संवाद सम्मान। श्रेणी: संस्मरण। यादों की रहगुजर क्यों दिल को लुभाए है?
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संवाद सम्मान। श्रेणी: संस्मरण। यादों की रहगुजर क्यों दिल को लुभाए है?

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पता नहीं क्यों हमें अपने वर्तमान की तुलना में बीता हुआ कल ज्यादा अच्छा लगता है? चाहे बीते हुए दिन हों, चाहे उनकी यादें, रह-रह कर अपना सिर ...

संवाद सम्मान। श्रेणी: चिट्ठा चर्चा । पोस्ट चर्चा कहो न यार, क्यों खाली-पीली....
संवाद सम्मान। श्रेणी: सामाजिक चेतना। एक गुरूतर दायित्व को संभालते जिम्मेदार ब्लॉगर....
संवाद सम्मान। श्रेणी: गीत और कार्टून एक साथ आ विराजे हैं।
पता नहीं क्यों हमें अपने वर्तमान की तुलना में बीता हुआ कल ज्यादा अच्छा लगता है? चाहे बीते हुए दिन हों, चाहे उनकी यादें, रह-रह कर अपना सिर उठाती ही रहती हैं। और जब उन यादों की कसक इतनी तीखी हो जाती है कि कहे बिना रहा नहीं जाता, तो कलम अपने आप चलने लगती है। इसी से जन्म लेते हैं संस्मरण, जो अच्छे और बुरे दोनों होते हैं। पर संस्मरण चाहे अच्छे हों अथवा बुरे, उनमें एक आकर्षण तो होता ही है। और वह आकर्षण रह-रह कर हमें अपने पास खींचती रहती है।

संस्मरण की इस परम्परा को ब्लॉग जगत में भरपूर जगह मिलती रही है। और मुझे तो लगता है कि अगर कविता और समसामयिक लेखन को छोड़ दिया जाए, तो शायद तीसरे नम्बर पर संस्मरणात्मक रचनाएँ ही आती हैं, फिर भले ही वे गद्य रूप में हों अथवा पद्य के फार्म में। तो संस्मरण की इसी विधा को समर्पित है 'संवाद सम्मान' की यह श्रेणी, जिसका मुख्य सम्मान श्री युनूस खान को प्रदान किया जा रहा है।

श्री यूनुस खान मूल रूप से रेडियो जॉकी हैं और विविध भारती से जुड़े हुए हैं। वे अपने परिचय में कहते हैं, 'हम तो आवाज़ हैं, दीवारों से छन जाते हैं।' उनकी इसी उद्घोषणा का प्रमाण है उनका ब्लॉग 'रेडियोवाणी'। श्री खान को जितना लगाव अपनी आवाज़ से है, उतना ही वे संगीत से भी प्यारक करते हैं। संगीत से जुड़ी हुई अपनी बेशुमार यादों को वे बहुत ही खूबसूरत लहजे में 'रेडियोवाणी' में प्रस्तुत करते रहे हैं। उनकी प्रस्तुत का यह लहजा इतना दिलकश होता है कि पाठक मंत्रमुग्ध सा हो जाता है। संगीत और उससे जुड़ी यादों को लेकर श्री खान ने जो सामग्री अन्तर्जाल पर उपलब्ध कराई है, संवाद समूह उसकी तहेदिल से प्रशंसा करता है और 'संस्मरण' श्रेणी का सम्मान उन्हें आदरपूर्वक भेंट करता है।

संस्मरण श्रेणी के नामित सम्मान के लिए सुश्री शिखा वार्ष्णेय जी का चयन किया गया है। शिखा जी यूँ तो साहित्य की अनेक विधाओं में अपनी पकड़ रखती हैं, लेकिन संस्मरण शैली में उनकी पकड़ काबिले तारीफ है। उनके ब्लॉग जगत में किये गये योगदान और नामिनेशन में उनके पक्ष में हुई वोटिंग के आधार पर संवाद समूह सुश्री शिखा वार्ष्णेय जी को संस्मरण श्रेणी के नामित सम्मान से विभूषित करते हुए प्रसन्नता की अनुभूति कर रहा है।
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नोट- 'संवाद सम्मान' सम्बंधी प्रक्रिया एवं अन्य सूचना के लिए कृपया यहाँ चटका लगाएं।  
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COMMENTS

