Romantic Teenage Love Story in Hindi
पता नहीं यह छोटे पर्दे पर हद से ज्यादा पैर पसार चुके सेक्स का कुप्रभाव है अथवा कार्टून फिल्मों में पसरे रोमान्टिसिज्म का जादू, मैं इसे समझ पाने में पूरी तरह से अस्मर्थ हूँ।
यह कोई कल्पना अथवा गप्प नहीं, एक सत्य एवं आँखों देखी घटना है। आँखों देखी भी क्या सीधे-सीधे शब्दों में कहूँ तो मेरे घर की घटना है और इसे आपके साथ शेयर करने में मुझे कोई झिझक अथवा संकोच नहीं है।
मैं अपने बड़े बेटे अहल की बात कर रहा हूँ। उसकी उम्र है 6 वर्ष और वह वर्तमान में के0जी0 का विद्यार्थी है। यह घटना अभी पिछले सप्ताह की ही है। हुआ यूँ कि वह एक काग़ज़ पर कोई ड्राइंग बना रहा था। अपनी ड्राइंग को पूरी करने के बाद उसने अपनी मम्मी से अन्नपूर्णा शब्द की स्पेलिंग पूछी। अन्नपूर्णा उसके क्लास की ही एक लड़की है और स्कूल की बातों के दौरान घर में अक्सर उसका जिक्र आता रहता था। स्पेलिंग पूछने पर मिसेज़ चौंकीं और उसका कारण पूछा। पहले तो बेटा शर्मा गया, फिर उसने सकुचाते हुए बताया कि हमें अन्नपूर्णा को एक लेटर देना है, इसलिए उसमें उसका नाम लिखना है। मिसेज़ ने कहा ठीक है और उसे स्पेलिंग बता दी।
अपने लेटर का पूरा काम खत्म करने के बाद अहल ने उस काग़ज़ को संभाल कर स्कूल बैग में रख दिया। साथ ही उसने अपनी मम्मी को यह हिदायत भी दी कि आप इसे निकालयेगा नहीं। मिसेज़ ने चुपचाप हामी भर दी। लेकिन उन्हें भी उस लेटर को देखे बिना चैन कहाँ? उन्होंने बाद में चुपके से जब उस लेटर को निकाल कर देखा, तो वे सन्न रह गयीं।
लेटर में एक बड़ा सा दिल बना हुआ था, जिसके आर-पार एक तीर निकला था। दिल के ठीक उपर लिखा हुआ था- "अन्नपूर्ण आई लव यू।"
6 साल के बच्चे के ये भाव देखकर मिसेज़ शॉक्ड रह गयीं। शाम को उन्होंने मुझे सारी बात बतायी। मैंने इस बात को इग्नोर करना ही बेहतर समझा और लड़के से इस बारे में कुछ नहीं कहा। हाँ, अगले दिन की प्रतीक्षा तो थी ही, कि उस लव लेटर का क्या हश्र हुआ? साथ ही मन में एक डर भी था कि कहीं वह स्कूल की टीचर तक न पहुंच जाए और छोटी सी बात का बतंगड़ बन जाए।
अगले दिन जब अहल स्कूल से घर लौट कर आया, तो मिसेज़ ने मौका देखकर उस लव लेटर के बारे में पूछा। उसके बारे में पूछते ही वह बुरा सा मुँह बनाकर बोला- वो बहुत बेवकूफ लड़की है। मैं आज के बाद कभी उससे बात नहीं करूँगा।
कारण पूछने पर पता चला कि छोटे मियाँ की "प्रेयसी" ने उस पर कोई प्रतिक्रिया ही नहीं व्यक्त की थी। पता नहीं वह उसका मतलब भी समझ भी पाई अथवा नहीं? लेकिन इस छोटी सी प्रेमकथा का यह पटाक्षेप देखकर मुझे सुकून भी मिला। मुझे लगा यदि मैंने इस छोटी सी बात पर कोई बखेड़ा खड़ा कर दिया होता, तो निश्चय ही इससे लड़के के दिमाग पर एक बुरा प्रभाव पड़ता और जिन्दगी भर के लिए उसके दिमाग में एक कॉम्प्लेक्स भर जाता।
तो ये रहा इस छोटी सी लव स्टोरी का अंत। आपकी नज़र में यह घटना क्या महत्व रखती है? बताइएगा ज़रूर। और हाँ, अगर आपका लड़का ऐसा करता, तो आप क्या करते?
प्यार तो बहुत सुन्दर चीज है .वह यह
जवाब देंहटाएंप्यार आप से भी कर सकता है अपनी मम्मी
से भी कर सकता ,उसके इस प्यार में
आप जो खोज रहें है वही आप को नजर
आ रहा है .....उसे प्यार करने दीजिये
बस नफरत का ख़त न लिखने पाए .....
यह आप देखिये गा ......
hahahahaha...abhi bachcha hai..... TV dekh ke thoda sa bhatak gaya hai...... par maine to 4 saal ki umr mein love letter diya tha...hihihihihih.......
जवाब देंहटाएंabhi to main single hoon filhaal..... jab hoga to hans ke taal doonga.... psychologically deal karunga..... waise bhi har 5 saal pe generation badal jaati hai.....
YE BAAT BATAATI HAI KI KAISE PARIVARTAN APNA KAMAAL DIKHA RAHA HAI .... MEDIA KA PRABHAAV DHEER DHEERE HAMAARI NASON MEIN BAHNE LAGA HAI ...
जवाब देंहटाएंबच्चे वक्त से पहले परिपक्व हो गए हैं, जो ये अभी नहीं भी समझते वह सब ज्यादा से ज्यादा एक दो सालों में समझ जाएंगे.
जवाब देंहटाएंआजकल भोजन और वातावरण ही कुछ ऐसा है की लड़के और लड़कियां व्यस्क हार्मोनल अवस्था समय से काफी पहले ही प्राप्त कर रहे हैं. पहले प्युबरटी की औसत आयु चौदह हुआ करती थी, आज घटकर साढ़े नौ रह गयी है.
ये सब मिडिया का असर है वर्ना बच्चे को तो शायद ये भी पता न हो कि इस प्यार का क्या अर्थ है । बाल मन पर ऐसी बातें जल्दी असर करती हैं । आपने अच्छा किया कि इस बात को तूल नहीं दिया। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंये सब मिडिया का असर है वर्ना बच्चे को तो शायद ये भी पता न हो कि इस प्यार का क्या अर्थ है । बाल मन पर ऐसी बातें जल्दी असर करती हैं । आपने अच्छा किया कि इस बात को तूल नहीं दिया। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंमासूम बच्चे की मासूमियत ! हाँ टीवी और फिल्मों का असर तो है ही.
जवाब देंहटाएंwow......wat a change.....hamko to hasi aa rahi hai...Ye gennext to kamal hai....badalte waqt ke saath aap log bhi badaliye warna bachcho ki speed se match nahi honge :-)
जवाब देंहटाएंदेखिये .. अन्नपूर्णा की स्पेलिंग उसने ठीक से नहीं लिखी होगी इसलिये उसे यह पसन्द नही आया होगा । वैसे भी लड़कियाँ बहुत धीर गम्भीर व सहनशेल होती है । बच्चों पर यदि प्रेम के संस्कार हो तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है ? लेकिन इसकी शुरुआत तो घर से होती है । जिन घरो मे रिश्वत का पैसा आता है , जिन घरो मे दूसरे धर्म से नफरत करना सिखाया जाता है जिन घरो मे चोरी और झूठ को जायज माना जाता है उन घरो के बच्चे प्रेम करना कैसे सीख सकते हैं ।
जवाब देंहटाएंसो दिल और तीर का प्रतीक भले ही बच्चे न जाने दिल और तीर के मह्त्व यानि प्रेम और घृणा के अर्थ तो जाने ..।
यही कि बच्चा रसिक होगा
जवाब देंहटाएं।
कला
साहित्य
दर्शन
ऑर्किटेक्चर
संगीत जैसे विषयों में स्वाभाविक रुचि रखेगा और भविष्य में दिलफेंक आदतों से घर पर ढेर सारे 'ओरहन' लाएगा। ;)
...कोई जरूरी भी नहीं, मैं दूसरी कक्षा में बैठे बैठे तीसरी कक्षा की एक सुन्दरी को घूरा करता था। लेकिन बाद में सब टाँय टाँय फिस्स . . .
लड़का होनहार है, इसमें कोई शक नहीं।
इसे लव स्टोरी न कहें , बाल मन है ,कहीं किसी फ़िल्म या कही और देखा होगा ।न तो वह दिल का न तीर का कोई मतलब समझ पाते है न ही वह जिसने जवाब नही दिया । इसे मात्र बाल सुलभ क्रीडा कहें ,इसका यह अर्थ कदापि नही कि लड्का बिगड रहा है या आज की जनरेशन बेशर्म होती जा रही है ,हमारे जमाने न तो दिल की तस्बीरें हुआ करती थी न तीर। रामलीला मे तीर देखा था और दिल का तो हमे तब पता चला जब ग्यारहवें क्लास (आज की हायर सेकेंडरी , मै मैट्रिक ,इन्टर बीए वाली बात कर रहा हू) हां तो तब पता चला जब हाइजिन पढी ,कि शरीर में कही दिल भी होता है ,।अच्छा है ,ये पीढी कितनी समझदार हो चुकी है
जवाब देंहटाएंजाकिर भाई !
जवाब देंहटाएंयह तो रोमांटिसिज्म का जादू ही है
बच्चे के लेटर पर प्रतिक्रिया न होना भी एक प्रतिक्रिया ही है , नजर रखियेगा
हां बच्चे की मनोदशा पर इसका प्रतिकूल न पड़े
एक बार भी कुण्ठित हुआ तो संभालना मुश्किल हो जायगा ।
मतलब जबर्दस्त है......!
आभार ।
londa jawan ho gaya hai hiihihi
जवाब देंहटाएंDo you have a translator button for English on your blog? I would very much like to read your posts.
जवाब देंहटाएंइसे चाहे कोई माने या न माने, हर बच्चे में विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण जन्मजात होता है. ये मेरा Observation है.
जवाब देंहटाएंsab ti vi aur cinema ka jadu hai khair chaliye !!!! apne samjhdari se kaam liyaa!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही रोचक लव-स्टोरी...आपने जो ट्रीटमेंट बच्चे को दिया वो अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंआजकल के बच्चे मीडिया की नज़र से दुनिया देखना सीखते हैं इसलिए यह सब नॉर्मल की श्रेणी में ही आएगा. मेरी भाँजी जब पहली कक्षा में थी तब एक दिन उसने मुझे बताया था कि उसके क्लास के सुयश का अफ़ेयर किसी लड़्की से चल रहा है, मैने पूछा अफ़ेयर क्या होता होता है तो बोली मतलब उन दोनो की शादी होने वाली है.
बतंगड़ तो आप बना ही रहे हैं।
जवाब देंहटाएंबच्चे ने एक वैसा ही खेल खेला जैसे वह दूसरे खेल खेलता होगा और जिन्हें खेलने में भी उसे साथियों की जरूरत रहती ही होगी। कई बार साथी उसका कहा नहीं मान रहे होते होंगे तो वह उनके साथ आगे न खे्लने के मनःस्थिति के साथ होता होगा कभी साथी उसे न खिला रहे होते होंगे तब भी ऎसी ही मनःस्थिति के साथ गुजर रहा होता होगा। बच्चे ने कोई अजूबा नहीं किया। हां उसके खेल का अर्थ आपने अपनी तरह से लगाया। उसने तो बस एक नया खेल- जिसे उसने किसी तस्वीर में, फ़िल्म में या साक्षात किसी को खेलते देखा होगा और उसके मन को वह भा गया होगा।
दिक्कत तो मुझे आपमें लग रही है। बच्चे के साथ खेलें और उसे हर खेल के मायने बताएं तो शायद आपको खुद समझ आ जाएगा कि गलती कहां है।
ज़माना बहुत बदल गया है! आजकल के बच्चे बड़े होशियार हैं और उन्हें हर चीज़ के बारे में ज्ञान है! टीवी, इन्टरनेट इत्यादि देखकर तो बच्चे बहुत कुछ सिख रहे हैं, कुछ ग़लत चीज़ और कुछ अच्छी चीज़ भी! बहुत बढ़िया लगा आपका ये पोस्ट!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब और क्या कहूं
जवाब देंहटाएंबच्चे के लिए प्रेम केवल प्रेम है व्यस्क प्यार नहीं . आपने परिस्थिति को भली भांति संभाल लिया वर्ना कोई भी प्रतिक्रिया विपरीत प्रभाव भी डाल सकती थी .
जवाब देंहटाएंitni jaldi paripakvta bhi acchi nahi hai
जवाब देंहटाएंmai nirmala kapila ji se sahmat hun ye asar media ka hai.
kitne bacche aise hai jo tv par saar garbhit baten sunte hai ya acche programs mai dilchaspi lete hai ?