यदि आप कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, आलोचना, लेख वगैरह किसी भी विधा में लेखन करते हैं और आपकी किसी भी विधा में हिन्दी में कम से कम एक ...
यदि आप कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, आलोचना, लेख वगैरह किसी भी विधा में लेखन करते हैं और आपकी किसी भी विधा में हिन्दी में कम से कम एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है, तो यह सूचना आपके काम की है। कृपया इसे ध्यान से पढ़ें#
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ ने उत्तर प्रदेश के साहित्यकारों की निर्देशिनी (डायरेक्ट्री) प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। यदि आप हिन्दी में लेखन करते हैं और आपकी किसी भी विधा/विषय में एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है, आप इस डायरेक्ट्री में स्थान पाने के हकदार हैं। डायरेक्ट्री में स्थान पाने के लिए आप निम्नलिखित प्रारूप पर अपना विवरण भेज सकते हैं:
1- साहित्यकार नाम
2- जन्मतिथि व स्थान
3- प्रकाशित कृतियां
4- पुरस्कार/सम्मान
5- साहित्यकार का सूक्ष्म परिचय (अधिकतम 75 शब्दों में, जिसमें सम्बंधित विधा/विधाओं का उल्लेख किया जाए, जिसमें साहित्यकार ने रचना की है।)
6- सम्पर्क सूत्र (दूरभाष, मोबाईल, ईमेल साहित)
साहित्यकार उपर्युक्त प्रारूप पर सूचना को निदेशक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान को राजर्षि पुरूषोत्तमदास टण्डन हिन्दी भवन, 6, महात्मा गांधी मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ-226001 फोन नं0 0522-2614470, 71, 2616465 के पते पर भेज सकते हैं। सूचना को इस प्रकार से भेजें कि यह 21 मार्च 2011 तक संस्थान के पते पर अवश्य पहुंच जाए।
नोट: उक्त डायरेक्ट्री में सिर्फ उन्हीं रचनाकारों को स्थान दिया जाएगा, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ हो अथवा जो पिछले दस वर्षों से उत्तर प्रदेश में निवास कर रहे हों। यदि आपका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ है और आप वर्तमान में कहीं अन्यत्र निवास कर रहे हैं, तो अपनी हाई स्कूल की अंकतालिका/प्रमाण पत्र अवश्य संलग्न कर दें, जिससे यह प्रमाणित हो सके कि आप मूल रूप में उत्तर प्रदेश के निवासी हैं।
निवेदन: आप सभी ब्लॉगरों से निवेदन है कि कृपया इस सूचना को अपने ब्लॉग पर लगा कर अथवा चर्चा में शामिल करके इसकी सूचना अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाऍं, जिससे अधिक से अधिक साहित्यकार इससे लाभान्वित हो सकें।।
अच्छी जानकारी दी है आपने जाकिर भाई !
जवाब देंहटाएंबढ़िया पहल है ... आभार जानकारी का !
जवाब देंहटाएंसाहित्यकारों के लिए सुन्दर जानकारी
जवाब देंहटाएंआभार जाकिर भाई
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nice
जवाब देंहटाएंवाह बढ़िया जानकारी है. पर पहले एक किताब छपवानी पड़ेगी उसकी जानकारी भी दीजिए.:)
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी ,आभार.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी .....
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारी दी है आपने
जवाब देंहटाएंकेवल उत्तर प्रदेश? कोई बात नही जानकारी अच्छी है।
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी दी है आपने जाकिर भाई !
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी दी है आपने जाकिर भाई !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी शुक्रिया |
जवाब देंहटाएंसार्थक जानकारी के लिए आभार ..
जवाब देंहटाएंbas abhi tak koi kitaab nahi prakashit hui?
जवाब देंहटाएं...वो सब तो ठीक.
जवाब देंहटाएंपर लोग इसमें अपना नाम छपवाना क्यों चाहेंगे !
(मैं समझ ही नहीं पा रहा हूं)
यह एक तरह का संदर्भग्रन्थ है, जो शोधार्थियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगा।
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी के लिये शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी दी है आपने.....शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंजानकारी अच्छी है ..पर इसमें नाम छप जाने से क्या होगा ?
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा अति सुन्दर बस इसी तरह लगे रहिये
जवाब देंहटाएंhttp://vangaydinesh.blogspot.com/