BLOGGER: 23
  1. युनूस भाई और शिखा जी को बधाई। इस उम्‍मीद के साथ कि वे किसी दिन हमारे संस्‍मरण भी लिखेंगे। पर तारिक जी इनके चित्र और प्रमाण पत्र आपने इस पोस्‍ट में नहीं लगाए, कुछ विशेष कारण है। बाकी आपके द्वारा किए गए चयन तो निर्विवाद रूप से की गई मेहनत का प्रतिफल हैं। जुटे रहें।

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  2. अविनाश जी, प्रमाण पत्र लगाए गये हैं, शायद आपके सेट/नेटवर्क में कोई समस्या है, इसलिए ऐसा लगा रहा है।

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  3. दोनों चयनित ब्लोगर्स को ढेरों बधाइयाँ..यूनुस जी का वाकई जवाब नहीं और शिखा जी की लेखनी के हम कायल हैं...
    नीरज

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  4. यूनुस भाई (जादु के पापा ) और शिखा जी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

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  5. यूनुस जी और शिखा जी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

    regards

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  6. यूनुस जी और शिखा जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ!

    जवाब दें हटाएं
  7. युनूस भाई और शिखा जी को बधाई।
    आप सभी को रामनवमी की शुभकामनाएं।

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  8. यूनुस जी और शिखा जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ!

    जवाब दें हटाएं
  9. शिखा जी को मैंने पढ़ा है । बहुत अच्छा लिखती हैं। युनुस को जानना है। दोनों को हार्दिक बधाई।

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  10. पता नहीं क्यों हमें अपने वर्तमान की तुलना में बीता हुआ कल ज्यादा अच्छा लगता है? .....
    आज मैंने भी नानी-दादी की पहेलियों को ययद किया............
    ......................
    विलुप्त होती... नानी-दादी की बुझौअल, बुझौलिया, पहेलियाँ....बूझो तो जाने....
    .........
    http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_23.html
    लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से....

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  11. युनुस खान जी और शिखा को हार्दिक बधाई......

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  12. युनुस जी को बधाई.. और आप सभी का बहुत शुक्रिया..

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  13. यूनुस जी और शिखा जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ!

    जवाब दें हटाएं
  14. यूनुस जी और शिखा जी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

    जवाब दें हटाएं
  15. युनुस जी को बहुत बहुत बधाई
    शिखा तुम्हे भी बहुत बहुत बधाई..पर हमें तो ट्रीट भी चाहिए...मुंबई में ...ऐसे नहीं छोड़ने वाले हम

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  16. बेनामी3/23/2010 8:59 pm

    दोनों साथियों को बधाई और शुभकामनाएँ!

    बी एस पाबला

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  17. युनुस जी और शिखा जी को बहुत बहुत बधाई !!

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  18. चयनित ब्लोगर्स को ढेरों बधाइयाँ...

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  19. दोनों ही हिंदी ब्लोग जगत की धरोहर हैं ..दोनों को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं
    अजय कुमार झा

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  20. विजेताओं को बधाई!

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  21. यूनुस और शिखा जी को बधाई।
    शिखा जी को तो ज्यादा नहीं पढ़ा पर यूनुस जी को शुरु से पढ़ता आ रहा हूँ। अनसुने संगीत और पुराने कलाकारों के बारे में अपने खूबसूरत लहज़े में ब्लॉग के जरिए वो बताते रहे हैं।

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  22. यूनुस जी का वाकई जवाब नहीं...शिखा जी को मैंने पढ़ा है,बहुत अच्छा लिखती हैं।यूनुस और शिखा जी को बधाई।

    जवाब दें हटाएं
आपके अल्‍फ़ाज़ देंगे हर क़दम पर हौसला।
ज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया! जी शुक्रिया।।

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हिंदी वर्ल्ड - Hindi World: संवाद सम्मान। श्रेणी: संस्मरण। यादों की रहगुजर क्यों दिल को लुभाए है?
संवाद सम्मान। श्रेणी: संस्मरण। यादों की रहगुजर क्यों दिल को लुभाए है?
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