पिछले कुछ दिनों से ब्लॉगिंग में इतनी गंदगी फैल गयी है कि सांस लेना दूभर हो गया है। जहाँ जाइए, वहाँ लोग एक दूसरे को खुला चैलेंज दे रहे है...
एक मछली सारे तालाब को कैसे गन्दा करती है, यह आज हमें समझ में आ रहा है। अगर ये मछलियाँ जाहिल गंवार होतीं तो बात समझ में आती। यहाँ तो मछलियाँ भी इतनी हाई प्रोफाइल हैं कि किसी को समझाने की जुर्रत भी नहीं की जा सकती। आश्चर्य का विषय यह है कि पढ़े-लिखे होने के बावजूद लोगों को यह यह बात क्यों नहीं समझ में आती कि आप दूसरे को नीचा दिखाकर कभी खुद को महान नहीं साबित कर सकते।
इस माहौल को देखकर कई दिनों से मेरा मन खिन्न था। तभी कल मेरी नजर अचानक अपनी पिछली पोस्ट “शोध प्रबंधों तक जा पहुंची है ब्लॉगर्स की धमक” की टिप्पणियों पर जा पड़ी। वहाँ पर रवि रतलामी जी का कमेंट देखकर आश्चर्यमिश्रित प्रसन्नता हुई। उन्होंने उस कमेंट के द्वारा यह सूचना दी है “हाल ही में एक छात्रा का उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय से हिन्दी ब्लॉगिंग पर पीएच.डी. हेतु पंजीयन हुआ है.”
किसी और के लिए यह ख़बर महत्वपूर्ण हो न हो, पर मेरे लिए यह समाचार बहुत मायने रखता है। इसके मायने यह हैं कि जो कुछ आप ब्लॉग पर लिख रहे हैं, अब वह बेकार नहीं रहा। उसे नोटिस लिया जा रहा है। आज नहीं तो कल वह इतिहास का हिस्सा बनने वाला है।
तो भाइयो, (भाइयों को इसलिए सम्बोधित कर रहा हूँ क्योंकि ज्यादा गड़बड़ी वही लोग कर रहे हैं। आशा है बहनें इसका बुरा भी नहीं मानेंगी?) अब भी समय है। आप स्वयं सोच लो और यह तय कर लो कि इतिहास आप को किस रूप में याद रखे?
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अच्छी जानकारी और आपकी चिन्ता भी जायज है
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी दी है आपने ..सोचने की बात है ..
जवाब देंहटाएंब्लोगरो के लिए बहुत खुशी की खबर है .. पर हमें अपने इतने बडे अधिकार का समुचित उपयोग करना चाहिए !!
जवाब देंहटाएंदेखिये मै अपना क्लोन बनाने जा रहा हूँ अगले सौ साल बाद वही पढेगा इतिहास .. और वह मुझे गालियाँ न दे इसलिये मुझे लेखन में सतर्क तो रहना ही पडेगा .. । काश हर कोई बेहतर सोचे .. । हैप्पी ब्लॉगिंग ..।
जवाब देंहटाएंआपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है, लेकिन कुछ बातें सोचने पर विवश कर देती हैं ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुखद, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत अच्छी और महत्वपूरण खबर दी आपने....पास होते तो आपका मूंह भी मीठा करवाते.....आप ने सभी को सावधान भी कर दिया..अगर कोई अब भी नहीं समझता तो फिर यही सोचना ठीक होगा...करेंगे सो भरेंगे तू क्यों भया उदास....
जवाब देंहटाएंमुझे समझ नहीं आता कि आप इतना अधिक चिंतित क्यों हैं।जितनी पुस्तकें दुनिया में छपती है वे ज्ञान ही फैलाती हैं। वे अज्ञान भी फैलाती हैं और न जाने क्या क्या प्रचारित करती हैं।
जवाब देंहटाएंआप निश्चिंत रहिए और सही लिखे जाइए। जो कूड़ा करकट होगा वह स्वतः ही छंट जाएगा।
अगर ये मछलियाँ जाहिल गंवार होतीं तो बात समझ में आती। यहाँ तो मछलियाँ भी इतनी हाई प्रोफाइल हैं कि किसी को समझाने की जुर्रत भी नहीं की जा सकती। '
जवाब देंहटाएंगन्दगी फैलाने वाली मछलियो मे तो नाम चाहता नही हूँ अपना.
अच्छी और महत्वपूरण खबर.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी!!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी जानकारीं प्रदान की है आपने । आभार
जवाब देंहटाएंऐसे लोगों को इतिहास स्वयं अपने पन्नों मे स्थान नही देता-कचरा अपने आप छंट जाता है।
जवाब देंहटाएं"सार-सार को गहि रहे,थोथा देय उड़ाय"
ये तो बहुत बढिया खबर सुनाई आपने....
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी, ज्ञानवर्धक और महत्वपूर्ण जानकारी दी है आपने! धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजानने और समझने की ज़रूरत यह भी है कि ये गन्दगी कौन फैला रह है और क्यों फैला रहा है! जब गोडसे और हिटलर ने नहीं सोचा कि उसका इतिहास कैसा लिखा जायेगा तो उसके वंशज शायद ही सोचें! ये तो तब ही मानेंगे जब इनका हाल भी हिटलर जैसा होगा
जवाब देंहटाएंजानने और समझने की ज़रूरत यह भी है कि ये गन्दगी कौन फैला रह है और क्यों फैला रहा है! जब गोडसे और हिटलर ने नहीं सोचा कि उसका इतिहास कैसा लिखा जायेगा तो उसके वंशज शायद ही सोचें! ये तो तब ही मानेंगे जब इनका हाल भी हिटलर जैसा होगा
जवाब देंहटाएंgood!
जवाब देंहटाएंdwivedee ji kee raay se shamat hun...jaankaree ke lie shukriya
जवाब देंहटाएंवास्तव में चिंता जनक..लेकिन इतिहास तो ऐसे ही लोग बनाते हेँ
जवाब देंहटाएंपहली बात गंदगी की तो अगर गन्दगी नहीं होती तो अच्छाई कहाँ से दिखती ये भी एक पहलू है जिन्दगी का, वैसे ही जैसे रोग नहीं होते तो निदान किसका होता .
जवाब देंहटाएंरही दूसरी बात इतिहास और शोध की तो दोनों विवादास्पद विषय रहे हैं , दोनों से लोगों ने काफी खिलवाड़ kiya है
... kichad me hi kamal khilataa hai !!!!
जवाब देंहटाएंवाह बढिया जानकारी.
जवाब देंहटाएंये एक सुखद सूचना है ....... आशा है ब्लॉगेर्स इस बात को सोचेंगे .......
जवाब देंहटाएंआपके अल्फ़ाज़ देंगे हर क़दम पर हौसला।
जवाब देंहटाएंज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया! जी शुक्रिया।।.....