तीस–तीस में नेताजी ने एक बड़ी रैली की भीड़ बड़ी खुश हुई इसी बहाने थैली दी। नेताजी मंच पर आए गीदड़ की तरह दहाड़े माइक को थामे–थामे पढ़ने लग...
तीस–तीस में नेताजी ने
एक बड़ी रैली की
भीड़ बड़ी खुश हुई
इसी बहाने थैली दी।
नेताजी मंच पर आए
गीदड़ की तरह दहाड़े
माइक को थामे–थामे
पढ़ने लगे पहाड़े।
बोले– इस भिक्षवृत्ति ने
देश को बरबाद कर रखा है
करोड़ों की सम्पत्ति पर
भिखारियों ने हाथ साफ कर रखा है।
मैं सौगन्ध खाता हूं
देश से भिखारियों का दाग मिटा दूंगा
ऊपर वाली लाइन में
इन सबको पहुंचा दूंगा।
भीड़ में से आवाज़ आई
नेताजी बारम्बार बधाई
नेताविहीन समाज की
यह स्वप्नमयी आश है
चार सौ बीस शुभकामनाएं
मेरी आपके साथ हैं।
एक बड़ी रैली की
भीड़ बड़ी खुश हुई
इसी बहाने थैली दी।
नेताजी मंच पर आए
गीदड़ की तरह दहाड़े
माइक को थामे–थामे
पढ़ने लगे पहाड़े।
बोले– इस भिक्षवृत्ति ने
देश को बरबाद कर रखा है
करोड़ों की सम्पत्ति पर
भिखारियों ने हाथ साफ कर रखा है।
मैं सौगन्ध खाता हूं
देश से भिखारियों का दाग मिटा दूंगा
ऊपर वाली लाइन में
इन सबको पहुंचा दूंगा।
भीड़ में से आवाज़ आई
नेताजी बारम्बार बधाई
नेताविहीन समाज की
यह स्वप्नमयी आश है
चार सौ बीस शुभकामनाएं
मेरी आपके साथ हैं।
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