भाई के मोबाईल में कॉल वेटिंग ऑप्शन खुला नहीं था, इसलिए उन्हें यह पता ही नहीं चल पाया कि कोई वीआईपी उनसे बात करने की कोशिश कर रहा है।
मार्क खीझ कर बोला- 'इटनी मेहनत तो हमको चेल्सी को पटाने में नहीं लगा था, जितनी इस ब्लॉगर को फोन मिलाने में करना पड़ रहा है।' और उसने फोन पटक दिया।
तो इस तरह चेल्सी की शादी में एक ब्लॉगर को शामिल करने का बिल बाबू का सपना धरा का धरा रह गया।
अब आप यह पूछोगे कि मुझे यह बात कहाँ से पता चली? अरे भई, बाद में बिल बाबू के किसी सर्वेन्ट ने गुस्से में मेल भेजकर गिरिजेश भाई को यह बात बताई थी। वैसे वे तो मेल को स्पैम ही समझ रहे हैं, पर हमें उनकी बात पर पूरा भरोसा है। कारण, आज भी उनके मोबाईल में कॉल वेटिंग ऑप्शन चालू नहीं हुआ है और मैं खुद इसका भुक्तभोगी हूँ। :)
अब मर्जी आपकी, आप मेरी बातों पर विश्वास करें अथवा नहीं, यह गिरिजेश भाई के प्रति आपकी व्यक्तिगत आस्था है। वैसे आप चाहें तो फोन करके उनका कॉल वेटिंग ऑप्शन ऑन करवा सकते हैं, क्योंकि उनके मोबाईल का यह ऑप्शन अभी भी बंद है।
क्या पता चेल्सी अपनी दूसरी शादी (हम ब्लॉगर तो इसकी ही दुआ करेंगे। और वैसे भी अमेरिका में 01 शादी को झेलने का फैशन कहाँ?) में उन्हें फिर से फोन करने का मन बना ले?
जाकिर भाई बढ़िया हास्य पैदा किया... संघ से मैं भी २-३ साल तक जुड़ा रहा लेकिन ना संघ में ऐसी कोई बात सुनी ना देखी.. हो सकता है ये सब दूसरे शहरों की शाखाओं में होता हो.. पर मैंने अपनी आँखों से ऐसा होते कभी नहीं देखा हाँ बस मीडिया को कहते सुना है.. मेरे साथ तो कुछ मुस्लिम दोस्त भी संघ की शाखाओं में जाते थे.. बिना किसी भेदभाव के सिर्फ व्यायाम के लिए..
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
जवाब देंहटाएंअब फ़ोन चालु रखे,15दिन में दूसरी कॉल आती ही होगी।:)
ओह!! तो वो ये थे जिसे मार्क फोन लगा रहा था..हम्म!!
जवाब देंहटाएंलो कल्लो बात हमने तो सुना है कि दु:ख तो चेलसी भी को काफ़ी हुआ है कि गिरिजेश भाई (भाई हमारे हैं ) शादी में नहीं पहुंच सके ..क्योंकि बारात में धरती पर लोट मार कर नागिन डांस का सारा टेंडर इनको ही दिया गया ........मरदे सब ठो गडबडा कर रख दिए ..
जवाब देंहटाएं:):) बहुत बढ़िया.....दूसरी बार का इंतज़ार कर ही लें ..
जवाब देंहटाएंओह ! इसी लिए मार्क ज़रा परेशान सा नज़र आ रहा था ।
जवाब देंहटाएंजाकिर भाई, फ़ोन मिल जाने पर भी गिरिजेश जी शादी में शामिल हो जाते, हमें आशंका है। आजकल तो खुद ही पिरेम-पिरीत गाथा लिखने में व्यस्त हैं। देखते हैं, यहां भी वर्तनी ठीक करवाते हैं या नहीं?
जवाब देंहटाएंगिरिजेश जी प्रेमांबुद में डूबे हुये हैं। किसी की शादी हो, नहीं जायेंगे।
जवाब देंहटाएंबढिया :)
जवाब देंहटाएंखुद झेला और अब ब्लॉग जगत को झेला रहे हैं
जवाब देंहटाएंऊपर से 25वीं पंक्ति में गिरेजेश को गिरिजेश कीजिए :)
जवाब देंहटाएंहिन्दी, हिन्दी ब्लॉगरी और आम जन समस्याओं के प्रति आप की जागरूकता प्रशंसनीय है। ;) हमने अपने मोबाइल पर अब काल वेटिंग ऐक्टिवेट कर लिया है। आप की यह बात कि कोई मर रहा हो और मदद के लिए मुझे फोन कर रहा हो तो भी मैं बतियाने में ही व्यस्त रह जाऊँगा, बहुत जमी। सबसे अनुरोध है कि अपने मोबाइल पर काल वेटिंग ऐक्टिवेट कर के रखें।
बकिया तो लोग बता ही रहे हैं। इस समय हम पिरेम-पिरीत गाथा और प्रेमाम्बुद में डूबे हुए हैं। इसलिए खुद झेल रहे हैं और ब्लॉग जगत को झेला रहे हैं :)
बहुत बढ़िया हुआ जो गिरिजेश भाई का जाना नहीं हो पाया नहीं तो ब्लॉग जगत में इस को ले कर भी घमासान शुरू हो जाता !
जवाब देंहटाएंआपको तो मालुम ही है अपना ब्लॉग जगत सेंसेक्स से भी ज्यादा संवेदनशील है........... कब, किस बात पर ऊपर नीचे होने लगे क्या मालुम !! ;-)
जन्मदिन की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
bahut hi theek baat,chaliye ab dusari baar ka intajaar rahega. girijesh bhai aapse kar badh prarthana hai ki aapna phon theek kara le kya pat aur kahin se phone aa jaaye.
जवाब देंहटाएंpoonam
जाकिर भाई सबसे पहले सालगिरह मुबारक हो.. दुआ है ये गिरहें साल दर साल बढ़ती ही जाएँ.. उर्दू से मुझे भी बहुत प्यार है और आपकी बात पर यकीं कर कहता हूँ कि जिस दिन मैं अपनी आँखों से इस तरह का भेदभाव देखूँगा मैं पहले तो उन्हें समझाने की कोशिश करूंगा और यदि नहीं कुछ कर पाया तो तटस्थ हो लूँगा.. पर जब तक खुद ऐसा नहीं देखता तब तक तो नहीं कर सकता. मेरे पिताजी स्वयं नगर प्रचारक रहे हैं मगर उनके सबसे ख़ास दोस्तों में इंतज़ार चाचा, हबीब चाचा ही हैं..
जवाब देंहटाएंक्या इसे प्रकरण से अन्य आलसी शिक्षा लेंगे?
जवाब देंहटाएंMain bhi aapke dukh men shamil hoon. :)
जवाब देंहटाएंpahli baar aai padhkar achchh laga ,shukriya
जवाब देंहटाएंओहो ... क्या आलसी जी, रह गए न... अब इन्तजार करो और कॉल वेटिंग ऑप्सन का युस करो....
जवाब देंहटाएंएक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
क्या मजेदार पोस्ट है रजनीश भाई...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.. :)
बताईए!? हमने मार्क को इन आलसी का फोन नम्बर दिया, लेकिन क्या फायदा हुआ! :-)
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला