देर रात एक पुलिसवाला कर रहा था सवारी का इन्तज़ार आते दिखे ट्रक बांधे हुए कतार उसने हाथ दिया रूकने का इशारा किया गति धीमी हुई रूकने का...
देर रात एक पुलिसवाला
कर रहा था सवारी का इन्तज़ार
आते दिखे ट्रक
बांधे हुए कतार
उसने हाथ दिया
रूकने का इशारा किया
गति धीमी हुई
रूकने का भ्रम हुआ
पर दस का नोट गिराकर
हर काई आगे बढ़ गया
देखते ही देखते
हर नोट, जेब में उतर गया
समय कटता गया
जेब का वज़न बढ़ता गया
गाड़यां आती थीं
चली जाती थीं
उसके हाथ सिर्फ
दस–दस की नोट आती थीं
चार घंटे खड़े–खड़े वह
बुरी तरह थक गया
मजबूरी की आग में
बुरी तरह पक गया
दूर एक गाड़ी की झलक पुन: दिखी
खुशी से उसकी आंखें चमक उठीं
ट्रक पास आकर
एक पल को ठहरा
पुलिस वाला झट से
पहिए के आगे पसरा
धैर्य के सारे बंधन टूटे
लबों से उसके कुछ शब्द फूटे
अबे, कुछ तो समझ दर्द करे पेट है
ड़्राइवर नोट बढ़ाकर बोला
साहब, यहां का इतना ही रेट है।
कर रहा था सवारी का इन्तज़ार
आते दिखे ट्रक
बांधे हुए कतार
उसने हाथ दिया
रूकने का इशारा किया
गति धीमी हुई
रूकने का भ्रम हुआ
पर दस का नोट गिराकर
हर काई आगे बढ़ गया
देखते ही देखते
हर नोट, जेब में उतर गया
समय कटता गया
जेब का वज़न बढ़ता गया
गाड़यां आती थीं
चली जाती थीं
उसके हाथ सिर्फ
दस–दस की नोट आती थीं
चार घंटे खड़े–खड़े वह
बुरी तरह थक गया
मजबूरी की आग में
बुरी तरह पक गया
दूर एक गाड़ी की झलक पुन: दिखी
खुशी से उसकी आंखें चमक उठीं
ट्रक पास आकर
एक पल को ठहरा
पुलिस वाला झट से
पहिए के आगे पसरा
धैर्य के सारे बंधन टूटे
लबों से उसके कुछ शब्द फूटे
अबे, कुछ तो समझ दर्द करे पेट है
ड़्राइवर नोट बढ़ाकर बोला
साहब, यहां का इतना ही रेट है।
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