कुछ लोगों के लिए ब्लॉगिंग मौज-मस्ती का जरिया है, कुछ लोगों के लिए ब्लॉगिंग इन्टैरक्शन का माध्यम है, किसी लिए ब्लॉगिंग वाह-वाही पाने का मौका...
कुछ लोगों के लिए ब्लॉगिंग मौज-मस्ती का जरिया है, कुछ लोगों के लिए ब्लॉगिंग इन्टैरक्शन का माध्यम है, किसी लिए ब्लॉगिंग वाह-वाही पाने का मौका है, किसी के लिए ब्लॉगिंग घर फूँक तमाशा देखने के समान है, किसी के लिए ब्लॉगिंग साहित्य-सेवा का माध्यम है, किसी के लिए ब्लॉगिंग अपनी दुकान चलाने का अवसर है, किसी के लिए ब्लॉगिंग समाज सेवा का आधार है.... अब क्या-क्या कहें? आपके लिए ब्लॉगिंग जो मायने रखती हो, आप वो सारी बातें इस डैश-डैश के बाद जोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं, हम इसका कतई बुरा नहीं मानेंगे।
हाँ, तो बात ब्लॉगिंग की हो रही है। आप पूछेंगे कि हमारे लिए ब्लॉगिंग क्या है? अगर सचमुच कहूं, तो हमारे लिए ब्लॉगिंग अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाने का एक आसान माध्यम है। और यही कारण है कि मैं अपने पर्सनल ब्लॉग से ज्यादा 'तस्लीम' और 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' को समय दे रहा हूँ। और यह देखकर प्रसन्नता होती है कि आप सबके सहयोग से चलने वाले इस वैज्ञानिक चेतना के आंदोलन को बल मिल रहा है, लोग लगातार उससे जुड़ रहे हैं।
पिछले एक-दो सालों में वैज्ञानिक चेतना को लेकर ब्लॉग जगत में जो हलचल रही है, उसका लेखा-जोखा आप सबने 'साइंस रिपोर्टर' मैग्जीन के जनवरी अंक में पढ़ा ही होगा। डा0 अरविंद मिश्र की इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद एक-दो लोगों ने कहा था कि यह रिपोर्ट हिन्दी में छपती, तो कुछ और बात होती।
साथियो, आप सबको बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है हिन्दी में प्रकाशित होने वाली विज्ञान केन्द्रित चर्चित पत्रिका "विज्ञान प्रगति" के फरवरी अंक में विज्ञान ब्लॉगिंग पर डा0 अरविंद मिश्र एक विस्त़ृत आलेख प्रकाशित हो रहा है। यह आलेख ब्लॉग की उपयोगिता और महत्ता को रेखांकित करने का एक और प्रयास है। आप सब इस लेख को अवश्य पढिएगा और अपनी प्रतिक्रिया से हमें जरूर अवगत कराइएगा।
हाँ, तो बात ब्लॉगिंग की हो रही है। आप पूछेंगे कि हमारे लिए ब्लॉगिंग क्या है? अगर सचमुच कहूं, तो हमारे लिए ब्लॉगिंग अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाने का एक आसान माध्यम है। और यही कारण है कि मैं अपने पर्सनल ब्लॉग से ज्यादा 'तस्लीम' और 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' को समय दे रहा हूँ। और यह देखकर प्रसन्नता होती है कि आप सबके सहयोग से चलने वाले इस वैज्ञानिक चेतना के आंदोलन को बल मिल रहा है, लोग लगातार उससे जुड़ रहे हैं।
पिछले एक-दो सालों में वैज्ञानिक चेतना को लेकर ब्लॉग जगत में जो हलचल रही है, उसका लेखा-जोखा आप सबने 'साइंस रिपोर्टर' मैग्जीन के जनवरी अंक में पढ़ा ही होगा। डा0 अरविंद मिश्र की इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद एक-दो लोगों ने कहा था कि यह रिपोर्ट हिन्दी में छपती, तो कुछ और बात होती।
साथियो, आप सबको बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है हिन्दी में प्रकाशित होने वाली विज्ञान केन्द्रित चर्चित पत्रिका "विज्ञान प्रगति" के फरवरी अंक में विज्ञान ब्लॉगिंग पर डा0 अरविंद मिश्र एक विस्त़ृत आलेख प्रकाशित हो रहा है। यह आलेख ब्लॉग की उपयोगिता और महत्ता को रेखांकित करने का एक और प्रयास है। आप सब इस लेख को अवश्य पढिएगा और अपनी प्रतिक्रिया से हमें जरूर अवगत कराइएगा।
सूचना के लिये धन्यवाद । जरूर पढ़ेंगे ,और जाकिर जी विज्ञान पर आधारित ब्लाग लिखकर आप अच्छा योगदान कर रहे हैं ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंBAHUT BADHIYA JAKIR BHAI> LAGE RAHO>
जवाब देंहटाएंजानकारी तो अच्छी है लेकिन शीर्षक !
जवाब देंहटाएंइस महत्वपूर्ण लेख के लिए डा0 अरविंद मिश्र जी को अग्रिम बधाईयाँ। उनकी छत्रछाया में 'तस्लीम' और 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' ऐसे ही तरक्की करता रहे, हमारी यही कामना है।
जवाब देंहटाएंजानकारी देने के लिए धन्यवाद। मेरी शुभकामनाऎ ।
जवाब देंहटाएंइस महत्वपूर्ण लेख के लिए डा0 अरविंद मिश्र जी को अग्रिम बधाईयाँ।
जवाब देंहटाएंसूचना के लिये धन्यवाद शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंregards
धमाके की पूर्व सूचना काहे दे दी… सीधे कर ही डालते भैया… अब डर लगा रहेगा महीने भर कि पता नहीं क्या होने वाला है… :)
जवाब देंहटाएंjankari ke liye shukriya.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी!
जवाब देंहटाएंअरविन्द जी का आलेख प्रतीक्षित है । आभार सूचना के लिये।
जवाब देंहटाएंअरविंद जी को धन्यवाद कि वे विज्ञान ब्लागीरी को विज्ञान प्रगति तक पहुँचा सके।
जवाब देंहटाएंACCHI JANKARI DI HAI AAPNE, SAMAY SE PAHLE,
जवाब देंहटाएंअच्छी खबर ,धन्यवाद जाकिर भाई .
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंइस महत्वपूर्ण लेख के लिए डा0 अरविंद मिश्र जी को अग्रिम बधाईयाँ।
जवाब देंहटाएं